Tuesday, April 23, 2024
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पहले यौन शोषण की शिकायत करने वाली कॉलेज छात्राओं पर बनाया दबाव , फिर उनका साथ देने वाले शिक्षकों पर एक्शन

इससे पहले यह बात सामने आई थी कि ​छात्राओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला जा रहा। उनकी पहचान उजागर कर दी गई है।

केरल में उन कॉलेज प्रोफेसरों पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने यौन शोषण की शिकायत करने वाली छात्राओं का समर्थन किया था। मामला तिरुवनंतपुरम के चेम्पाझांथी (Chempazhanthy) स्थित एसएन कॉलेज का है। रिपोर्टों के अनुसार 6 छात्राओं ने इसी साल जुलाई में असिस्टेंट प्रोफेसर टी अभिलाष पर यौन शोषण और आपत्तिजनक मैसेज भेजने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। कोई कार्रवाई नहीं होने उन्होंने अगस्त में राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान से भी इसकी शिकायत की थी।

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार अब उन 5 प्रोफेसरों पर कार्रवाई की गई जिन्होंने इस मामले में छात्राओं का समर्थन किया था। इनमें से तीन का ट्रांसफर कर दिया गया है जबकि दो को सस्पेंड किया गया है। कार्रवाई कॉलेज का संचालन करने वाली श्री नारायण ट्रस्ट कोल्लम की ओर से की गई है। जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है उनके नाम हैं, मनु रेमाकांत, लक्ष्मी एजे, रेम्या सीआर, लेखा एनबी और संगीता हरिहरन। आरोपित टी अभिलाष राजनीति विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है।

रिपोर्ट के अनुसार पीड़ितों का साथ देना कॉलेज मैनेजमेंट को नागवार गुजरा। कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए मनु रेमाकांत को एसएन कॉलेज चेरथला, रेम्या को नाग्यारकुलंगारा और संगीता का तबादला कोल्लम में कर दिया। कार्रवाई से पहले इन शिक्षकों को एक मेमो जारी किया गया था, लेकिन इसकी जानकारी उन्हें 8 नवंबर को मिली। आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि जानबूझकर शिक्षकों को मेमो का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।

खास बात यह है कि आरोपित शिक्षक अभिलाष के खिलाफ कॉलेज प्रशासन ने अब तक कार्रवाई नहीं की है। छात्राओं का साथ देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का विरोध भी हो रहा है। कॉलेज छात्रों ने 9 नवंबर को इस पर आपत्ति जताते हुए प्रबंधन से इसका कारण पूछा। इस मामले में प्रिंसिपल ने कहा कि शिक्षकों के तबादले में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

​इससे पहले यह बात सामने आई थी कि ​छात्राओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया था कि शिकायतकर्ता छात्राओं की पहचान तक उजागर कर दी गई। इतना ही नहीं मामले की जाँच के लिए इंटरनल कंप्लेन कमिटी के गठन में भी यूजीसी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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