Tuesday, July 15, 2025
Homeदेश-समाजनिमिषा, मरियम और प्रयागराज की दलित बच्ची… 'द केरल स्टोरी' फिर हो गई रिपीट:...

निमिषा, मरियम और प्रयागराज की दलित बच्ची… ‘द केरल स्टोरी’ फिर हो गई रिपीट: इस पर चर्च तक है परेशान, चारों तरफ मौजूद हैं ताज, दरकशा और कैफ

केरल में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर चर्च और ईसाई संगठन चिंतित हैं। केरल सरकार पर आरोप है कि वह लव जिहाद की अनदेखी कर रही है, जिससे कट्टरपंथियों को बल मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 साल की नाबालिग दलित बच्ची को एक ‘बेहतर जिंदगी और पैसों’ का सपना दिखाकर उसे बहला फुसला कर उसके ही गाँव से उठाकर दूर केरल ले जाया गया, जहाँ उसके साथ जो हुआ वो किसी डरावने सपने से कम नही था।

यह घटना कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि ये हकीकत है, ठीक वैसी ही जैसे ‘The Kerala Story‘ फिल्म में दिखाया गया था, जिसे कई लोग केवल कल्पना मानते रहे। लेकिन इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इस तरह की घटनाएँ हमारे समाज में सचमुच हो रही हैं और बेहद गंभीर रूप ले चुकी हैं।

लड़की को गाँव की ही 19 साल की कहकशा बानो और 25 साल के मोहम्मद कैफ ने मिलकर बहलाया-फुसलाया और फिर उसे केरल ले गए। वहाँ उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया फिर उसे आतंकवादी संगठनों में शामिल करने की कोशिश की गई।

इस पूरे षड्यंत्र में ताज मोहम्मद नाम का एक और व्यक्ति शामिल है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि लड़की ने जैसे-तैसे हिम्मत जुटाई और पुलिस तक अपनी बात पहुँचाई, जिसके बाद कैफ और कहकशा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कैफ पर ये भी आरोप है कि उसने लड़की के साथ गलत हरकतें की और उसकी इज्जत को ठेस पहुँचाने की कोशिश की। इस पूरे मामले ने एक बार फिर ‘केरला स्टोरी’ जैसी फिल्मों की सच्चाई को सामने ला दिया है, जिसे पहले कुछ लोगों ने केवल एक काल्पनिक कहानी मानकर नकार दिया था।

इस घटना से साफ है कि कैसे कुछ लोग मासूम लड़कियों को अपने जाल में फँसाकर न सिर्फ उनका बचपन और भरोसा तोड़ते हैं, बल्कि उन्हें एक ऐसे अंधेरे रास्ते पर धकेल देते हैं, जहाँ से वापस आना बेहद मुश्किल होता है।

जिहादियों के मंसूबे खतरनाक

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के फूलपुर क्षेत्र से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ 15 वर्षीय एक दलित लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया। आरोप है कि वहाँ उसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया और जिहाद के लिए तैयार करने की कोशिश की गई।

यह मामला शनिवार (28 जून 2025) को तब उजागर हुआ जब लड़की की माँ गुड्डी देवी ने फूलपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि 8 मई को उनकी बेटी अपने गाँव लिलहट में एक राशन डीलर की शादी में शामिल होने गई थी, जहाँ से वह गायब हो गई। उसे आखिरी बार रात करीब 10 बजे देखा गया था।

गुड्डी देवी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसी मोहल्ले की रहने वाली कहकशाँ उर्फ दरकशा बानो नाम की महिला ने उनकी बेटी को बेहतर जीवन और पैसे का लालच देकर फुसलाया और इस्लाम की बातें करके ब्रेनवॉश किया।

इसके बाद बानो ने मोहम्मद कैफ नामक युवक से संपर्क किया, जो मोटरसाइकिल से आया और दोनों महिलाओं को प्रयागराज रेलवे स्टेशन ले गया। इस दौरान कैफ ने लड़की से छेड़छाड़ भी की।

