राजस्थान के जिस भीलवाड़ा मॉडल के नाम पर गाँधी परिवार अपनी पार्टी, अपनी सरकार और अपने नेताओं की पीठ थपथपाने में लगा हुआ है, उसी भीलवाड़ा मॉडल पर राजस्थान की एक सरंपच ने गाँधी परिवार को करारा जवाब दिया है। महिला सरपंच ने कहा है कि जिस भीलवाड़ा मॉडल पर सोनिया गाँधी अपने बेटे राहुल गाँधी और राज्य सरकार की तारीफ कर रही हैंस वह वहाँ की जनता की मेहनत और पीएम मोदी द्वारा की गई अपील का परणाम है।
भीलवाड़ा वासियों की मेहनत का श्रेय सोनिया गांधी जी द्वारा राहुल गांधी जी को दिया जाना दुःखद हैं। pic.twitter.com/B9tSu52h2e
— Sarpanch Kismat Gurjar (@SarpanchOnline) April 11, 2020
राजस्थान की महिला सरपंच किस्मत गुर्जर ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि जब उन्हें जानकारी मिली कि भीलवाड़ा मॉडल का श्रेय सोनिया गाँधी द्वारा राहुल गाँधी और राज्य की सरकार को दिया जा रहा है तो बेहद दुःख हुआ। बल्कि हकीकत यह है कि जिसे भीलवाड़ा मॉडल कहा जा रहा है उसके पीछे भीलवाड़ा की जनता यानी किसान, नौजवान, महिला और स्वयंसेवी संस्थाओं की कड़ी मेहनत है।
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सरपंच किस्मत गुर्जर ने कहा, “पिछले कई दिनों से राज्य सरकार इस मॉडल का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन मुझे तब दुख ज्यादा हुआ कि जब इसका श्रेय राहुल गाँधी को भी दिया जाने लगा। जबकि सच यह है कि भीलवाड़ा की जनता ने इसे एक मॉडल के रूप में स्थापित करने और कोरोना से लड़ने के लिए छोटी-छोटी बातों का कड़ाई से पालन किया और आत्मसंयम का परिचय दिया। हम लोग प्राधनमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अपील से बहुत प्रभावित हैं।”
महिला सरपंच ने आगे कहा कि पीएम मोदी की अपील का वहाँ के लोगों ने न सिर्फ पालन किया बल्कि जनता ने सोशल डिस्टेंशिग और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा है। वहीं पीएम मोदी द्वारा मेडिकल स्टाफ का सहयोग करने को लेकर जनता से जो अपील की गई थी, उसका यहाँ की जनता पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसलिए यह समय राजनीति का नहीं है बल्कि सफलता और संयम के साथ और अधिक मेहनत करने का है।
इससे पहले सोनिया गाँधी ने भीलवाड़ा मॉडल को लेकर राहुल गाँधी और प्रदेश सरकार की तारीफ की थी। साथ ही इसे अन्य कॉन्ग्रेस शासित राज्यों में भी लागू करने की बात कही थी। वहीं प्रियंका गाँधी ने सीएम योगी को पत्र लिख उत्तर प्रदेश में भीलवाड़ा मॉडल को लागू करने और प्रदेश में टेस्ट बढ़ाने की माँग की थी।
अब आपको यह भी समझ लेना चाहिए कि आखिर भीलवाड़ा मॉडल क्या है, जिस पर कॉन्ग्रेस सरकार अपनी पीठ भी थपथपा रही है, साथ ही इसे पूरे देश में लागू करने की माँग भी कर रही है। दरअसल भीलवाड़ा में एक डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन बाद में यह आँकड़ा 27 मरीजों से अधिक नहीं बढ़ा। पॉजिटिव मरीज सामने आते ही भीलवाड़ा में कर्फ्यू लगाकर सीमाओं को सील कर दिया गया था, जिससे 21 मराजों को ठीक कर लिया गया।
इतना ही नहीं भीलवाड़ा जिले के सभी निजी अस्पतालों और होटलों को अधिगृहीत कर उन्हे क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया। इसके बाद लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती करके घर-घर लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी। वहीं भीलवाड़ा में पिछले 17 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है।