Wednesday, November 13, 2024
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केरल में GST विभाग का बड़ा ऑपरेशन, 120 किलोग्राम सोना जब्त: 78 जगह पर रेड, ट्रेनिंग से लेकर घूमने-दर्शन के नाम पर बुलाए गए थे 700 अधिकारी

त्रिशूर में लगभग 3,000 स्वर्ण आभूषण बनाने वाली इकाइयाँ हैं। त्रिशूर का सोने से जुड़ाव तब शुरू हुआ जब रोमन और अरब व्यापारी कोडुंगल्लूर के अब लुप्त हो चुके बंदरगाह शहर मुजिरिस में अक्सर आते थे। हालाँकि, आर्थिक उदारीकरण, स्वर्ण नियंत्रण अधिनियम को निरस्त करने और अनिवासी भारतीयों को 5 किलोग्राम तक सोना लाने की अनुमति देने से स्वर्णकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) खुफिया विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत केरल के त्रिशूर में सोने के आभूषण निर्माताओं के यहाँ से 120 किलोग्राम से अधिक (कुछ रिपोर्ट में 100Kg और कुछ में 105Kg) बेहिसाबी सोना जब्त किया है। GST विभाग के लगभग 700 अधिकारियों ने 78 केंद्रों और दुकानों पर छापेमारी की। जाँचकर्ताओं ने पाँच साल की कर चोरी के सबूतों का खुलासा किया है।

GST विभाग ने छापेमारी की यह कार्रवाई बुधवार (23 अक्टूबर 2024) की शाम को शुरू की, जो अगले दिन भी जारी रही। इस छापेमारी अब तक 35 आभूषण निर्माताओं एवं दुकान मालिकों के 78 परिसरों (कुछ रिपोर्ट में 75 और कुछ में 73) को कवर किया गया है। छापे राज्य जीएसटी विभाग के त्रिशूर स्थित खुफिया और प्रवर्तन विंग द्वारा महीनों तक की गई जाँच के आधार पर शुरू किए गए।

यह कार्रवाई राज्य में जीएसटी विभाग द्वारा की गई अब तक की गई सबसे बड़ी छापेमारियों में से एक है। इसमें करीब 700 अधिकारी शामिल हैं। छापेमारी गुरुवार की दोपहर खबर लिखे जाने तक जारी थी। छापेमारी में आभूषण कारखानों की तलाशी ली गई, जहाँ सोना पिघलाया और तैयार किया जाता है। इसके साथ ही कारोबारी मालिकों के घरों की भी तलाशी ली गई।

जीएसटी के विशेष आयुक्त रेन अब्राहम इस रेड की निगरानी कर रहे हैं, जो शहर भर में चल रहा है। गोपनीयता को बनाए रखने के लिए अधिकारियों को घूमने, जीएसटी प्रशिक्षण या स्थानीय मंदिरों के दर्शन के बहाने बसों और कारों सहित विभिन्न साधनों से त्रिशूर लाया गया। छापे का नाम ‘टोरे डेल ओरो’ रखा गया है, जो स्पेन के एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक ‘द गोल्डन टॉवर’ के नाम से जाना जाता है।

अब्राहम रेन ने कहा, “इसका मुख्य उद्देश्य पाँच वर्षों की अवधि में आभूषण निर्माताओं और आभूषण मालिकों के बीच हुए बेहिसाब लेन-देन का पता लगाना था।” अधिकारियों के अनुसार, जाँच से पता चला है कि कई निर्माता बिना कर चुकाए सोने के लेन-देन में लगे हुए हैं। कुछ मालिकों ने कर चोरी की है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में कर चोरी के सबूत मिले हैं।

त्रिशूर में लगभग 3,000 स्वर्ण आभूषण बनाने वाली इकाइयाँ हैं। त्रिशूर का सोने से जुड़ाव तब शुरू हुआ जब रोमन और अरब व्यापारी कोडुंगल्लूर के अब लुप्त हो चुके बंदरगाह शहर मुजिरिस में अक्सर आते थे। हालाँकि, आर्थिक उदारीकरण, स्वर्ण नियंत्रण अधिनियम को निरस्त करने और अनिवासी भारतीयों को 5 किलोग्राम तक सोना लाने की अनुमति देने से स्वर्णकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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