फिर बानो लड़की को लेकर ट्रेन से प्रयागराज से दिल्ली और फिर केरल के त्रिशूर पहुँची। सफर के दौरान उनका लगातार संपर्क ताज मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति से बना रहा, जिसे बानो ने बताया कि वह लड़की को साथ ला रही है।

गुड्डी देवी का यह भी आरोप है कि बानो ने उसे एक अज्ञात नंबर से फोन कर जान से मारने की धमकी दी, ताकि वे पुलिस में शिकायत न करें। शिकायत में यह भी बताया गया कि लड़की को यह कहकर बहलाया गया था कि केरल में कई दलित लड़कियाँ पहले ही इस्लाम अपना चुकी हैं और अब वों सभी खुशहाल जीवन जी रही हैं, कुछ को तो विदेश भी भेजा गया है।

डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जाँच कर रही है और इसमें शामिल सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

नाबालिग ने किसी तरह जहन्नुम से बचाई जान

लड़की ने बताया कि जब वह केरल के त्रिशूर पहुँची, तो उसे एक ऐसी जगह ले जाया गया जहाँ पहले से कई और युवा लड़कियाँ और दाढ़ी वाले पुरुष मौजूद थे। वहाँ पर उससे इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया गया और जिहाद की बातें की गई।

लड़की ने कहा कि वह बहुत डर गई थी और किसी तरह वहाँ से भागकर त्रिशूर रेलवे स्टेशन पहुँची। वहीं पर स्थानीय पुलिस को वह मिली, जिन्होंने तुरंत उसके परिवार को इसकी सूचना दी। इसके बाद त्रिशूर में मौजूद केरल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) ने लड़की को अपनी सुरक्षा में लिया।

फिर फूलपुर पुलिस की मदद से लड़की को उसके परिवार के लोग प्रयागराज वापस लेकर आए। लड़की को इस समय ‘वन स्टॉप सेंटर’ में रखा गया है, जहाँ उसकी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब लड़की ने केरल से अपनी माँ से संपर्क किया, तब पूरी कार्रवाई शुरू हुई। दरकशा बानो, मोहम्मद कैफ और फोन पर धमकाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि फूलपुर थाने में मामले की पूरी जानकारी लेकर संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद पुलिस टीम लड़की के घर गई, उससे बात की और परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए। पुलिस मामले की गहराई से जाँच कर रही है और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

खतरनाक हो चला है जिहादी गठजोड़

डीसीपी गुनावत ने बताया कि पीड़ित लड़की कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में आ गई थी, जिन्होंने पहले उसे पैसों का लालच दिया, फिर उसे इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया और बाद में उस पर जिहाद जैसी कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने का दबाव बनाया।

उन्होंने बताया कि दरकशा बानो नाम की महिला एक ऐसे संगठन से जुड़ी लगती है, जो केरल में सक्रिय है और लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन करवा कर उन्हें जिहाद के लिए तैयार करता है।

डीसीपी के अनुसार, बानो किसी संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो खास तौर पर गरीब और दलित लड़कियों को निशाना बनाता है। उन्हें बहला-फुसलाकर उनका ब्रेनवॉश करता है और फिर उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन कराकर आतंकी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल करता है। यह गिरोह बेहद गहरी प्लानिंग के साथ काम करता है।

मामले में एक और आरोपित ताज मोहम्मद जिसे बानो ने यात्रा के दौरान कई बार फोन किया था, अब प्रयागराज पुलिस की जाँच के घेरे में है। पुलिस को शक है कि ताज मोहम्मद केरल के त्रिशूर में रहता है, इसलिए केरल पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।

प्रयागराज पुलिस ने अब तक की शुरुआती जाँच रिपोर्ट केरल पुलिस को भेज दी है ताकि दोनों राज्यों की पुलिस मिलकर इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर सके। अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि मामले की जाँच के लिए तीन अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया है और ये टीमें लगातार छानबीन कर रही हैं।

