Thursday, April 18, 2024
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1500 फीट ऊँचा पहाड़, कँटीले रास्ते: बिहार के गनौरी पासवान ने 8 साल में बनाई शिव मंदिर के लिए 400 सीढ़ियाँ, दशरथ माँझी को मानते हैं आदर्श

1500 फीट ऊँची पहाड़ी पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर है। जहाँ गनौरी भजन कीर्तन के लिए जाते थे। मंदिर जाने के लिए पहाड़ी की दुर्गम चढ़ाई करनी पड़ती थी। घंटों की मशक्कत के बाद भक्त यहाँ पहुँच पाते थे। इसलिए गनौरी ने ठाना कि वह वहाँ सीढ़ियाँ बनाएँगे और 8 साल में उन्होंने यह कर दिखाया।

बिहार में पत्नी के लिए पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ माँझी को पूरी दुनिया जानती है। उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए जहानाबाद के शिव भक्त गनौरी पासवान ने 1500 फीट ऊँचे पहाड़ को काटकर शिव मंदिर तक सीढ़ियाँ बना दीं।

बिहार के जहानाबाद से 30 किलोमीटर दूर हुलासगंज थाना क्षेत्र के जारु बनवरिया गाँव के पास ऊँची पहाड़ी पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर है। जहाँ गनौरी भजन कीर्तन के लिए जाते थे। मंदिर जाने के लिए पहाड़ी की दुर्गम चढ़ाई करनी पड़ती थी। घंटों की मशक्कत के बाद भक्त यहाँ पहुँच पाते थे। कांटे और नुकीले पत्थरों से शिव भक्त घायल भी हो जाते थे। मंदिर तक पहुँचने में महिलाओं को तो और भी कठिनाई होती थी।

यह देख शिव भक्त गनौरी पासवान ने बाबा योगेश्वर नाथ धाम तक सीढियाँ बनाने की ठान ली। माउंटेन मैन दशरथ माँझी को अपना आदर्श समझने वाले गनौरी ने पत्थरों को काटकर सीढ़ी बनाने का काम शुरू कर दिया। लोगों के सहयोग और अपने पूरे परिवार के श्रमदान से लगभग 8 साल में काम पूरा हुआ। अब मंदिर तक पहुँचने के लिए एक नहीं बल्कि दो रास्ते बना दिए गए हैं। एक रास्ता जारू गाँव की ओर से और दूसरा बनवरिया गाँव की ओर से बनाया गया है। अब इस मंदिर तक पहुँचने में समय भी कम लगता है और ज्यादा परेशानी भी नहीं होती।

बाबा योगेेश्वर नाथ (फोटो साभार दैनिक भास्कर)

गाँव वालों की मानों तो गनौरी पासवान पहाड़ की तलहटियों में जाकर पुरानी मूर्तियों की भी खोज करते हैं। फिर उन मूर्तियों को योगेश्वर नाथ मंदिर के रास्ते पर स्थापित कर देते हैं। उन्होंने काले पत्थर की भगवान बुद्ध की छह फीट की ऐतिहासिक प्रतिमा भी खोज निकाली थी। गनौरी पासवान अब योगेश्वर नाथ मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होते देखना चाहते हैं।

गनौरी पासवान पहले ट्रक ड्राइवर थे। इसके बाद उन्होंने राज मिस्त्री का काम शुरू किया। काम के बाद उनका ध्यान भगवान शिव की भक्ति में लगा रहता था। गाँव की गायन मंडली के साथ गनौरी पहाड़ पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर में भजन कीर्तन के लिए जाते थे। मंदिर जाने में होने वाली कठिनाई ने उन्हें मंदिर का रास्ता सुगम बनाने के लिए प्रेरित किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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