असम के बारपेटा जिले के बाघमारा इलाके में शुक्रवार (7 मार्च 2025) को मांस बिक्री को लेकर तनाव फैल गया। कुछ लोगों पर बीफ (गोमांस) के नाम पर घोड़े का मांस बेचने का आरोप लगा है। इसके बाद बाजार में बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने जुटकर 3 लोगों को पकड़ लिया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मारने के लिए लाए गए 6 घोड़ों को भी छुड़ा लिया है।
बता दें कि असम सरकार ने गोमांस की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए राज्य में गोमांस की कमी हो गई है। इसके अलावा, हाल ही में सरकार ने होटल और रेस्तरां सहित सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस के सेवन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के बावजूद मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के होटल और रेस्तरां, खासकर ब्रह्मपुत्र नदी के द्वीपों और रेतीले इलाकों में, अभी भी गोमांस परोसा जा रहा है।
हालाँकि, बाघमारा में कुछ लोगों को संदेह था कि वे जो मांस खा रहे हैं वह गोमांस नहीं है। इसके बाद उन्होंने शुक्रवार (7 मार्च) को इलाके में लाए गए 6 घोड़ों को देखा। चूँकि इस इलाके में घोड़ों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसलिए उन्हें संदेह हुआ। उन्हें लगा कि इन घोड़ों को काटने के लिए लाया गया है। उन्होंने इन्हें ले जा रहे वाहनों को रोका और तीन लोगों को पकड़ लिया।
गुस्साए लोगों द्वारा पकड़े गए इन लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध के बाद उसकी कीमतों में वृद्धि हो गई है। इसलिए कुछ बदमाश गोमांस में घोड़े का मांस मिलाकर बेच रहे थे। लोगों का कहना है कि इलाके के खाने-पीने के सामान वाले पिछले 6 महीनों से ग्राहकों को यही मिलावट वाला मांस बेच रहे थे।
लोगों का आरोप है कि घोड़ों को जंगल में गुप्त रूप से काटा जाता है और उनके मांस को होटलों और रेस्तरांओं में सप्लाई किया जाता है। चूँकि रमज़ान के दौरान इफ्तार पार्टियों के लिए गोमांस की माँग बढ़ जाती है, इसलिए इस बढ़ी हुई माँग को पूरा करने के लिए घोड़े के मांस मिलाकर बेचे जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने हाल के दिनों में जंगल के इलाकों में घोड़ों के अंगों के अवशेष देखे हैं।