प्रयागराज और केरल पुलिस मिलकर गंभीरता से यह जाँच कर रही हैं कि कहीं कोई बड़ा नेटवर्क तो नहीं जो देशभर में गरीब और दलित लड़कियों को इस तरह बहला-फुसलाकर गलत रास्ते पर ले जा रहा हो।

डीसीपी ने कहा कि दरकशा बानो की गतिविधियों की गहराई से जाँच की जा रही है और जो भी व्यक्ति इस गिरोह से जुड़ा पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की है और जाँच अभी भी जारी है।

प्रयागराज पुलिस ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर किसी को इस तरह की गतिविधियों की जानकारी है, तो वह तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचना दें। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि पीड़ित लड़की को पूरी सुरक्षा और सभी जरूरी मदद मिले।

एक परेशान करने वाली वास्तविकता

 केरल में इस्लामी कट्टरपंथ की बढ़ती घटनाएँ अब अपवाद नहीं बल्कि एक खतरनाक सामान्य प्रवृत्ति बनती जा रही हैं। इस्लामवादियों, उदारवादियों और उनके समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा भले ही यह दावा किया जाता हो कि धर्मांतरण और चरमपंथी गतिविधियाँ कुछ गिने-चुने मामलों तक सीमित हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कहीं अधिक चिंताजनक है।

खासकर केरल में बीते वर्षों में इस्लामी कट्टरता में तेजी से इजाफा हुआ है। केरल में मुस्लिम युवाओं द्वारा योजनाबद्ध ढंग से हिंदू और ईसाई लड़कियों को प्रेम और शादी के नाम पर फँसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कराना आम बात हो गई है।

इन लड़कियों को बाद में सीरिया, इराक जैसे मध्य-पूर्वी देशों में भेज दिया जाता है, जहाँ उन्हें या तो सेक्स स्लेव के रूप में इस्तेमाल किया जाता है या आतंकवादी संगठनों में शामिल किया जाता है।

केरल को अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) के लिए एक सक्रिय भर्ती केंद्र माना जाता है। इसकी जड़ें 2013 से शुरू हुईं, जब राज्य में धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथी मॉड्यूल तैयार किए गए। 2014 से आईएसआईएस ने वहाँ सक्रिय रूप से पैर जमाना शुरू कर दिया।

इस पूरे नेटवर्क को बढ़ावा देने में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की बड़ी भूमिका रही है, जिसने केरल को आईएसआईएस की भर्ती का गढ़ बना दिया। 2008 और 2009 के बीच केरल में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाएँ सामने आईं, जिनमें कई महिलाएँ मुस्लिम युवकों से शादी के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी थी और बाद में उन्हें विदेश भेजा गया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर 2016 में यह मुद्दा सबके सामने आया जब कुछ भारतीय महिलाएँ अपने मुस्लिम शौहरों के साथ आईएसआईएस में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान चली गईं। यह मामला तब गंभीर बना जब इन महिलाओं को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई।

इन महिलाओं में मेरिन जैकब पल्लथ उर्फ मरियम, राफैला और सोनिया सेबेस्टियन उर्फ आयशा, निमिशा उर्फ फातिमा शामिल थीं। निमिशा, एक हिंदू लड़की थी जो डॉक्टर बनना चाहती थी। उसके परिवार ने लाखों खर्च कर उसे मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलवाया।

वहीं उसकी मुलाकात सज्जाद सलीम से हुई, जो उसी कॉलेज में पढ़ रहा था। सज्जाद और उसके परिवार ने निमिशा को प्रेम जाल में फंसा कर 2012 में उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवा दिया। जिसके बाद उसका नाम फातिमा रखा गया फिर उसका जबरन निकाह भी कराया गया।

