Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजशरीयत कानून के खिलाफ बुशरा अली ने उठाई SC में आवाज, संपत्ति में माँगा...

शरीयत कानून के खिलाफ बुशरा अली ने उठाई SC में आवाज, संपत्ति में माँगा अधिकार: याचिका में कहा- मुस्लिम पर्सनल लॉ भेदभाव करता है, संविधान नहीं

मुस्लिमों के सिविल मामलों को शरीयत कानून के तहत देखा जाता है। इसमें महिलाओं के हक से संबंधित कई तरह की खामियाँ हैं। इनमें पुरुषों को चार शादियाँ, तलाक, तलाक के बाद गुजारा भत्ता, संपत्ति में बराबरी का हक, बच्चे को गोद लेने का मामला, बच्चों की कस्टडी, महिलाओं को वसीयत, दान आदि प्रमुख हैं।

एक मुस्लिम महिला ने शरीयत कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि संपत्ति बँटवारे में उसे पुरुष सदस्यों की तुलना में आधा हिस्सा मिला, जो उसके साथ भेदभाव है। महिला ने तर्क दिया कि भारतीय संविधान बराबरी का हक देता है, जबकि शरीयत कानून भेदभावपूर्ण है। ऐसे में उसने न्याय की गुहार लगाई।

बुशरा अली नाम की महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में कहा कि उसके परिवार में जब संपत्ति का बँटवारा हुआ तो उसे 7/152 का हिस्सा दिया गया। महिला ने दावा किया कि वहीं पुरुषों को 14/152 का हिस्सा दिया गया, जो उसकी हिस्सेदारी से दोगुना है।

बुशरा अली ने कहा कि भारत का संविधान बराबरी का हक देता है। इसलिए वह संपत्ति का बँटवारा बराबरी के आधार पर चाहती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई के बाद प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। बता दें कि मुस्लिमों में सिविल मामलों का निबटारा शरीयत कानून पर आधारित मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होता है। इसमें महिलाओं को कई अधिकारों से महरूम रखा गया है।

बुशरा अली ने शरीयत कानून की धारा-2 को चुनौती देते हुए कहा कि संविधान की धारा-15 का उल्लंघन बताया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और संजय करोल ने प्रतिवादी इरफान मोहम्मद और संबंधित को नोटिस जारी किया।

मुस्लिमों के सिविल मामलों को शरीयत कानून के तहत देखा जाता है। इसमें महिलाओं के हक से संबंधित कई तरह की खामियाँ हैं। इनमें पुरुषों को चार शादियाँ, तलाक, तलाक के बाद गुजारा भत्ता, संपत्ति में बराबरी का हक, बच्चे को गोद लेने का मामला, बच्चों की कस्टडी, महिलाओं को वसीयत, दान आदि प्रमुख हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -