तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में साल 2013 में हुए दिलसुखनगर विस्फोट को 12 साल बीत चुके हैं। इस मामले में मंगलवार (08 अप्रैल 2025) को तेलंगाना हाई कोर्ट ने लगभग 45 दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इस मामले में पाँच दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। बता दें कि दिसंबर 2016 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने सभी आरोपितों को मौत की सजा सुनाई थी। दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में शामिल जस्टिस के. लक्ष्मण और पी. श्रीसुधा ने विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा और दोषियों की अपीलें खारिज कर दीं। हाई कोर्ट ने कहा कि यह मामला ‘Rarest of the Rarest’ की श्रेणी में आता है। इसमें निर्दोष लोगों की जानें गईं और समाज में आतंक फैलाया गया। अदालत ने कहा कि दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जो उनकी संलिप्तता को साबित करते हैं।
#WATCH | Hyderabad, Telangana: On 2013 Dilsukhnagar blast case, Advocate Mohd Shujaullah Khan says, "High Court has confirmed the judgement passed by the Trial Court, confirming judgement of the trial court. I am the counsel for accused number 6. We are definitely going to appeal… pic.twitter.com/oT0DFJ6m4n
— ANI (@ANI) April 8, 2025
वहीं, दिलसुखनगर विस्फोट मामले पर अधिवक्ता मोहम्मद शुजाउल्लाह खान ने कहा, “मैं अभियुक्त संख्या 6 का वकील हूँ। हम सुप्रीम कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं, क्योंकि हम अपने देश की न्याय प्रणाली में विश्वास करते हैं। निर्णय की प्रति अभी तक नहीं दी गई है और न्यायाधीश ने कहा है कि प्रतियाँ आज उपलब्ध होंगी। इसके बाद हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।”
NIA कोर्ट से मौत की सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने साल 2016 में उत्तर प्रदेश का रहने वाला असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, पाकिस्तानी जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, बिहार का रहने वाला मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ हसन उर्फ मोनू, कर्नाटक का रहने वाला मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासीन भटकल, महाराष्ट्र का रहने वाला एजाज शेख उर्फ समर अरमान टुंडे और सैयद मकबूल जुबेर को मौत की सजा सुनाई थी। जुलाई 2024 में पुरानी बीमारी के इलाज के दौरान मकबूल की मृत्यु हो गई थी।
विस्फोट में 18 की मौत, मुख्य आरोपित फरार
दरअसल, 21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के दिलसुखनगर क्षेत्र में दोहरे बम विस्फोट हुए, जिनमें 18 लोगों की मौत हुई और 131 से अधिक लोग घायल हुए थे। पहला विस्फोट शाम 6:58 बजे बस स्टॉप पर हुआ था और उसके कुछ सेकंड बाद दूसरा विस्फोट पास के रेडियो मिर्ची सेंटर के करीब हुआ था। इन विस्फोटों में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज़ (IEDs) का उपयोग किया गया था।
इन्हें टिफिन बॉक्स में छिपाकर साइकिलों पर रखा गया था। मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने शुरू की तो पता चला कि इस आतंकी हमले में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ और इसका सरगना यासीन भटकल और उसका भाई रियाज भटकल है। रियाज भटकल अभी तक फरार है। वहीं, यासीन भटकल को साल 2013 में नेपाल सीमा के नजदीक गिरफ्तार किया गया था।