Friday, March 14, 2025
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₹1 लाख लो, ईसाई बनो: मध्य प्रदेश से हिंदुओं को ट्रेन में लादकर ले जा रहे थे पंजाब के चर्च, धर्मांतरण करने पर विदेश में नौकरी-बच्चों की क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ाई का दिया था लालच

सबसे पहले विदिशा के गंजबासौदा स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और 11 यात्रियों को उतारा गया। इसके बाद बीना स्टेशन पर चार और यात्रियों को पकड़ा गया। फिर ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को 30 मिनट तक रोककर 3 को पकड़ा गया।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बड़ा धर्मांतरण रैकेट पकड़ा गया है। बुधवार (12 मार्च 2025) की देर रात पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में पुलिस ने 18 यात्रियों को हिरासत में लिया। ये सभी गरीब मजदूर वर्ग से थे, जिन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया गया था।

पुलिस के मुताबिक, छिंदवाड़ा के सेजनाथ सूर्यवंशी और विजय कुमार नाम के दो लोग इन मजदूरों को पंजाब के जालंधर ले जा रहे थे। इन्हें कहा गया था कि अगर वे ईसाई बन जाएँगे, तो एक-एक लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही उनके बच्चों को अच्छे क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ाया जाएगा और विदेश में नौकरी का मौका भी दिया जाएगा। इसी लालच में ये लोग ट्रेन से रवाना हुए थे।

पुलिस को बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सूचना दी थी कि छिंदवाड़ा से बड़ी संख्या में गरीब लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए जालंधर के चर्च ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई। सबसे पहले विदिशा के गंजबासौदा स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और 11 यात्रियों को उतारा गया। इसके बाद बीना स्टेशन पर चार और यात्रियों को पकड़ा गया।

पूछताछ में पता चला कि कोच एस-1 में तीन लोग और हैं। फिर ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को 30 मिनट तक रोककर सघन जाँच की गई। यहाँ से रितेश प्रकाश (37), माना विश्वकर्मा (45) और राकेश (41) को पकड़ा गया। ग्वालियर जीआरपी ने इन्हें गंजबासौदा पुलिस को सौंप दिया।

पकड़े गए यात्रियों ने बताया कि सेजनाथ और विजय कुछ महीने पहले उनसे मिले थे। उन्होंने कहा था कि ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई फायदे मिलेंगे। एक लाख रुपए के अलावा बच्चों की पढ़ाई और विदेश में नौकरी का वादा किया गया था। आरोपितों ने ये भी खुलासा किया कि पहले उन्हें फिरोजपुर के चर्च ले जाया गया था।

ग्वालियर जीआरपी के मुताबिक, बजरंग दल ने बताया कि सेजनाथ और विजय इन लोगों को ट्रेन के कोच एस-1, एस-2, एस-3, एस-4 और एस-5 में बिठाकर ले जा रहे थे। भोपाल पुलिस को सूचना मिली, लेकिन ट्रेन निकल चुकी थी। इसके बाद गंजबासौदा और बीना में कार्रवाई हुई। ग्वालियर में रात 11:30 बजे ट्रेन रुकी, तो पुलिस ने कोच-कोच छान मारा और तीनों को पकड़ लिया।

पुलिस ने बताया कि ये लोग कोच बदलकर छिपने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन 30 मिनट की तलाशी में पकड़े गए। रितेश प्रकाश के पिता का नाम जन प्रकाश, माना विश्वकर्मा के पिता फगुनलाल और राकेश के पिता विजय नागवंशी हैं। ये सभी छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं। पुलिस इस मामले की गहराई से जाँच कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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