महाकुंभ पर फर्जी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। उनके निर्देश पर यूपी पुलिस सोशल मीडिया पर 24*7 नजर बनाए हुए है। इसी कारण से कुंभ को लेकर झूठ फैलाने के 54 सोशल मीडिया अकॉउंट्स पर अब तक कार्रवाई हो चुकी है। 13 फरवरी को भी निगरानी के दौरान दो भ्रामक वीडियोज के बारे में पता चला। एक मिस्र से थी और एक पटना से। दोनों को दिखाकर महाकुंभ को बदनाम करने का प्रयास हो रहा था।
मिस्र की वीडियो को दिखाकर बताया जा रहा था कि मिस्र में बहुत भीषण आग लग गई है। घटना में 40-50 वाहन भी जल गए हैं, लेकिन जब जाँचा गया तो वीडियो साल 2020 में कायरो के पाइपलाइन अग्निकांड के दौरान रिकॉर्ड की गई थी।
इस झूठ को फैलाने वालों में ‘इंडिया विद कॉन्ग्रेस’ नाम का एक्स हैंडल भी शामिल है। इसके अलावा हरिंद्र राव, अनिल पटेल, विशाल बाबू, नेमी चंद, सिफा बदौरिया और हेलो प्रयागराज जैसे अकॉउंट शामिल हैं।
इसके अलावा पटना वाली वीडियो को साझा करके ऐसे दिखाया गया जैसे राष्ट्रवादी लोग कुंभ में आर्मी जवानों के ऊपर चप्पल फेंक रहे हैं। हकीकत जबकि ये है कि ये वीडियो पुष्पा-2 के लॉन्च के दौरान एक इवेंट में शूट किया गया था। इस मामले में भी 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर हो गया है।
इनमें इंद्रजीत बराक, सुनील, निहाल, निहाल शेख, डिंपी, सत सेवा, संदेश वाटक न्यूज, लोकेश मीणा, राज सिंह चौधरी, युनूस आलम, अमीनुद्दीन सिद्दीकी, अरविंद यादव अहिरवाल, शिवम कुमार कुशवाहा, जैन रेणु, अमित कुमार नाम के सोशल मीडिया यूजर्स का नाम है।
बता दें कि इससे पहले नेपाल की एक वीडियो को साझा करके भ्रम फैलाया गया था कि महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद शव लावारिस पड़े हैं। वहीं 9 फरवरी को भी धनबाद की वीडियो शेयर करके ऐसे ही झूठा दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपने लापता रिश्तेदारों की तलाश कर रहे तीर्थयात्रियों की पिटाई कर रही है। 12 फरवरी को भी वर्ष 2021 में गाजीपुर में मिले शवों की तस्वीरों को महाकुंभ से जोड़ने वाले 7 अकॉउंट पर एक्शन लिया गया था।
अब पुलिस ऐसी ही फर्जी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन ले रही है। लोगों से भी आग्रह किया जा रहा है कि वे सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतो पर ही भरोसा करें और असत्यापित सामग्री को साझा करने से बचें।