मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करके गुरुवार (10 अप्रैल 2025) को भारत लाया गया। भारत में अब उसके खिलाफ केस चलेगा। इसके लिए सरकार ने अधिवक्ता नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसक्यूटर (विशेष सरकारी वकील) नियुक्त किया है। ये नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है।
सरकार ने इस संबंध में बुधवार (9 अप्रैल 2025) की देर रात को अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक, नरेंद्न मान की नियुक्ति NIA के केस नंबर RC-04/2009/NIA/DLI से संबंधित है। यह के मुंबई आतंकी हमले से संबंधित पाकिस्तानी मूल के आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा और उसके सहयोगी दाऊद सईद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ है।

इन दोनों आरोपितों पर मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए इस्लामी आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121A, आतंकवाद निरोधक कानून ‘गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA)’ की धारा 18 और सार्क कन्वेंशन (आतंकवाद की रोकथाम) धारा 6(2) के तहत मामला दर्ज है।
NIA ने यह मामला 11 नवंबर 2009 को दर्ज किया था। दोनों आरोपितों पर लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन को सहयोग देने और भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने का गंभीर आरोप है। एनआईए ने 24 दिसंबर 2011 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में इस केस में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कुल 9 आरोपितों को नामजद किया गया था।
अधिवक्ता नरेंद्र मान इस मामले की पैरवी दिल्ली स्थित NIA की स्पेशल कोर्ट और संबंधित अपीलीय कोर्ट मे करेंगे। उनकी जिम्मेदारी होगी कि तहव्वुर को सख्त सजा दिलाई जाए। वे NIA कोर्ट और अपीलीय कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे। अगर आतंकी तहव्वुर के खिलाफ ट्रायल तीन साल से पहले पूरा हो जाता है तो एडवोकेट नरेंद्र मान का काम वहीं खत्म हो जाएगा।
बता दें कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया है। NIA के अधिकारी गुरुवार (10 अप्रैल 2025) को विशेष विमान से आतंकी तहव्वुर राणा को लेकर भारत आए हैं। यह विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा है। यहाँ से आतंकी तहव्वुर राणा को सीधे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के मुख्यालय ले जाया गया।
CBI के खास अभियोजक रहे नरेंद्र मान
अधिवक्ता नरेंद्र मान पिछले 35 सालों से वे दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। वे 10 साल तक CBI के विशेष लोक अभियोजक भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों को सँभाला है। इनमें साल 2018 का कर्मचारी चयन आयोग (SSC) पेपर लीक मामला, मेडिकल काउंसिल घोटाला, एआईसीटीई घोटाला, सीजीएचएस सोसायटी घोटाला आदि प्रमुख है।
इसके अलावा, उन्होंने सीडब्ल्यूजी मामले, एफसीआरए के तहत मामले, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले, बैंकिंग धोखाधड़ी सहित कई अन्य मामलों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिवक्ता मान दिल्ली हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश माथुर के चैंबर से हैं। उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है।
दिल्ली के हौज खास में रहने वाले नरेंद्र मान 10 साल तक सीबीआई के वकील रहे हैं। कई बड़े मामलों में पहले से पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की भूमिका निभा चुके नरेंद्र मान को अब सरकार ने तहव्वुर राणा केस की जिम्मेदारी भी सौंप दी है। इसके अलावा, आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णनन तहव्वुर राणा के खिलाफ प्रॉसिक्यूनश टीम की अगुवाई करेंगे।