हरियाणा और पंजाब की सीमा पर एक वर्ष से अधिक समय से बैठे आंदोलनकारी किसान आखिरकार भगा दिए गए। पंजाब की पुलिस ने शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटा दिया है। पुलिस ने किसान नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया है। जल्द ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को खोल दिया जाएगा।
बुधवार (19 मार्च, 2025) शाम को पंजाब पुलिस शंभू और खन्नौरी सीमा पहुँची। यहाँ उसने धरने पर बैठने वाले अधिकांश किसानों को हिरासत में ले लिया। इसके पहले पुलिस ने यहाँ बिजली सप्लाई रोक दी थी। पुलिस ने दोनों सीमाओं पर 200 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेने से पहले उन्हें बसों में बैठ कर वापस चले जाने को कहा। हालाँकि, किसान नहीं माने। DIG मनदीप सिंह ने कहा, “हम 3,000 से ज़्यादा है और तुमलोग सिर्फ कुछ 100 हैं। हम साइट खाली करके रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। आपके नेताओं को चंडीगढ़ में पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है… हम बल नहीं प्रयोग करना चाहते।”
#WATCH | Visuals from the Haryana—Punjab Shambhu Border, where Haryana Police is removing concrete barricades erected to restrict farmers' movement further from where they were sitting in a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 20, 2025
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/hkqyUodLEO
पंजाब पुलिस ने किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल को भी हिरासत में लिया है। यह दोनों नेता ही इस धरने की अगुवाई कर रहे थे। पुलिस ने धरना देने वाले किसानों को गिरफ्तार करने के बाद सीमा पर बनाई गई झोपड़ियों और टेंट पर बुलडोजर चला दिया।
पंजाब पुलिस ने इन सीमाओं पर बनाया गया आंदोलन का सारा इन्फ्रा खत्म कर दिया। पंजाब पुलिस के DIG हरमनबीर गिल ने बताया कि ये आंदोलन अवैध था और पंजाब सरकार ने लगातार इनका सहयोग किया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के चलते व्यापारियों और आम लोगों को परेशानी हो रही थी।
उन्होंने कहा कि किसानों को पहले इस बात के लिए मनाया गया कि वह प्रदर्शन खुद ही खत्म कर लें लेकिन वह नहीं माने। DIG गिल ने बताया कि इन गाँव के आसपास रहने वाले जमींदारों ने खुद ही पुलिस को ट्रैक्टर और बाकी सामान दिया है, ताकि किसानों का इन्फ्रा तोड़ा जा सके।
पंजाब के कारोबारियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। कयास लगाए गए हैं कि AAP सरकार पर राज्य में लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था, जिसके चलते यह एक्शन लिया गया। बीते कुछ दिनों में भगवंत मान सरकार राज्य में रोज होने वाले धरना प्रदर्शन को लेकर सख्त हुई है।
गौरतलब है कि यह आंदोलनकारी किसान 13 फरवरी, 2024 से ही सीमा पर कब्जा करके बैठे थे। इसके चलते दिल्ली-हरियाणा की तरफ से पंजाब या हिमाचल प्रदेश जाने वाले वाहनों को लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। हजारों करोड़ के कारोबार का नुकसान हो चुका था। लगभग 400 दिनों के बाद यह आंदोलन खत्म कर दिया गया।
आशा जताई जा रही है कि अब इन दोनों सीमाओं पर हरियाणा की तरफ से लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए जाएँगे और कुछ ही दिनों में यह रास्ता फिर से बहाल हो जाएगा।