Sunday, April 28, 2024
Homeदेश-समाजबाइबल बाँटना, गाँव वालों (SC/ST) को एक जगह जमा करना, 'भंडारा' कराना… यह सब...

बाइबल बाँटना, गाँव वालों (SC/ST) को एक जगह जमा करना, ‘भंडारा’ कराना… यह सब धर्म परिवर्तन के लिए लालच नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

ईसाई धर्म परिवर्तन के दोनों आरोपितों को जमानत देते हुए जज शमीम अहमद ने कहा कि ऐसे मामलों में केवल पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार का सदस्य ही FIR दर्ज करवा सकता है।

  • अगर आप बाइबल बाँटते हैं
  • अगर आप गाँव में लोगों (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय) को जमा कर सभा करते हैं
  • अगर आप बच्चों को पढ़ने के लिए कहते हैं
  • अगर आप लोगों को आपस में झगड़ने से मना करते हैं
  • अगर आप लोगों को शराब पीना से मना करते हैं

…अगर आप ऊपर लिखे गए काम करते हैं, तो इलाहाबाद हाई कोर्ट के अनुसार यह सब धर्म परिवर्तन के लिए लालच देने की श्रेणी में नहीं आता है। जज शमीम अहमद का यह मानना है। धर्म परिवर्तन के 2 आरोपित जोस पापाचेन और शीजा को जज ने जमानत भी इसी आधार पर दी है।

धर्म परिवर्तन के दोनों आरोपितों को जमानत देते हुए जज शमीम अहमद ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में केवल पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार का सदस्य ही एफआईआर दर्ज करवा सकता है। जबकि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री ने शिकायत दर्ज की थी।

उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 का उल्लेख करते हुए जज ने बताया:

“शिकायतकर्ता सत्ताधारी पार्टी का जिला मंत्री है। वो न तो पीड़ित व्यक्ति है, न ही उसका माता-पिता, भाई, बहन या कोई ऐसा व्यक्ति है, जो पीड़ित के साथ खून के रिश्ते में है, या विवाह अथवा गोद लिए हुए रिश्ते में है, इसलिए उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 की धारा 4 के तहत वो (शिकायतकर्ता) इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए भी सक्षम नहीं है।”

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में 24 जनवरी 2023 को इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने इसके बाद 2 आरोपितों जोस पापाचेन और शीजा को गिरफ्तार किया था। दोनों पर आरोप था कि ये गाँव में जाकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए लालच देते थे।

जेल में बंद दोनों आरोपित इससे पहले भी जमानत के लिए अदालत गए थे। इस साल मार्च में इन दोनों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत विशेष न्यायाधीश ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ये लोग इलाहाबाद हाई कोर्ट गए, जहाँ जज शमीम अहमद ने दोनों पक्षों के वकीलों की बात सुन जमानत दी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में आरोपितों के वकील ने तर्क दिया कि ये दोनों केवल अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरणा दे रहे थे, लोगों में बाइबल बाँट रहे थे, गाँव के लोगों को जमा कर सभा आयोजित कर रहे थे और ‘भंडारा’ करा रहे थे। वकील के अनुसार इन सारे कामों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच नहीं कहा जा सकता है।

इस मामले में सरकारी पक्ष के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपित उत्तर प्रदेश में ईसाई राज्य स्थापित करना चाहते थे। ये अन्य धर्मों के लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए अनुचित प्रभाव से लोगों को लुभा रहे थे, गाँव वालों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे थे।

शिक्षा के नाम पर ईसाई बनाने का खेल नया नहीं

2-3 महीने पहले की ही घटना है। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में शिक्षा की आड़ में ईसाई धर्मांतरण हो रहा था। धर्म-परिवर्तन की साजिश वहाँ भी बच्चों को फ्री शिक्षा के बहाने की जा रही थी। फ्री में किताबें और पेंसिल के साथ-साथ ईसाई मत की किताबें भी बाँटी गई थी।

स्कूलों में ईसाई धर्मांतरण का खेल कैसे खेला जाता है, इस जाल में कैसे बच्चे और उनके परिवार वाले फँसते हैं, कैसे छात्र-छात्राओं को यौन शोषण के दलदल में फँसाया जाता है, ऐसे 15 मामलों की लिस्ट हमने पिछले साल बनाई थी। इस लिस्ट में भी सिर्फ वही मामले हैं, जो मीडिया में आ पाए। सच्चाई यह है कि न जाने कितने बच्चे-परिवार ऐसे हैं, जो लालच में आकर ईसाई बन भी गए और खो भी गए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मुस्लिम हूँ इसीलिए नहीं करता था नमस्ते, आदाब की थी आदत’: आमिर खान ने हिन्दू अभिवादन परंपरा को बताया ‘अद्भुत भावना’, बोले – शूटिंग...

आमिर खान ने कहा कि वो एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में उन्हें 'आदाब' वाले और सिर झुकाने वाले अभिवादन की आदत थी, 'नमस्ते' की नहीं।

दिल्ली कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने अपने पद से दिया इस्तीफा: AAP से गठबंधन और कन्हैया कुमार को टिकट देने पर जताई नाराजगी, बोले- प्रभारी करते...

दिल्ली कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे AAP से गठबंधन और कन्हैया को उम्मीदवार बनाने पर नाराज दिखे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe