उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ सुनवाई करेगी। पहले ये सुनवाई आज ही होनी थी लेकिन फिर इसे कल के लिए सूचीबद्ध किया गया। इस बीच जजों को मामले का विवरण दिया गया जिसे सुन जस्टिस मित्तल ने कहा- “आजकल तो लोग चुनाव जेल में बैठकर चुनाव लड़ लेते है… जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान हो गया।”
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, आगे जस्टिस मित्तल ने कहा कि हुसैन जैसे लोगों के तो चुनाव लड़ने पर ही रोक लगा दिया जाना चाहिए।
'All such persons should be barred from contesting': J. Pankaj Mithal of #SupremeCourt on plea filed by AIMIM candidate and Delhi Riots accused Tahir Hussain seeking interim bail to campaign for Delhi Assembly polls
— Live Law (@LiveLawIndia) January 20, 2025
Recently, Delhi HC granted Hussain parole to file nomination pic.twitter.com/ukkHz01Fzs
गौरतलब है कि AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने कुछ समय पहले हाई कोर्ट से कस्टडी पेरोल दी गई थी ताकि वो चुनावों में नामांकन कर सके। उस समय दिल्ली पुलिस ने उसकी बेल का विरोध किया था ये कहकर कि ताहिर हुसैन दंगों का मुख्य साजिशकर्ता, सरगना और फंडिंग करना वाला है। वह UAPA और PMLA सहित तीन मामलों में जेल में हैं।
इसके अलावा उसके खिलाफ इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला दर्ज है। मार्च, 2024 में ट्रायल कोर्ट ने हुसैन और अन्य के खिलाफ धारा 147, 148, 153ए, 302, 365, 120बी, 149, 188 और 153ए आईपीसी के तहत आरोप तय किए हैं। हुसैन पर धारा 505, 109 और 114 आईपीसी के तहत भी आरोप लगाए गए है।
दिल्ली पुलिस का पक्ष सुनकर ताहिर हुसैन की बेल याचिका खारिज कर दी गई और सिर्फ नामांकन के लिए कस्टडी पैरोल दी गई। अब ताहिर हुसैन चुनाव प्रचार के लिए बाहर आना चाहता था। पहले उसने 14 जनवरी से 9 फरवरी तक जेल से बाहर रहने के लिए याचिका डाली थी।
उल्लेखनीय है कि साल 2020 में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगा के बाद ताहिर हुसैन गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन और 10 अन्य आरोपियों पर हत्या सहित कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन की गतिविधियाँ इस बात का संकेत थीं कि वह भीड़ को उकसाने का काम कर रहा था। हुसैन ने तब अपने बचाव में कहा था कि वो दंगाइयों को उकसाने नहीं, रोकने का प्रयास कर रहा था। हालाँकि सारे सबूत उसके खिलाफ थे।