Saturday, November 9, 2024
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उत्तराखंड के UCC कानून को मिली राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी, बन गया कानून, CM धामी ने कहा: गौरव का क्षण

त्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक 7 फरवरी को एक विशेष सत्र में पास किया गया था। इसके बाद यह मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 11 मार्च, 2024 को दी गई है। राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा UCC कानून को मंजूरी देने की जानकारी उत्तराखंड के गजट के माध्यम से दी गई है। अब उत्तराखंड में UCC ने क़ानून का रूप ले लिया है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किए गए गजट में बताया गया है, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 201 के अधीन माननीय राष्ट्रपति ने उत्तराखण्ड विधान सभा द्वारा पारित ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड, 2024 विधेयक पर दिनाँक 11 मार्च, 2024 को स्वीकृति प्रदान की है।”

उत्तराखंड के UCC कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसन्नता जताई है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी।”

आगे उन्होंने आगे लिखा, “प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूनिफार्म सिविल कोड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।”

गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक 7 फरवरी को एक विशेष सत्र में पास किया गया था। इसके बाद यह मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब, जबकि इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, यह राज्य में जल्द ही लागू हो जाएगा। उत्तराखंड UCC लागू करने वाला अब देश का पहला राज्य होगा।

इस UCC कानून को एक पाँच सदस्यीय पैनल ने तैयार किया है। इस पैनल की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई कर रही थी। उनके पैनल ने पिछले माह ही यह रिपोर्ट धामी कैबिनेट को सौंपी थी, इसके बाद कानून विधानसभा में लाकर पारित किया गया था।

गौरतलब है कि UCC कानून में विवाह, तलाक और लिव इन से सम्बंधित कई नियम बनाए गए हैं। उत्तराखंड में लिव इन में रहने वालों को भी इस कानून के लागू होने के बाद सरकार को सूचित करना होगा। इसके अलावा राज्य में बहुविवाह अदि पर भी रोक लग सकेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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