Saturday, October 5, 2024
Homeदेश-समाज'देश 1400 साल पुराने शरिया से नहीं चलेगा': 'हिन्दू संकल्प मार्च' में भगवा झंडों...

‘देश 1400 साल पुराने शरिया से नहीं चलेगा’: ‘हिन्दू संकल्प मार्च’ में भगवा झंडों के साथ शांतिपूर्ण विशाल रैली, उदयपुर-अमरावती जैसी घटनाओं पर चेताया

के नेता आलोक कुमार ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हिन्दू संकल्प मार्च भारत में भारत में 1400 साल पुरानी शरिया थोपने की कोशिशों का विरोध है।

राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर और अमरावती जैसी निर्मम हत्याओं के विरोध में हिन्दू संगठनों ने शनिवार (9 जुलाई, 2022) को दिल्ली में ‘हिन्दू संकल्प मार्च’ (Hindu Sankalp March) नाम से एक विशाल रैली निकाली। इसके जरिए हिन्दुओं ने कट्टरपंथी मानसिकता वाले लोगों को ये स्पष्ट संदेश दिया कि देश कानून और संविधान से चलेगा, न कि शरिया (इस्लामी कानून) से।

ये मार्च विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दू संगठनों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बाराखंभा रोड, फिरोज शाह रोड, टॉल्स्टॉय मार्ग, जनपथ, संसद मार्ग, पटेल चौक समेत कई जगहों पर यातायात की विशेष व्यवस्थाएँ कर रखीं थी, ताकि लोगों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

ऑपइंडिया ने इसकी ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग की है। हिन्दू संगठनों का ये मार्च मंडी हाउस से शुरू हुआ और जंतर-मंतर पर जाकर खत्म हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में हिन्दू भगवा झंडा लेकर भजन गाते हुए चलते रहे।

उदयपुर जैसी हत्याओं के विरोध में हिन्दुओं की एकजुटता ने ये संकेत दिया कि अब हिन्दू समुदाय जिहादी ताकतों के हमलों पर मूक दर्शक बनकर नहीं बैठेगा और कानूनी सीमा के दायरे में रहकर इसका तगड़ा विरोध करेगा। रैली के दौरान लोग तिरंगा लहराते रहे।

रैली में शामिल रहे तेजिंदर पाल सिंह बग्गा

जिहादियों और कट्टरपंथी ताकतों के विरोध में निकाली गई इस रैली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा भी शामिल रहे। ऑप इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों में हमने देखा है कि कैसे कुछ लोगों ने भारतीय संविधान को चुनौती दी है, फतवा जारी किया और सिर काटने की धमकी दी। वे लोगों को मारने के लिए इनाम की घोषणा कर रहे हैं। यह मार्च उनके लिए एक संदेश है कि देश भारतीय कानूनों पर चलता है न कि शरिया या जिहाद पर।”

बग्गा ने जोर देकर कहा, “जब-जब वो लोग इस देश को शरीयत और जिहाद के जरिए चलाने की कोशिश करेंगे, हिन्दू समुदाय के लोग सड़कों पर उतरेंगे। गैर-भाजपा शासित राज्यों में हमने पब्लिक प्रॉपर्टी को नष्ट करते, पथराव और आगजनी के हमले देखे हैं, लेकिन यहाँ आपको ऐसा कुछ नहीं देखने को मिलेगा।”

उन्होंने आगे कहा, “यह उनके और हम जैसे शांतिप्रिय लोगों के बीच का अंतर है। यहाँ आपको हिंसा की बात करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं मिलेगा।”

रैली को लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ऑपइंडिया से कहा, “हिन्दू समाज के हर वर्ग के लाखों आज सड़कों पर उतर आए हैं। ये (रैली) लोगों की भावनाओं का परिणाम है। भारत संविधान पर चलेगा, शरिया से नहीं।” वो आगे कहते हैं, “हिन्दू जब सड़क पर उतरता है तो शांतिपूर्ण तरीके से ही उतरता है। वो पत्थरों से लैस नहीं होते। यह रैली जिहादियों, उनके बापों और उनके बच्चों को, जो जिहाद का समर्थन करते हैं, एक तरह का बड़ा मैसेज है। शरिया लागू करने वालों की हार तय है। ये मार्च हिंन्दुओं की एकता की अभिव्यक्ति है।”

