कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का रविवार (23 मार्च 2025) को आखिरी दिन था। इस मौके पर RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और देश के कई बड़े मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने औरंगजेब, दारा शिकोह, भारत की संस्कृति और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा जैसे गंभीर मसलों पर RSS का रुख साफ किया।
दत्तात्रेय होसबले ने कहा, “हमारे देश में कोई भी मुद्दा उठा सकता है। इतिहास में कई घटनाएँ हुई हैं। दिल्ली में औरंगजेब मार्ग था, उसे बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग कर दिया गया। इसके पीछे कोई मकसद तो है न? भारत में औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी आइकॉन नहीं बनाया गया। जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने दारा शिकोह को आगे क्यों नहीं बढ़ाया? सवाल ये है कि क्या भारत की संस्कृति को तोड़ने वाले को आइकॉन बनाना है या जो यहाँ की परंपराओं के साथ रहे, उन्हें सम्मान देना है? औरंगजेब इस कड़ी में नहीं आता, लेकिन दारा शिकोह उस श्रेणी में फिट बैठते हैं।”
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने आगे कहा, “अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को तो हम स्वतंत्रता संग्राम कहते हैं। लेकिन उनसे पहले जो आक्रांता आए, उनके खिलाफ जो युद्ध हुए, वो भी आजादी की लड़ाई ही थी। जैसे राणा प्रताप ने जो किया, वो भी स्वतंत्रता संग्राम था। जो लोग आक्रमणकारी मानसिकता रखते हैं, वो देश के लिए खतरा हैं। हमें तय करना है कि अपनी संस्कृति को किसके साथ जोड़ना है। ये देशी-विदेशी धर्म की बात नहीं, बल्कि सोच की बात है। यही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का दृढ़ विचार है। बहन निवेदिता क्रिश्चियन थीं, फिर भी वो भारत की होकर रह गईं।”
Bengaluru, Karnataka* | General Secretary of RSS, Dattatreya Hosabale, says, "… There have been a lot of incidents in the past. There was an 'Aurangzeb Road' in Delhi, which was renamed Abdul Kalam Road. There was some reason behind it. Aurangzeb's brother, Dara Shikoh, was not…
— ANI (@ANI) March 23, 2025
हमें अपने नायकों को चुनना होगा, औरंगजेब नायक नहीं
इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने औरंगजेब के खिलाफ बेहद सख्त रुख दिखाया। उन्होंने कहा, “भारत के जो विरोधी रहे हैं, उन्हें आइकॉन नहीं बनाया जा सकता। गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वाले दारा शिकोह को याद क्यों नहीं करते? दिल्ली में औरंगजेब रोड को अब्दुल कलाम रोड बनाया गया, तो इसका मतलब समझना चाहिए। जो हमारी संस्कृति की बात करेंगे, उन्हें ही हम फॉलो करेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने आक्रमणकारी सोच को देश के लिए खतरा बताया और कहा कि हमें अपने नायकों को चुनना होगा।
जानकारी के मुताबिक, बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा। RSS ने इसके खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया। इसमें कहा गया, “बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कट्टरपंथियों की सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न हो रहा है। ये मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।” होसबले ने कहा कि हिंदुओं को वहाँ से पलायन नहीं करना चाहिए, लेकिन उनकी सुरक्षा जरूरी है।
कर्नाटक सरकार की ओर से सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर चल रही बहस के बीच होसबोले ने कहा कि संविधान धर्म आधारित कोटा की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आरक्षण हमारे संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर के खिलाफ हैं।
इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को समाज के हित में बताया और परिसीमन पर भी बोले। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों की लोकसभा सीटें कम नहीं होनी चाहिए, ताकि क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। राम मंदिर पर उन्होंने कहा, “ये RSS की नहीं, पूरे समाज की जीत है।