उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा के बाद पुलिस ने विवादित शाही जामा मस्जिद के ठीक सामने पुलिस चौकी बनाई है। अब आतंकी दाऊद इब्राहिम के करीबी शारिक साठा से जब्त की गई जमीन पर पुलिस चौकी बनाने का काम शुरू किया गया है। देश के सबसे बड़े ऑटोरिक्शा चोर की जब्त यह जमीन हिंदूपूरा खेड़ा इलाके में स्थित है। हिंसा की चपेट में यह इलाका भी आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने साठा की करीब एक करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी।
दरअसल, कोर्ट के आदेश पर विवादित जामा मस्जिद ढाँचे का सर्वे किया जा रहा था। सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को कट्टरपंथी मुस्लिमों ने सर्वे टीम और पुलिस पर हमला कर दिया था। हजारों की भीड़ ने पुलिस पर फायरिंग, पथराव और वाहनों में आगजनी की थी। इसी दौरान हिंदूपुरा खेड़ा क्षेत्र में भी भीड़ ने हिंसा की थी। यहाँ एक दरोगा की मैगजीन लूटकर बाइक में आग लगा दी थी।
इसके साथ ही डीएम और एसपी की मौजूदगी में कट्टरपंथियों ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग की गई थी। इसी जगह पर गोली लगने से पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई और उनके पीआरओ संजीव कुमार घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने कई आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे आरोपितों की अभी भी तलाश जारी है।
इसके पहले विवादित मस्जिद के ठीक सामने खाली पड़ी जमीन पर पुलिस चौकी का निर्माण कराया गया है। उसका नाम सत्यव्रत चौकी रखा गया है। संभल का प्राचीन नाम सत्यव्रत नगर ही है। अब हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित दूसरी जगह हिंदूपुरा है, जहाँ एक दूसरी चौकी का निर्माण कराया जा रहा है। संभल हिंसा में शारिक साठा की संलिप्तता सामने आई है। उसने यहाँ हथियार एवं पैसे आदि भेजे थे।
मूल रूप से मेरठ के दीपा सराय का रहने वाला शारिक साठा की यह जमीन गैंगस्टर ऐक्ट में जब्त की गई है। पिछले कुछ समय समय साठा भागकर दुबई में रह रहा है। शारिक साठा कभी ट्रक और बस पर हेल्पर का काम करता था। इसके बाद अपराधियों के संपर्क में आया और चोरी वह लूटपाट, चोरी, डकैती और वाहन चोरी जैसी घटनाओं में शामिल हो गया।
शारिक साठा ने एक गैंग बनाया और वाहनों की चोरी करने लगा। वह लग्जरी गाड़ियों तक को नहीं छोड़ता था। गाड़ियों को चुराने के बाद वह उन्हें नेपाल में बेच देता था। इस तरह शारिक साठा भारत के सबसे बड़े वाहन चोर गिरोह का सरगना बन बैठा। उसने खूब अवैध कमाई भी की। एक मामले में शारिक को जेल हुई और साल 2018 में वह जेल से छूटा तो फर्जी पासपोर्ट बनाकर दुबई भाग गया।
कुछ रिपोर्ट का कहना है कि वह साल 2020 में दुबई भागा था। साल 2021 में उसके दुबई में होने का पता चला था। साठा पर देश भर में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। नखासा में ही लूट, डकैती, वाहन चोरी, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट समेत 12 मामले दर्ज हैं। एसपी कृष्ण विश्नोई के मुताबिक, पुलिस उसके आपराधिक नेटवर्क को उजागर करने के लिए अन्य राज्यों से भी जानकारी जुटा रही है।
दुबई भागने के बाद वह उसका गैंग गाड़ी चोरी के बजाय जाली नोट का कारोबार करते हैं। शारिक साठा इस काम के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ा हुआ है। उसके चेले भारत में उसका कारोबार संभालते हैं और जरूरत पड़ने पर दुबई उससे मिलने भी जाते हैं। 2021 में उसके दो गुर्गे ₹4 लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गए थे।
उन्होंने उसका नाम लिया था। यह दोनों भी संभल के रहने वाले थे। संभल पुलिस को अब शक है कि 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा में उसके गुर्गे शामिल थे और उसने ही दुबई से इन्हें हिंसा के लिए मदद भेजी थी। पुलिस को हिंसा के कुछ दिन बाद नाली में पाकिस्तान की सरकारी आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस भी बरामद किए थे। आशंका है कि कारतूस भी किसी गुर्गे के जरिए शारिक ने ही भिजवाए थे।