Saturday, June 14, 2025
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दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों से पहले प्रशांत भूषण के ऑफिस में योगेंद्र यादव ने की थी बैठक, उमर खालिद और शरजील इमाम भी थे मौजूद: चार्जशीट से खुलासा

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों की साजिश रचने के लिए साजिशकर्ताओं ने जहाँ बैठकर प्लानिंग की, वो गूगल पर प्रशांत भूषण के कार्यालय का एड्रेस है।

साल 2020 में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण का कनेक्शन सामने आया है। चार्जशीट में मौजूद जानकारी और अन्य दस्तावेजों से पता चलता है कि जहाँ पर बैठकर साजिशकर्ताओं ने चक्का जाम आदि की प्लानिंग की, वो जगह कोई और स्थान नहीं बल्कि 6/6 जंगपुरा है, जहाँ प्रशांत भूषण का कार्यालय भी है।

दिल्ली पुलिस ने हिंदू विरोधी दंगों के मामले में 2700 पेजों की चार्जशीट दाखिल की है जिसमें 700 पन्ने सिर्फ ये क्रोनोलॉजी समझाने में लगाए गए कि कैसे इतने बड़े दंगों के बीज बोए गए। इसमें उस मीटिंग का जिक्र है जो सीएए विरोध प्रदर्शन से पहले हुई थी।

सूत्रों से प्राप्त चार्जशीट में शामिल की गई फोटो

चार्जशीट के मुताबिक, 8 दिसंबर 2019 को ये मीटिंग जंगपुरा बेसमेंट में हुई थी। इसमें योगेंद्र यादव, शरजील इमाम और उमर खालिद शामिल थे। इस बैठक की एक फोटो भी चार्जशीट में शामिल की गई है। साथ ही बताया गया है कि यहीं डिस्कस हुआ था कि चक्का जाम और प्रदर्शन कैसे करना है।

ये बैठक जंगपुरा एक्स्टेंशन ही हुई। इसका खुलासा शरजील इमाम और अरशद वारसी की मैसेज चैट से भी होता है। जंगपुरा की इसी बैठक के बाद हिंसा भड़काने की शुरूआत हुई और प्रदर्शन के आड़ में हिंदुओं के खिलाफ माहौल बनाना शुरू किया गया।

अब ये जंगपुरा की बैठक की जो तस्वीर चार्जशीट में लगाई गई है उसका एड्रेस साफ तौर पर- 6/6, जंगपुरा एक्स्टेंशन लिखा है। इस एड्रेस को अगर गूगल पर डालेंगे तो ये प्रशांत भूषण के ऑफिस के एड्रेस से मेल खाता मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में उनके चैंबर का एड्रेस 6/6 जंगपुरा ही है। इसका जिक्र कई कोर्ट के दस्तावेजों में भी है। नीचे 2021 में डाली गई उनके रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में इस एड्रेस को देखा जा सकता है।

बता दें कि 6/6 जंगपुरा का एड्रेस सिर्फ दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में सामने नहीं आया। इससे पहले भी इस जगह से कई भारत विरोधी कैंपेन की साजिश रची जा चुकी है। यहाँ NAPM (नेशनल अलायंस फॉर पीपुल्स मूवमेंट) का भी दफ्तर है, जिसकी स्थापना सीएए विरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय रहने वाले मेधा पाटकर ने की थी। NAPM का हाथ तमाम इस्लामी कट्टरपंथी के अपराधों को धो-पोंछने और हिंदुओं को दोषी बनाने की कोशिशों में सामने आ चुका है। इसके अलावा दिल्ली दंगों के समय बी इनकी संलिप्ता देखी गई थी।

नोट- दिल्ली दंगों की साजिश मामले में प्रशांत भूषण का नाम आने के बाद इस संबंध में ऑपइंडिया ने उन्हें ईमेल किया है। खबर लिखने तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यदि आगे उनकी प्रतिक्रिया मिलेगी तो ये खबर अपेडट की जाएगी।

(यह रिपोर्ट मूल रूप से नुपूर जे शर्मा ने अंग्रेजी में लिखी है। इसे विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।)

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