Thursday, April 25, 2024
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2 सालों से अंकिता सिंह के पीछे पड़ा था शाहरुख़ हुसैन, घर में भी घुस जाता था: हिन्दू छात्रा को बंद करना पड़ा था स्कूल जाना, दादा ने दी मुखाग्नि

एक दिन तो उसने अंकिता के घर के दरवाजे पर लगी ग्रिल को लोहे की खंती से उखाड़ने की कोशिश की। लोक-लाज के भय से परिवार ने पुलिस का रुख नहीं किया।

झारखंड के दुमका में शाहरुख़ नाम के युवक ने 12वीं की छात्रा अंकिता पर पेट्रोल डाल कर उसे ज़िंदा जला डाला, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के क्रम में हिन्दू लड़की की मौत हो गई। अंकिता ने शाहरुख़ का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिसके बाद उसने इस अपराध को अंजाम दिया। मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को शाहरुख़ हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। वहीं अब परिजनों और परिचितों की मौजूदगी में अंकिता का अंतिम संस्कार हुआ।

कड़ी सुरक्षा के बीच अंकिता सिंह की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें लोगों ने प्रशासन के विरोध में नारे भी लगाए। 17 वर्षीय मृतका के दादा ने उसे मुखाग्नि दी। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए दुमका-भागलपुर रोड को जाम कर दिया। दुमका में बंद भी बुलाया गया है। पुलिस ने धारा-144 लागू कर दी है। जरुवाडीह मोहल्ले की अंकिता के हत्यारे शाहरुख़ को पुलिस कस्टडी में हँसते हुए देखा गया, जिससे पता चलता है कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं।

अब ये भी सामने आया है कि शाहरुख़ पिछले 2 वर्षों से अंकिता को प्रताड़ित कर रहा था। एकतरफा सनक में सन चुका शाहरुख़ एक तरह से अंकिता के लिए आतंक सा बन गया था। फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष मौत से 5 दिनों पहले अंकिता ने बयान दर्ज कराया था। इसमें छात्रा ने बताया था कि उसकी ही एक सहेली से उसका फोन नंबर लेने में शाहरुख़ कामयाब हो गया था।

इसके बाद फोन कर के उसने दोस्ती के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। अंकिता उससे बात तक करना पसंद नहीं करती थी। जब अंकिता स्कूल जाती थी, तब भी शाहरुख़ उसका पीछा करता था। वो न सिर्फ फोन पर परेशान करता था, बल्कि रास्ते में भी छेड़खानी करता था। तंग आकर अंकिता ने स्कूल जाना ही बंद कर दिया था। वो अपने पिता के साथ ट्यूशन जाती थी। शाहरुख़ ने अंकिता के घर पर पत्थरबाजी तक की थी।

इतना ही नहीं, शाहरुख़ अक्सर अंकिता के घर में चोरी-छिपे घुस जाता था। एक बार लोगों ने चोर समझ कर उसकी धुनाई भी की थी। हालाँकि, इसके बावजूद वो अपनी करतूतों से बाज नहीं आया। एक दिन तो उसने अंकिता के घर के दरवाजे पर लगी ग्रिल को लोहे की खंती से उखाड़ने की कोशिश की। लोक-लाज के भय से परिवार ने पुलिस का रुख नहीं किया। जब शाहरुख़ की हरकतें हद से आगे बढ़ने लगीं तो पिता ने थाने जाने की ठानी।

हालाँकि, तब शाहरुख़ के बड़े भाई ने उनसे माफ़ी माँगते हुए थाने न जाने को कहा। अब वही परिवार को धमका रहा। कुछ दिनों पहले शहर में डिज्नीलैंड मेला लगा था, जहाँ अंकिता अपने पिता के साथ ही गई थी। अंकिता का परिवार आर्थिक तंगी का शिकार है। पिता संजीव सिंह किराना व्यवसायी हैं। 1 साल पहले अंकिता की माँ कैंसर के कारण चल बसी थीं। अंकिता की बड़ी बहन का विवाह हो चुका है। एक 12 साल का छोटा भाई है घर में। साथ ही दादा-दादी भी हैं। शाहरुख़ हुसैन के बारे में अंकिता ने ये भी बताया था कि वो दूसरी लड़कियों को भी परेशान किया करता था।

घटना से 1 दिन पहले भी शाहरुख़ ने अंकिता को फोन पर धमकी दी थी कि वो उसे जान से मार डालेगा। तड़के 4 बजे उसने अंकिता के घर पहुँच कर खिड़की से पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। अंकिता उस वक्त सोई हुई थी। रिम्स राँची में उसे रेफर किया गया। अंकिता की पीठ, दोनों हाथ, दोनों पैर और पेट के हिस्से जल गए थे। अब प्रशासन शांति की अपील करते हुए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की बात कर रहा है। दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने परिजनों को सुरक्षा, मुआवजा और नौकरी देने की माँग की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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