Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाज'खुद के निकाह में शामिल नहीं हो सकती, तो मस्जिद के अंदर समारोह का...

‘खुद के निकाह में शामिल नहीं हो सकती, तो मस्जिद के अंदर समारोह का क्या मतलब?’: दलीला की दो टूक, भड़की केरल की मुस्लिम संस्था

केरल के मुस्लिमों की संस्था पलेरी-परक्कडवु महल समिति ने कहा था कि निकाह के लिए महिला का मस्जिद में प्रवेश अस्वीकार्य है। समिति ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि वह भविष्य में इस तरह निकाह की अनुमति नहीं देगी।

केरल के कोझिकोड (Kozhikode, Kerala) में मस्जिद में निकाह करनी वाली और उसके अंदर ढेरों फोटो क्लिक करवाने वाली बहजा दलीला (Bahja Dalil) सुर्खियों में हैं। उनके इस कदम को कुछ लोग प्रगतिशील बता रहे हैं, जबकि कुछ मुस्लिम विद्वानों सहित अन्य लोगों ने इसकी निंदा की है। इस पर बहजा दलीला ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “अगर मैं खुद के निकाह में शामिल नहीं हो सकती, तो निकाह के नाम पर मस्जिद के अंदर होने वाले समारोह का क्या मतलब है?”

अपने रिश्तेदारों की मौजूदगी में फहद कासिम से निकाह करने वाली बहजा ने कहा, “इन कथित आलिमों को यह एहसास होना चाहिए कि इस समय दुनिया कितनी तेजी से बदल रही है।” उन्होंने यह भी कहा, “मेरे अब्बू की उपस्थिति में यह निकाह सम्पन्न हुआ है। हमारे परिवार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यह मेरे लिए सबसे यादगार दिन है। इस समारोह को 30 जुलाई को परक्कडवु महल समिति की अनुमति से आयोजित किया गया था।”

हाल ही में कोझिकोड के परक्कडवु जुमा मस्जिद ने कुट्टयदी के रहने वाले केएस उमर को मस्जिद परिसर में अपनी बेटी के निकाह की अनुमति दी थी। उमर की बेटी का नाम बहजा दलीला है, उन्होंने 30 जुलाई 2022 को फहद कासिम के साथ निकाह किया था। इसके बाद केरल के मुस्लिमों की संस्था पलेरी-परक्कडवु महल समिति ने कहा था कि निकाह के लिए महिला का मस्जिद में प्रवेश अस्वीकार्य है। समिति ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि वह भविष्य में इस तरह निकाह की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने इसके लिए समिति के अधिकारी को भी माफी माँगने का आदेश दिया था, जिन्होंने समारोह की अनुमति दी थी।

इंडियन एक्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति पर सवाल उठाते हुए बाहजा ने उनसे पूछा, “इस खुशी के पल में मेरे मस्जिद में ना रहने का क्या मतलब है?” महल समिति ने बीते दिनों बाहजा के परिवार से मिलने का फैसला किया था, ताकि वे उन्हें घटना में उनकी चूक के बारे में बता सकें। समिति ने अपने बयान में लड़की के मस्जिद के अंदर फोटोशूट कराने को कथित रूप से दुर्व्यवहार बताया है।

बता दें कि दुल्हन के अब्बा एस उमर ने भी गैर-जरूरी परम्पराओं को त्यागने की अपील की है। उन्होंने कहा, “दोनों परिवार चाहते थे कि उनकी बेटी मस्जिद में अपनी निकाह की साक्षी बने। ऐसा हमारे इलाके में पहला कार्यक्रम था। मेरी बेटी सहित बाकी अन्य दुल्हनों को भी अपना निकाह देखने का हक है।” गौरतलब है कि इस्लाम में मस्जिदों के अंदर औरतों के प्रवेश की पाबंदी है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कर्नाटक में सारे मुस्लिमों को आरक्षण मिलने से संतुष्ट नहीं पिछड़ा आयोग, कॉन्ग्रेस की सरकार को भेजा जाएगा समन: लोग भी उठा रहे सवाल

कर्नाटक राज्य में सारे मुस्लिमों को आरक्षण देने का मामला शांत नहीं है। NCBC अध्यक्ष ने कहा है कि वो इस पर जल्द ही मुख्य सचिव को समन भेजेंगे।

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe