मशहूर शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां के पोते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनके नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह किया है। ‘भारत रत्न’ बिस्मिल्ला खां के पोते नासिर अब्बास बिस्मिल्ला ने PM को लिखे पत्र में कहा, “मेरी इच्छा है कि मैं आपके नामांकन प्रक्रिया में शामिल रहूँ। 2014 में कॉन्ग्रेसी हमारे घर आए और हमें कहा गया कि जैसा हम कहें वैसे ही करो और उनके पीछे, मेरे परिवार ने PM मोदी जैसे महान नेता के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।”
2014 में ठुकरा दिया था मोदी के नामांकन में आने का निमंत्रण
नासिर अब्बास बिस्मिल्ला ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि वे वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन भरने आ रहे नरेंद्र मोदी की टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। बता दें कि बिस्मिल्लाह परिवार को 2014 में भी नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन तब इस परिवार ने भाजपा के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। उस समय परिवार द्वारा कहा गया कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं जुड़ना चाहते।
नासिर अब्बास बिस्मिल्ला ने PM मोदी को पत्र लिखते हुए कहा, “मैं भारत रत्न (दिवंगत) उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पोता नासिर अब्बास बिस्मिल्ला आपसे निवेदन करता हूँ कि जब आप हमारे शहर वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने आएँ तो, मैं उस दौरान आपके साथ रहना चाहता हूँ। यह हमारे लिए बहुत ही यादगार और शुभकामनाओं भरा पैगाम होगा।”
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, “मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि एक साल पूर्व मैंने अपने दादा जी की एक शहनाई जिस पर वे धुन बजाया करते थे, आपके हाथों राष्ट्र को समर्पित की थी। जो वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित Trade Facilitation Centre and Craft Museum में रखी है। हमें आपसे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि आप हमें अपने नामांकन कार्यक्रम में जरूर आमंत्रित करेंगे।”
Nasir Abbas Bismillah, grandson of Shehnai maestro late Ustad Bismillah Khan on letter to PM asking to join his nomination process: It’s our desire to join him. If we get an offer we’ll accept; regret we didn’t accept in 2014 as few Congressmen brainwashed our elders. pic.twitter.com/jNE4xfnJ7m
— ANI (@ANI) April 12, 2019
2014 में कांग्रेस ने किया ब्रेनवॉश
बिस्मिल्ला ने पत्र में लिखा, “2014 में, हमें राजनीति की दुनिया के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, हम साधारण लोग हैं अब भी हमें राजनीति के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं। हम संगीतकार है जो धुन बनाया करते हैं। लेकिन लोकल कॉन्ग्रेसी हमारे घर आए और हमें कहा गया कि जैसा हम कहें वैसे ही करो और उनके पीछे, मेरे परिवार ने पीएम मोदी जैसे महान नेता के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।’
उन्होंने आगे कहा कि हमें बहुत पछतावा है कि कॉन्ग्रेस के कहने पर हमारे परिवार में बुजुर्गों ने ऐसा किया। हमने पीएम मोदी द्वारा दिए गए महान सम्मान का अपमान किया, इसके लिए हमें खेद है। बिस्मिल्लाह ने आगे बताया, “हमारे परिवार को जानने वाले स्थानीय कॉन्ग्रेसी नेताओं ने परिवार में बड़ों का ब्रेनवॉश किया और उन्हें उनकी इच्छा के अनुसार करने को कहा। ये नेता मेरे दादाजी के समय से हमारे परिवार के करीब हैं और इसलिए मैं उनके नामों का खुलासा नहीं करना चाहता।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को वाराणसी से नामांकन करेंगे। इससे पहले वह रोड शो भी करेंगे। वाराणसी में 19 मई को मतदान है। 2014 चुनाव में बिस्मिल्ला खां के बेटे दिवगंत जामिन हुसैन से BJP ने प्रस्तावक बनने का संपर्क किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। उनका कहा था कि आजादी से लेकर आखिरी सांस तक उनके पिता ने सियासत से खुद को दूर रखा था।