जब वह गर्भवती हुई, तो सज्जाद ने उसे तलाक दे दिया। इसके बाद एक मुस्लिम संगठन ने मदद के नाम पर उसे फिर से एक कनवर्टेड मुस्लिम युवक से निकाह कराया। उसी दौरान उसके मन में इस्लाम और जिहाद के नाम पर कट्टरता भरी गई। फिर आखिर में उसे फिदायीन बम के रूप में अफगानिस्तान भेजा गया।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के अनुसार, निमिशा 2016 से लापता है और अब अफगानिस्तान की काबुल जेल में ISIS आतंकी के रूप में बंद है। उसकी माँ बिंदु ने बताया कि उन्होंने बेटी की तलाश के लिए FIR दर्ज कराई, लेकिन जब तक उन्हें सच्चाई का पता चला, बहुत देर हो चुकी थी। निमिशा का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन वह लव जिहाद और आतंकवाद की शिकार बन गई।

सोनिया की शादी कासरगोड निवासी अब्दुल रशीद अब्दुल्ला से हुई थी, जिसे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बताया है। रफैला की शादी एक स्थानीय डॉक्टर इजास कल्लुकेट्टिया पुरयिल से हुई थी।

इस्लामी खिलाफत की इच्छा

केरल की कुछ युवतियों को 2016 में इस्लाम अपनाने और आतंकवादी संगठन ISIS से जुड़ने के लिए बहकाया गया। ये सभी महिलाएँ अपने शौहरों के साथ भारत से निकलकर ईरान होते हुए अफगानिस्तान पहुँचीं, जहाँ वे इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत (ISKP) का हिस्सा बनना चाहती थीं।

वे कुल मिलाकर 21 लोगों के एक समूह में थीं, जिसमें पुरुष और महिलाएँ दोनों शामिल थे। इनका मकसद ISIS के समर्थन में लड़ना और खलीफा की स्थापना करना था। 2019 में जब अफगानिस्तान और अमेरिका की संयुक्त सेनाओं ने ISIS के खिलाफ अभियान चलाया, तब इन महिलाओं के आतंकी शौहर मारे गए।

इसके बाद इन महिलाओं ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें उनके बच्चों सहित काबुल की जेल में बंद कर दिया गया। 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और जेलों के ताले तोड़े, तो ये महिलाएँ वहाँ से रिहा हो गईं। बाद में उन्होंने यह इच्छा जताई कि वे भारत वापस लौटना चाहती हैं।

इस मामले में एक और अहम नाम यास्मीन अहमद जाहिद का है, जिसे 2023 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया। 2016 में पूछताछ के दौरान यास्मीन ने कबूल किया था कि उसने 6 महिलाओं और 3 बच्चों सहित कुल 22 केरलवासियों की भर्ती की थी, जिन्हें बाद में ISIS द्वारा चलाए जा रहे इलाकों में भेजा गया।

उसने बताया कि अब्दुल रशीद अब्दुल्ला नाम के व्यक्ति ने तब तक 40 केरल के युवाओं का धर्म परिवर्तन करवाया और उन्हें ISIS से जोड़ दिया था। यास्मीन खुद भी अब्दुल रशीद और उसकी पत्नी द्वारा चलाए जा रहे मजहबी कक्षाओं में नियमित रूप से भाग लेती थी।

उस पर आरोप है कि उसने कासरगोड ज़िले से ISIS के 15 सदस्यों की भर्ती की थी। उसने आगे बताया कि केरल के इन लोगों को बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई के एयरपोर्ट से कुवैत, दुबई, मस्कट और अबू धाबी भेजा गया, फिर वहाँ से उन्हें ईरान ले जाकर अफगानिस्तान पहुँचाया गया।

इन सभी गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य था – ISIS के खलीफा शासन की स्थापना में सहयोग करना और अबू बकर अल-बगदादी के समर्थन में काम करना। यह पूरी घटना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कैसे केरल में एक संगठित और कट्टरपंथी नेटवर्क लंबे समय से काम कर रहा है, जो युवाओं को बहला-फुसला कर उन्हें आतंकवादी संगठनों में शामिल कर रहा है।

केरल का चर्च लगातार जता रहा है चिंता

केरल में लव जिहाद को लेकर ईसाई संगठनों और चर्चों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। पहले जहाँ यह मुद्दा मुख्य रूप से हिंदू संगठनों द्वारा उठाया जाता था, वहीं अब  कैथोलिक चर्च और अन्य ईसाई समूह भी इस पर खुलकर सामने आ रहे हैं।

