पंजाब के फिरोजपुर जिले की अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में 2022 में हुई चूक के मामले में बड़ा फैसला करते हुए एक प्रदर्शनकारी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि फिरोजपुर कोर्ट ने 25 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और पुलिस को आदेश दिया था कि वो सभी आरोपितों को 22 जनवरी 2025 तक कोर्ट में पेश करे, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए एक व्यक्ति ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में फिरोजपुर के सेशन जज विरिन्दर अग्रवाल ने कथित प्रदर्शनकारी कमलजीत सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और पुलिस को आदेश दिया है कि वो सभी आरोपितों को गिरफ्तार करे। इस मामले में मुख्य आरोपित किसानों में से एक कमलजीत सिंह ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे खारिज करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इस प्रकार की चूक बेहद गंभीर मामला है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जा सकती।
अदालत ने पाया कि आरोपित कई बार समन और वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और फिरोजपुर के कुलगढ़ी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निर्देश दिया कि वह आरोपितों को गिरफ्तार कर 22 जनवरी 2025 तक अदालत में पेश करें।
इस मामले में 3 जनवरी 2025 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत ने यह आदेश उस एफआईआर के आधार पर दिया, जो 6 जनवरी 2022 को इस घटना के संबंध में दर्ज की गई थी। शुरुआत में यह एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी, लेकिन विशेष जाँच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जाँच के बाद 25 किसानों की पहचान की गई। इन किसानों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (सरकारी काम में बाधा), 149 (गैरकानूनी सभा) और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
CORRECTION | Punjab | Court of Virinder Aggarwal, Sessions Judge, Ferozepur rejected the anticipatory bail application of Kamaljeet Singh, one of the people whose name came up during the course of investigation into the matter related to the security breach of PM Modi during his… pic.twitter.com/A4arf6kuHd
— ANI (@ANI) January 17, 2025
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी उस दिन हुसैनीवाला में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जा रहे थे। इसके साथ ही उन्हें पीजीआई फिरोजपुर के सैटेलाइट सेंटर का शिलान्यास भी करना था। लेकिन खराब मौसम और रैली में अपेक्षित भीड़ न होने के कारण उन्होंने हेलीकॉप्टर से यात्रा करने के बजाय सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। जब प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर पहुँचा, तो भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के प्रदर्शनकारियों ने सड़क को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया। इस अवरोध के कारण प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी और उन्हें बठिंडा एयरपोर्ट लौटकर दिल्ली जाना पड़ा।
इस घटना के बाद सुरक्षा चूक को लेकर भारी विवाद हुआ। केंद्र सरकार ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही करार दिया। इस मामले की जाँच के लिए पंजाब पुलिस की एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया। इस एसआईटी की अगुवाई फिरोजपुर के एसपी (इन्वेस्टिगेशन) कर रहे हैं। जाँच के दौरान कुल 26 लोगों की पहचान हुई थी, जिनमें से एक आरोपित, मेजर सिंह की मौत हो चुकी है। अब कुल 25 लोगों को इस मामले में आरोपित बनाया गया है।
इस घटना के बाद राज्य और केंद्र सरकारों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे। विपक्ष ने इसे पंजाब सरकार की लापरवाही करार दिया था, जबकि पंजाब सरकार ने कहा था कि यह प्रदर्शन किसानों के आंदोलन का हिस्सा था। इस बीच, एसआईटी की जाँच में यह पाया गया कि प्रदर्शनकारियों ने योजना बनाकर फ्लाईओवर को जाम कर दिया था, जिससे प्रधानमंत्री के काफिले को वहाँ से गुजरने में मुश्किल हुई।