Friday, May 10, 2024
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‘मैं सोनिया गाँधी का सिपाही, मेरा क्या कसूर’: प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़े पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, पंजाब के नई कैबिनेट से पुराने मंत्रियों की छुट्टी

बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आँखों में आँसू लिए हुए कहा, ''कोरोना म​हामारी में मैंने दिन रात काम किया, मैं आज एक ही बात पूछना चाहता हूँ हाईकमान से कि मेरा कसूर क्या था जिस वजह से मुझे मंत्रिमंडल से बाहर किया गया।"

पंजाब में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी कैबिनेट के नए चेहरों का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने मंत्रिमंडल से कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी कर ​दी है। इसको लेकर कॉन्ग्रेस नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रहे बलबीर सिंह सिद्धू मंत्री पद से हटाए जाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही रो पड़े। इसके अलावा राणा गुरजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ सुखपाल सिंह खैहरा व कुछ अन्य विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है।

बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आँखों में आँसू लिए हुए कहा, ”कोरोना म​हामारी में मैंने दिन रात काम किया, मैं आज एक ही बात पूछना चाहता हूँ हाईकमान से कि मेरा कसूर क्या था जिस वजह से मुझे मंत्रिमंडल से बाहर किया गया।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि हाईकमान की तरफ से जो फैसले लिए गए हैं, उनको हम स्वीकार करते हैं। जिस दिन वोट डालने को कहा था, मैंने कहा था कि मेरा वोट सोनिया गाँधी को जाएगा। मैं सोनिया गाँधी का सिपाही हूँ, मुझे बस पार्टी हाईकमान जवाब दे कि मुझे बाहर क्यों किया गया।

उन्होंने कहा कि फाँसी देते समय एक बार जज भी अंतिम इच्छा पूछ लेते हैं। पार्टी उन्हें एक बार कह देती कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया जा रहा है तो उन्हें दुख न होता, लेकिन उन्हें जलील किया गया। दूसरी तरफ खैहरा की अगुवाई में नवतेज सिंह चीमा, जूनियर अवतार हेनरी व कुछ अन्य विधायक कॉन्ग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू से मिलने के लिए पहुँचे। सुखपाल खैहरा का कहना है कि दोआबा से किसी अनुसूचित जाति के विधायक को कैबिनेट में लेना चाहिए, क्योंकि तीनों ही सरदार है।

गौरतलब है कि चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल के विस्तार से कुछ घंटे पहले रविवार (26 सितंबर, 2021) को कॉन्ग्रेस नेताओं के एक समूह ने ‘दागी’ पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह का नाम कैबिनेट में शामिल किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की थी। जबकि पंजाब कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले मंत्री पद के बड़े दावेदार कुलजीत नागरा ने फेसबुक पर लाइव होकर अपनी दावेदारी छोड़ दी थी। छह बार विधायक रहे ब्रह्म मोहिंद्रा ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली। ब्रह्म मोहिंद्रा कैप्टन सरकार में भी मंत्री रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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