मिश्रा ने आगे कहा, “ये पत्थरबाजी और कत्लेआम बंद करो। सिर तन से जुदा की धमकी देना और उसे जायज ठहराना बंद करो। इन अत्याचारों के खिलाफ आज यहाँ लाखों लोग सड़कों पर उतरे हैं।”

इस बीच ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के नेता आलोक कुमार ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हिन्दू संकल्प मार्च भारत में भारत में 1400 साल पुरानी शरिया थोपने की कोशिशों का विरोध है। आलोक कुमार कहते हैं कि यह मार्च हिंदू समाज के सभी वर्गों के बीच एकता को दिखाता है। भाईचारे की जीत होगी और जिहादियों की हार होगी। उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं के उस आत्मबल को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब भी उनपर ऐसी ताकते हमले करें, तो वे अपने जीवन और संपत्ति (कानून की सीमा के भीतर) की रक्षा करने में सक्षम हों।”

इस्लामिक हिंसा का शिकार बन रहे हिन्दू

नूपुर शर्मा का समर्थन करने के मामले में इस्लामवादियों द्वारा उदयपुर में रियाज अटारी और मोहम्मद गौस द्वारा की गई हत्या इस्लामिक हिंसा ही है। कन्हैयालाल का सिर तन से जुदा करने से करीब 7 दिन पहले ही महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के हिन्दू फार्मासिस्ट की हत्या भी नूपुर शर्मा का समर्थन करने को लेकर की गई थी।

इतना ही नहीं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता का समर्थन करने पर टीवी एक्ट्रेस समेत कई लोगों को हत्या की धमकियाँ दी गई हैं। इन हत्याओं के अलावा भी देखें तो आए दिन ये कथित शांतिप्रिय इस्लामवादियों ने दंगों में पब्लिक प्रॉपर्टीज में तोड़फोड़, गाड़ियों को आग लगा दी। इनके दंगों के कारण देशभर में कई शहरों में जीवन थम सा गया था। एक आम हिन्दू अपना धार्मिक भावना की पहचान से अनजान बना इन सब को देखकर चुप बैठा रहा, इस्लामवादियों ने सड़कों पर जमकर तबाही मचाई। अपने ही धर्म के लोगों की चुप्पी और इस्लामवादियों के स्ट्रीट पॉवर ने हिन्दुओं के मन में दहशत भर दी।

हालाँकि, ये ज्ञात होना चाहिए कि इस्लामवादियों की हिंसा का एक चलन सा चला है। कन्हैयालाल की हत्या से पहले किशन और उससे पहले कमलेश तिवारी की हत्या कथित ईशनिंदा के आरोप में ही की गई थी। देश का हिन्दू समाज इस दुविधा में फंस सा गया है कि एक तो अहिंसक बहुमत का हिस्सा है और वो अल्पसंख्यकों के अधिकारों से बेखबर होकर खुद को अत्याचारी नहीं कहलवाना चाहता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हरियाणा में कॉन्ग्रेस के मंच पर महिला नेता के साथ छेड़छाड़, कुमारी शैलजा ने की कार्रवाई की माँग: पूर्व सीएम के सांसद बेटे दीपेंद्र...

कॉन्ग्रेस रैली में महिला नेता के साथ छेड़छाड़ की बात की पुष्टि कुमारी शैलजा ने भी की है। उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान कई जगह हिंसा, फर्जी मतदान को लेकर झड़प: शाम 4 बजे तक 54.3% मतदान, यमुनानगर सबसे ज्यादा...

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटों पर 1031 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, जिसमें 101 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -