Saturday, March 1, 2025
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‘जो किताब बाजार में उपलब्ध, उस पर चर्चा मानहानि नहीं’: माँ अमृतानंदमयी के खिलाफ शो को हाईकोर्ट ने नहीं माना आपत्तिजनक, कहा – ये अभिव्यक्ति की आज़ादी

चैनल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रकाश और डायरेक्टर एवं चीफ एडिटर MV नीकेश कुमार ने याचिका दायर की थी।

केरल उच्च न्यायालय ने ‘अम्मा’ के नाम से लोकप्रिय आध्यात्मिक साध्वी माता अमृतानंदमयी से जुड़ी पुस्तक पर टिप्पणी को मानहानि नहीं माना है, साथ ही एक मीडिया चैनल के खिलाफ दायर केस को भी रद्द कर दिया है। उक्त चैनल ने ‘बिग स्टोरी’ शो के माध्यम से ‘अम्मा’ अमृतानंदमयी और उनके मठ पर टिप्पणी की थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि मीडिया सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध पुस्तकों पर चर्चा कर सकता है और ऐसा करने को निष्पक्ष टिप्पणी या आलोचना के अंतर्गत ही माना जाएगा।

केरल हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि ये अभिव्यक्ति की आज़ादी (FoE) के तहत आता है। चैनल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रकाश और डायरेक्टर एवं चीफ एडिटर MV नीकेश कुमार ने याचिका दायर की थी। इन्होंने गेल ट्रेडवेलकी किताब ‘Holy Hell’ पर अपना एक शो बनाया था। आरोप है कि इसमें माता अमृतानंदमयी और उनके आश्रम का अपमान किया गया है। ऐसे में 2014 में IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया गया था।

जस्टिस PV कुन्हीकृष्णन ने कहा कि उक्त किताब Amazon सहित अन्य सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध है और मलयालम में भी इसका अनुवाद हुआ है। साथ ही कहा कि मीडियाकर्मियों को इस पर चुप रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, माता अमृतानंदमयी या उनके शिष्यों ने किताब या उसके लेखक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि ये मीडियाकर्मियों का कर्तव्य है कि ऐसे मुद्दों को जनता तक लेकर जाएँ, इस पर रोक लगाया जाना FoE को भंग करने जैसा होगा।

माता अमृतानंदमयी के एक अनुयायी ने इस संबंध में केस दायर किया था। वही याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शिकायतकर्ता को इससे कोई क्षति नहीं पहुँची है, ऐसे में वो मानहानि का मामला दायर नहीं करवा सकता। कोर्ट ने उक्त अनुयायी को ‘शो से प्रभावित होने वालों’ की सूची में नहीं माना। हालाँकि, हाईकोर्ट ने कहा कि उसे ये पता नहीं है कि किताब के विरुद्ध माता अमृतानंदमयी या उनके मठ ने कोई शिकायत दायर की है या नहीं, वो ऐसा करने को स्वतंत्र हैं।

माता अमृतानंदमयी के बारे में बता दें कि दुनिया भर में उन्हें कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। 71 वर्षीय महिला साध्वी कई सामाजिक कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं। वो ‘अमृता विश्व विद्यापीठम’ की कुलपति भी हैं। ‘हिन्दू पार्लियामेंट’ उन्हें ‘विश्व रत्न’ से सम्मानित कर चुका है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें ‘स्वच्छ भारत’ में योगदान के लिए सम्मानित कर चुके हैं। कोच्चि में वो ‘अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ का भी संचालन करती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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