Friday, April 19, 2024
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‘आतंकियों के लिए आधी रात को खुलता है सुप्रीम कोर्ट’: बंगाल हिंसा पर दायर याचिका की नहीं हुई त्वरित सुनवाई

बंगाल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसकी त्वरित सुनवाई की माँग की गई थी, लेकिन बुधवार को इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।

‘इंडिक कलेक्टिव’ नामक ट्रस्ट ने पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे सुनवाई के लिए तुरंत लिस्ट करने की माँग की गई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में इसकी अर्जेन्ट लिस्टिंग नहीं हो पाई। ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने बताया है कि उसने इस याचिका में पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप की माँग की है।

3 मई 2021 की दोपहर को ये याचिका डाली गई थी। ट्रस्ट ने दावा किया है कि इसके अगले दिन दोपहर तक सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा पूछे गए सारे सवालों के जवाब दे दिए गए थे। जो भी संशय थे, उनका निदान कर दिया गया था। बंगाल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसकी त्वरित सुनवाई की माँग की गई थी, लेकिन बुधवार (मई 5, 2021) को इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। इस पर ट्रस्ट ने नाराजगी जताई है।

उसने कहा कि उसकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद और जे साईं दीपक ने वकील सुविदत्त सुंदरम के साथ मिल कर जस्टिस यूयू ललित के समक्ष इस मामले को 6 मई 2021 को उठाने के लिए मौखिक रूप से आग्रह किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। ‘इंडिक कलेक्टिव’ का कहना है कि वस्तुस्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसकी त्वरित सुनवाई ज़रूरी थी, लेकिन वो नहीं हो पाया।

‘इंडिक कलेक्टिव’ ट्रस्ट ने ट्विटर के माध्यम से रखी अपनी बात

उसने बताया है कि 6 मई को अर्जेंसी को लेकर दूसरा पत्र भेजा गया, लेकिन उसे भी अस्वीकार कर दिया गया। ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने ट्विटर के माध्यम से कहा, “ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सजायाफ्ता आतंकियों के लिए सुप्रीम कोर्ट आधी रात को खुल सकता है लेकिन पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ याचिका लिस्ट तक नहीं की जा रही। अभी भी जानें जा रही हैं। स्पष्ट है कि कुछ लोग बाकियों से ज्यादा ‘बराबर’ हैं।”

आज गर्मी की छुट्टियों से पहले सुप्रीम कोर्ट के कामकाज का अंतिम दिन है। इसके बाद वेकेशन बेंच ही सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में 28 जून 2021 तक गर्मी की छुट्टियाँ रहेंगी। ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने एक बार फिर से वेकेशन बेंच के सामने याचिका की अर्जेन्ट लिस्टिंग के लिए आग्रह करने का निर्णय लिया है। हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो ट्रस्ट को मिली हैं। इस मामले में वो अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 2 दिनों में 3 और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की खबर सामने आई है। बीजेपी के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि झाड़ग्राम (Jhargram) के बिनपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा किसान मोर्चा के मंडल सचिव किशोर मंडी की हत्या कर दी गई। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के शक्ति केंद्र के प्रमुख विश्वजीत महेश की हत्या हुई। पूर्वी बर्धमान के RSS कार्यकर्ता बलराम माँझी की हत्या कर दी गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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