Friday, October 4, 2024
Homeदेश-समाज'ज्ञानवापी सर्वे पर तुरंत लगे रोक' - अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी पहुँची कोर्ट, ASI...

‘ज्ञानवापी सर्वे पर तुरंत लगे रोक’ – अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी पहुँची कोर्ट, ASI सर्वे टीम के खर्च वाला ‘कुतर्क’

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने कहा है कि मुकदमे के वादी पक्ष (पूजा की माँग को लेकर कोर्ट पहुँचने वाली महिलाओं के पक्ष) ने एएसआई की सर्वे टीम का खर्चा पानी नहीं दिया है।

वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर तुरंत रोक लगाने की माँग को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी फिर से कोर्ट पहुँच गई है। मस्जिद कमिटी ने जिला जज की कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हस्तक्षेप की माँग की और कहा है कि मुकदमे के वादी पक्ष (पूजा की माँग को लेकर कोर्ट पहुँचने वाली महिलाओं के पक्ष) ने एएसआई की सर्वे टीम का खर्चा पानी नहीं दिया है। इसलिए अब सर्वे पर रोक लगाई जाए।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी वही पक्ष है, जो ज्ञानवापी की देखदेख करती है। इस बीच, बुधवार (9 अगस्त 2023) को ज्ञानवापी सर्वे के मीडिया कवरेज पर कोर्ट ने रोक लगा दी। ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर तुरंत रोक लगाने की माँग वाली रिपोर्ट लाइव लॉ ने प्रकाशित की है।

शृंगार गौरी मामले के हिंदू पक्ष को लेकर दायर की याचिका

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने अपनी याचिका में 21 जुलाई 2023 के कोर्ट के आदेश को आधार बनाया है, जिसमें कहा गया था कि एएसआई की सर्वे टीम का खर्च शिकायती पक्ष उठाएगा। यहाँ शृंगार गौरी की पूजा अर्चना को लेकर केस दायर किया गया था, जिसके बाद ज्ञानवापी का सर्वे शुरू हुआ। अब अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने कहा है कि जनरल सिविल रूल के नियम 70 के तहत एएसआई की टीम का खर्च नहीं दिया गया है, ऐसे में तुरंत सर्वे को रोकने का आदेश जारी किया जाए।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने इस याचिका में सर्वे टीम की टाइमिंग पर भी उँगली उठाई है। कमिटी ने कहा है कि सर्वे के आदेश में कोई समय सीमा नहीं बताई गई थी, ऐसे में सर्वे टीम कभी भी अपना काम शुरू कर देती है। इनका कहना है कि सर्वे टीम के काम करने के समय और तरीकों को लेकर कोर्ट कोई आदेश जारी करे, इसलिए भी इस सर्वे पर रोक लगाना जरूरी है। इस मामले में अब हिंदू पक्ष 17 अगस्त को अपनी बात कोर्ट में रखेगा।

ज्ञानवापी सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक

बता दें कि 9 अगस्त को वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की ऑन स्पॉट मीडिया कवरेज नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सर्वे टीम के सदस्यों को भी निर्देश दिया है कि वो सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया के साथ साझा न करें। जिजा जज एके विश्वेश ने ज्ञानवापी मैनेजमेंट कमिटी की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है। कमिटी ने एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर लोग लगाने की माँग की थी।

इस मामले में हिंदू पक्ष के एक वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि सर्वे वाली जगह की ऑन स्पॉट रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए, साथ ही सर्वे की टीम के सदस्य भी मीडिया से बातचीत न करें। इससे जुड़ी कोई भी जानकारी सोशल मीडिया पर भी शेयर न की जाए, क्योंकि इससे शांति व्यवस्था के भंग होने का खतरा है। मदन मोहन यादव इस मामले की सुनवाई के समय कोर्ट में मौजूद थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गिर सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई रोकने से हाई कोर्ट का इनकार, प्रशासन ने अवैध मस्जिदों, दरगाह और कब्रों को कर दिया था समतल: औलिया-ए-दीन...

गुजरात हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर को मुस्लिमों की मस्जिद, दरगाह और कब्रों को तोड़ने पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।

इतना तो गिरगिट भी नहीं बदलता रंग, जितने विनेश फोगाट ने बदल लिए

विनेश फोगाट का बयान सुनने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि राजनीति में आने के बाद विनेश कितनी सच्ची और कितनी झूठी हो गई हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -