Saturday, October 12, 2024
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जम्मू के रियाज अहमद ने हिंदू बन त्रिपुरा की महिला से की दोस्ती, फिर आंध्र प्रदेश के मंदिर में की शादी: अब कह रहा- मुस्लिम बनो, नहीं तो हत्या कर दूँगा

जम्मू आने के बाद रियाज और उसके घर वालों ने पीड़िता के कहीं आने-जाने पर सख्त पहरा लगा दिया। खुद को संकट में घिरा देखकर पीड़िता 5 माह बाद फिर से जैसे-तैसे करके रियाज़ के घर से भागने में कामयाब रही। इस बार वह राजस्थान के बजाय छत्तीसगढ़ पहुँची। यहाँ उसे एक NGO ने सहारा दिया।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक हिन्दू महिला से लव जिहाद का मामला सामने आया है। त्रिपुरा की रहने वाली पीड़िता ने सोमवार (23 सितंबर 2024) को दी गई तहरीर में आरोप कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाले रियाज़ ने गुलशन बनकर उससे शादी की और बच्चा होने के बाद उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने लगा। इनकार करने पर उसने पीड़िता को शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक NGO के माध्यम से बच्चों को पढ़ाती है। सोमवार को वह शिकायत लेकर रायगढ़ कलेक्ट्रेट पहुँची। अपनी शिकायत में पीड़िता ने कहा कि लगभग 4 साल पहले सोशल मीडिया के जरिए उसका परिचय जम्मू के गाँव कांदी का रहने वाले रियाज़ अहमद से हुआ था। तब रियाज़ ने अपनी प्रोफ़ाइल गुलशन मन्हास के नाम से बना रखी थी।

लगभग 4-5 महीनों की बातचीत में ही रियाज़ और पीड़िता में गहरी दोस्ती हो गई। उन्होंने आपस में मोबाइल नंबर शेयर करके बातचीत शुरू कर दी। साल भर के अंदर ही रियाज़ ने पीड़िता को अपने प्यार के जाल में फँसा लिया। साल 2021 में रियाज़ अहमद ने महिला से शादी करने के लिए कहा और जब वह तैयार हो गई तो उसे आंध्र प्रदेश के व्रदापालम शहर बुलाया।

पीड़िता बिना किसी को बताए व्रदापालम पहुँच गई और वहाँ के एक मंदिर में जून 2021 में दोनों ने शादी कर ली। यह शादी हिन्दू विधि विधान से हुई। शादी के बाद रियाज़ पीड़िता के साथ आंध्र प्रदेश में ही एक किराए के मकान में रहने लगा। जब भी पीड़िता उससे परिवार के बारे में पूछती तो वो टाल-मटोल करने लगता था। थोड़े समय बाद पीड़िता गर्भवती हो गई।

इसके बाद पीड़िता ने 7 दिसंबर 2022 को आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम गुरदीप रखा गया। जब बच्चा 4 माह का हो गया तब पहली बार रियाज़ पीड़िता के साथ अपने गाँव जम्मू गया। जब पीड़िता उसके घर पहुँची तो वहाँ गुलशन बने रियाज़ का घरेलू माहौल एवं तौर-तरीका हिन्दू जैसा नहीं लगा। वह असमंजस में फँस गई।

एक दिन पीड़िता के सामने रियाज़ मुर्गा काटने लगा। मुर्गा को हलाल करते देख पीड़िता को लग गया कि उसने किसी मुस्लिम से शादी कर ली है। महिला ने आसपास पूछताछ शुरू की। तमाम मुस्लिम पड़ोसियों ने राज को दबाए रखा। हालाँकि, कुछ हिन्दू परिवारों ने पीड़िता को बताया कि गुलशन का असली नाम रियाज़ अहमद है। इसके बाद पीड़िता सन्न रह गई। पीड़िता के सामने अब रियाज़ की पोल खुल गई थी।

पोल खुल जाने के बाद रियाज पीड़िता पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाने लगा। इसमें रियाज़ और उसके परिजन भी शामिल थे। हालाँकि, पीड़िता ने धर्मांतरण से इनकार किया तो उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। रियाज़ और उसके घर वालों ने पीड़िता को कत्ल करने की भी धमकी दी। पीड़िता का दावा है कि इस अत्याचार की शिकायत उसने जम्मू के कांदी थाने में की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

पुलिस से मदद नहीं मिलने पर पीड़िता रियाज़ के घर से भागने की फिराक में जुट गई। एक दिन मौक़ा पाते ही वह जम्मू से निकल गई और सीधे दिल्ली पहुँची। खुद को बचाने के लिए पीड़िता ने बार-बार अपनी लोकेशन बदली। वह दिल्ली से भागकर राजस्थान पहुँची। इस बीच रियाज़ को पता चला कि पीड़िता राजस्थान में है और वह वहाँ पहुँचकर पीड़िता को जबरन अपने घर जम्मू ले आया।

जम्मू आने के बाद रियाज और उसके घर वालों ने पीड़िता के कहीं आने-जाने पर सख्त पहरा लगा दिया। खुद को संकट में घिरा देखकर पीड़िता 5 माह बाद फिर से जैसे-तैसे करके रियाज़ के घर से भागने में कामयाब रही। इस बार वह राजस्थान के बजाय छत्तीसगढ़ पहुँची। यहाँ उसे एक NGO ने सहारा दिया।

वह इसी NGO में बच्चों को पढ़ाने का काम करने लगी। बच्चा गुरदीप फिलहाल पीड़िता के ही पास है। सोमवार को महिला ने राजगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई। राजगढ़ के एडिशनल एसपी आकाश मरकाम के मुताबिक, पूरे मामले की जाँच कर के कार्रवाई की जाएगी।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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