Tuesday, April 29, 2025
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देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ते थे हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन, काट डाला: BJP ने शेयर किया Video, मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ का खून-खराबा

वीडियो में हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के शव दिख रहे हैं, जो मूर्तिकार थे और देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाते थे। उनके घर में इस्लामी कट्टरपंथियों ने लूटपाट की और उसके बाद धारदात हथियारों से उनकी हत्या कर दी।

पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा फैलाई गई हिंसा की चपेट में है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। यह सब वक्फ संशोधन कानून के विरोध के नाम पर शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही इसका असली चेहरा सामने आ गया। मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदुओं को खास तौर पर निशाना बनाया गया। उनके घर, दुकानें, गाड़ियाँ और यहाँ तक कि मंदिर भी नहीं बख्शे गए। इन घटनाक्रमों के बीच, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने मुर्शिदाबाद हिंसा का दिल दहलाने वाला वीडियो शेयर किया है, जिसमें पिता-पुत्र की हत्या कर दी गई।

अमित मालवीय द्वारा जारी वीडियो में हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के शव दिख रहे हैं, जो मूर्तिकार थे और देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाते थे। उनके घर में इस्लामी कट्टरपंथियों ने लूटपाट की और उसके बाद धारदात हथियारों से उनकी हत्या कर दी। तस्वीरों में दिख रहा है कि उनकी आँख पर भी हमला किया है, यानी जिन आँखों से देखकर वो देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ा करते थे, नफरत की आग में इस्लामी कट्टरपंथियों ने उनकी आँखों को भी फोड़ दिया।

अमित मालवीय ने इसे जनसांख्यिकीय आक्रमण करार दिया। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जोगेंद्र नाथ मंडल की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को एक और बांग्लादेश बनाना चाहती हैं, हम उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे।

बता दें कि जोगेंद्र नाथ मंडल अविभाजित भारत के बड़े दलित नेता थे। वो देश के बँटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन बाद में दलितों के दमन को देखते हुए खुद वहाँ से भाग खड़े हुए और भारत में ही वापस आकर उन्हें शरण मिली। जोगेंद्र नाथ मंडल ने हिंदुस्तान में ही दम तोड़ा था।

हिंदुओं को खास तौर पर बनाया गया निशाना

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार (11 अप्रैल 2025) को जुमे की नमाज के बाद मुर्शिदाबाद के सुती और समशेरगंज में हालात बिगड़ गए। इस्लामी हमलावर सड़कों पर उतर चुके हैं। विरोध के नाम पर रेल सेवा रोकी गई, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) के दफ्तर पर पत्थर और लाठियों से हमला हुआ। सारा इलाका ठप हो गया। लेकिन जो सबसे खतरनाक है, वो है हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाना। ये कोई आम विरोध नहीं था, बल्कि इस्लामी भीड़ ने हिंदुओं की दुकानों, घरों और गाड़ियों को टारगेट किया।

खबरों के मुताबिक, हिंदुओं की दुकानों और मंदिरों पर हमला सबसे ज्यादा परेशान करने वाला था। सुती में एक हिंदू दंपति की मिठाई की दुकान ‘सुभा स्मृति होटल’ को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया। दुकान के मालिक ने रोते हुए कहा, “यहाँ मेरी मिठाई की दुकान थी।” उन्होंने अपनी तबाह दुकान की तरफ इशारा करते हुए बताया, “सब कुछ लूट लिया। दुकान में रखा नकद पैसा, सामान, कुछ भी नहीं छोड़ा। अब हम क्या खाएँगे?” उन्होंने कहा, “कुछ नहीं बचा। हमारा सब खत्म हो गया।”

उसी इलाके में ‘श्री हरि हिंदू होटल एंड लॉज’ को भी तोड़ दिया गया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसका वीडियो भी जारी किया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ मंदिरों पर भी हमला हुआ और मूर्तियों को तोड़ा गया, हालाँकि ऑपइंडिया इसकी स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं करता है।

हिंसा की तस्वीरें, स्क्रीनशॉट : X_HinduVoice

हिंदुओं के घरों, दुकानों, गाड़ियों को पहुँचाया नुकसान

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में हिंदू परिवारों के कई घरों को निशाना बनाया गया। भीड़ ने पत्थरबाजी की, सामान लूटा और घरों को तहस-नहस कर दिया।

एक हिंदू व्यापारी अमर भगत की पत्नी मंजू भगत ने आज तक को बताया, “भीड़ ने पहले हमारे घर का सामने का गेट तोड़ने की कोशिश की। जब वो नहीं तोड़ पाए, तो पीछे के रास्ते से घुसने लगे।” उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने हमारी बाइक तोड़ दी, घर में घुसकर कुर्सियाँ, गद्दे, टीवी, महँगे सामान – सब लूट लिया। हमारा पूरा परिवार भगवान का नाम ले रहा था। हम जान बचाने के लिए छत पर छिपे थे। मैं सोच रही थी, अगर मेरी बेटी को कुछ हो गया तो क्या होगा?” मंजू की आवाज में डर और गुस्सा साफ सुनाई दे रहा था।

हिंसा का आलम ये था कि भीड़ ने एक एंबुलेंस तक को नहीं छोड़ा। इंडिया टुडे से बात करने वाले एक चश्मदीद ने बताया, “मुसलमानों ने एंबुलेंस में आग लगा दी। ड्राइवर को बहुत मारा। हम डर के मारे घर में बंद थे। मैंने अपने माँ-बाप, पत्नी और बच्चों को घर में रखा था।” उसने ये भी कहा कि हमलावर कोई बाहरी नहीं, बल्कि स्थानीय लोग थे। एक सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा कि हमलावरों ने एक हिंदू परिवार की गाड़ी को तोड़ा।

एक और पीड़ित ने एएनआई से अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, “उन्होंने बाइक तोड़ीं, दुकानों में आग लगाई, हमारा सामान लूट लिया। रातभर हम डर से जागते रहे। पुलिस कहीं नहीं थी। वो खुद अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे।” उन्होंने गुस्से में पूछा, “अब देखते हैं सरकार हमें कुछ मुआवजा देती है या नहीं।”

इस हिंसा ने मुर्शिदाबाद के हिंदुओं को गहरे जख्म दिए हैं। उनके घर, दुकानें और आजीविका सब तबाह हो गए। मंजू भगत और सुभा स्मृति होटल के मालिक जैसों की कहानी सुनकर लगता है कि ये सिर्फ विरोध नहीं था, बल्कि हिंदुओं को जानबूझकर डराने और नुकसान पहुँचाने की साजिश है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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