पीएनबी घोटाले का आरोपित 64 साल के मेहुल चौकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। भगौड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी को शनिवार (12 अप्रैल 2025) को सीबीआई के अनुरोध पर बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। चौकसी अभी जेल में बंद है। हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और उनके भांजे नीरव मोदी पर सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी का आरोप है।
मेहुल चौकसी को भारत लाने की तैयारी
सीबीआई ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र लिखा था जिसमें चौकसी की गिरफ्तारी की माँग की गई थी। चौकसी के खिलाफ 23 मई 2028 और 15 जून 2021 को मुंबई कोर्ट से वारंट जारी किया गया था। इसके आधार पर बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
भारत अब मेहुल चौकसी को देश में लाने के लिए बेल्जियम से प्रत्यर्पण की मांग करेगा। चौकसी अपनी पत्नी प्रीति चौकसी के साथ बेल्जियम में रह रहा था। उसकी पत्नी बेल्जियम की नागरिक है। जानकारी के मुताबिक चौकसी ने बेल्जियम में रहने के लिए नकली सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था ताकि भारत लाने से बचा जा सके। उसने भारत के अलावा एंटिगुआ, बारबूडा की नागरिकता की बात भी नहीं बताई थी।
हजारों करोड़ के पीएनबी घोटाले का आरोप
इससे पहले भारत ने एंटीगुआ और बारबूडा से मेहुल चौकसी को भारत लाने की कोशिश की थी लेकिन इलाज के नाम पर वो यहाँ से भाग गया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी 2018 में भारत से विदेश भाग गए थे। इसके कुछ दिन बाद पंजाब नेशनल बैंक में बड़े घोटाले का पता चला था।
बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद चौकसी के वकील ने उसके स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। उसका कहना है कि मेहुल चौकसी की सेहत बहुत खराब है इसलिए उसे कही नहीं ले जाया जा सकता बल्कि उसे जमानत पर रिहा कर देना चाहिए।
पीएनबी के हजारों करोड़ के घोटाले में मुख्य आरोपी के तौर पर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का नाम है। मेहुल चौकसी का भतीजा नीरव मोदी है। नीरव मोदी इस वक्त लंदन की जेल में बंद है और भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी पूरी ताकत लगा रहा है।
आतंकवादी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की सफलता के बाद मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी को केन्द्र की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। अगर चौकसी को भारत लाने में एजेंसियां सफल रहती हैं तो ये पीएनबी घोटाले की जाँच में एक अहम कदम होगा।