कई पादरियों और बिशपों ने राज्य की वामपंथी सरकार (CPM नेतृत्व) पर लव जिहाद को मूक सहमति देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार और पुलिस इन मामलों की अनदेखी कर रही है, जिससे कट्टरपंथी को बढ़ावा मिल रहा है।

केरल के सबसे बड़े चर्च साइरो मालाबार चर्च ने एक रिपोर्ट में बताया है कि ईसाई लड़कियों को प्रेमजाल में फँसाकर जबरन इस्लाम अपनाने को मजबूर किया जा रहा है और कई मामलों में उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त देशों में भेजा जा रहा है, जहाँ उनका सेक्स स्लेव या आतंकवादी के रूप में इस्तेमाल होता है।

चर्च ने इसे इस्लामिक स्टेट (ISIS) की एक संगठित साजिश बताया, जिसका मकसद राज्य की धार्मिक और सामाजिक एकता को कमजोर करना है। केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (KCBC) और इसके प्रवक्ता फादर वर्गीज वल्लिकट्ट ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें महिलाओं और बच्चों के लापता होने के मामलों की गंभीरता से जाँच नहीं कर रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि लव जिहाद को मूक मंजूरी दी जा रही है। चर्च की रिपोर्ट के अनुसार ISIS द्वारा भर्ती की गई 21 महिलाओं में 12 ईसाई थीं, जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था। पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारंगट ने 2021 में अपने एक भाषण में लव जिहाद और नारकोटिक जिहाद की समस्या को उठाया और कहा कि ईसाई लड़कियों को निशाना बनाकर उनका शोषण किया जा रहा है और फिर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में धकेला जा रहा है।

इसी तरह, मार जोसेफ पैम्प्लेनी ने 2023 में ईस्टर के मौके पर पत्र के जरिए लव जिहाद को एक वास्तविक खतरा बताते हुए इसे लेकर चिंता जताई।

जॉर्ज कुरियन ने लिखा था गृह मंत्री अमित शाह को पत्र

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने भी इस विषय पर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ईसाई लड़कियों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाने की माँग की थी। साल 2019 में लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि लव जिहाद और धर्मांतरण के जरिए भोले-भाले लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में फंसाया जा रहा है।

कुरियन ने बताया कि उनके बेटे के बाद एनआईए ने केरल के कोझिकोड में एक मामले में हस्तक्षेप कर आरोपित को गिरफ्तार किया। उन्होंने एक अन्य घटना का भी जिक्र किया जिसमें दिल्ली की एक ईसाई लड़की के गायब होने के बाद उसे UAE में खोजा गया। लड़की ने बताया कि उसका जबरन मजहब बदलवाया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहाद के जरिए युवाओं को प्यार, पैसे और झूठे वादों से फँसाकर कट्टरपंथी एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। खासकर, गरीब लोगों को उनका शोषण कर के आतंकवाद फैलाने की कोशिश की जा रही है। कुरियन ने चेताया कि भले ही कुछ लोग लव जिहाद को साजिश कहकर खारिज करें, लेकिन ये एक गंभीर मुद्दा है और देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा भी खासकर केरल जैसे राज्यों में।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम काँवड़ लेकर मत जाना’: बच्चों को भविष्य की सलाह नहीं, वामपंथी प्रोपेगेंडा है बरेली के टीचर की कविता, शिक्षा के बहाने हिन्दुओं की...

उत्तर प्रदेश के बरेली में बच्चों को हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ भड़काने वाले एक शिक्षक के ऊपर FIR दर्ज हुई है। इस शिक्षक का नाम रजनीश गंगवार है।

हिन्दुओं-सनातन को गाली देने वाले वजाहत खान को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ा, कहा- बोलने की आजादी दूसरे के अपमान के लिए नहीं: सारी FIR...

हिन्दुओं को गाली देने वाले वजाहत खान को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा-अभिव्यक्ति की आजादी के साथ संयम और कर्तव्य भी याद रखें
- विज्ञापन -