नीति आयोग ने 18 प्रमुख राज्यों का वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक (Fiscal Health Index) जारी किया। शुक्रवार (24 जनवरी 2025) को जारी, यह सूचकांक राज्यों की जीडीपी में हिस्सेदारी, जनसांख्यिकी, सार्वजनिक खर्च, राजस्व और वित्तीय स्थिरता के आधार पर रैंकिंग करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के विश्लेषण पर आधारित इस सूचकांक में पंजाब सबसे नीचे स्थान पर है। अन्य निचले पाँच राज्यों में आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल और हरियाणा शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब व्यय की गुणवत्ता, वित्तीय अनुशासन और ऋण सूचकांक के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करता है, जबकि राजस्व संग्रह और ऋण स्थिरता में थोड़ा बेहतर है। वहीं, ओडिशा ने ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता में सबसे ऊँची रैंकिंग प्राप्त की।
यह सूचकांक पाँच प्रमुख संकेतकों पर आधारित है: व्यय की गुणवत्ता, राजस्व संग्रह, वित्तीय अनुशासन, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता। डेटा मुख्य रूप से नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) से लिया गया है। ओडिशा ने 67.8 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि पंजाब केवल 10.7 अंकों के साथ सबसे निचले स्थान पर रहा। शीर्ष पाँच राज्यों में ओडिशा के बाद छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड और गुजरात शामिल हैं। वहीं, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश भी टॉप परफॉर्मर्स में हैं।
नीति आयोग ने कहा कि ओडिशा ने निम्न वित्तीय घाटे, अच्छी ऋण प्रोफाइल और मजबूत पूंजीगत व्यय अनुपात बनाए रखा है। दूसरी ओर, पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को कमजोर राजस्व संग्रह, उच्च ऋण और बड़े ब्याज भुगतान जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्य लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल पिछले नौ वर्षों से खराब वित्तीय स्थिति में हैं।