Monday, May 6, 2024
Homeदेश-समाज'अंडकोष शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा, पर लड़ाई में उसे दबाना हत्या का प्रयास नहीं':...

‘अंडकोष शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा, पर लड़ाई में उसे दबाना हत्या का प्रयास नहीं’: कर्नाटक हाई कोर्ट ने सजा घटाई, पीड़ित को करानी पड़ी थी सर्जरी

हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने पीड़ित के अंडकोष को दबाकर उसे गंभीर चोट पहुँचाई। यह पीड़ित के शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इससे मौत भी हो सकती थी। चोट के चलते पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी कर उसके अंडकोष को हटाना पड़ा। लेकिन फिर भी इसे हत्या करने की कोशिश नहीं कहा जा सकता।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि झगड़े के दौरान किसी व्यक्ति का अंडकोष दबाना हत्या का प्रयास नहीं माना जा सकता। साथ ही ट्रायल कोर्ट का फैसला बदलते हुए दोषी की सजा घटाकर 3 साल कर दी है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने अंडकोष दबाने के आरोपित को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी।

कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस नटराजन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि आरोपित और पीड़ित व्यक्ति के बीच झगड़ा हुआ था। झगड़े के दौरान ही आरोपित ने पीड़ित का अंडकोष दबा दिया। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपित पीड़ित की हत्या करने के इरादे से या तैयारी के साथ आया था। अगर वह हत्या की तैयारी या हत्या का प्रयास करने के इरादे से आया होता तो वह अपने साथ घातक हथियार ला सकता था। 

हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने पीड़ित के अंडकोष को दबाकर उसे गंभीर चोट पहुँचाई। यह पीड़ित के शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इससे मौत भी हो सकती थी। चोट के चलते पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी कर उसके अंडकोष को हटाना पड़ा। यह बेहद गंभीर चोट है। लेकिन फिर भी इसे हत्या करने की कोशिश नहीं कहा जा सकता। यह पूरा मामला शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से को दबाकर गंभीर चोट पहुँचाने का है। इसके बाद हाई कोर्ट ने आरोपित को IPC की धारा 324 का दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई।

क्या है मामला

इस मामले में पीड़ित ओंकारप्पा ने अपनी शिकायत में कहा था कि साल 2010 में वह अन्य लोगों के साथ गाँव के मेले में ‘नरसिंह स्वामी’ जुलूस के सामने नाच रहा था। तभी परमेश्वरप्पा बाइक से वहाँ आया और झगड़ा करने लगा। इसके बाद हुई लड़ाई में परमेश्वरप्पा ने ओंकारप्पा के अंडकोष दबा दिए। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट ने साल 2012 में परमेश्वरप्पा को IPC की धारा 307, 341, 504 के तहत 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद परमेश्वरप्पा ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने उसे राहत देते हुए सजा चार साल काम कर दी ही।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भगवान गणेश की प्रतिमा लेकर तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगी सुनीता विलियम्स, इससे पहले लेकर गई थीं भगवद्गीता: कहा – मैं आध्यात्मिक...

सुनीता विलियम्स ने कहा कि वो इस कमर्शियल क्रू फ्लाइट में अपने साथ भगवान गणेश की प्रतिमा लेकर जा रही हैं क्योंकि वो उनके लिए 'गुड लक चार्म' हैं।

अरविंद केजरीवाल ने खालिस्तानी संगठन से लिए ₹133 करोड़, उप-राज्यपाल ने की NIA जाँच की सिफारिश: USA के गुरुद्वारा में बैठक, पन्नू के SFJ...

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने खालिस्तानी समूहों से फंडिंग लेने के मामले में सीएम केजरीवाल के खिलाफ NIA जाँच की सिफारिश की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -