Monday, October 7, 2024
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कॉन्ग्रेस की ट्रोल आर्मी को रास नहीं आया निधि राजदान का ‘आईना’, प्रोपेगेंडाबाज बता हार्वर्ड की भी याद दिलाई

कॉन्ग्रेस समर्थकों को उन समस्याओं की ओर निधि का इंगित करना रास नहीं आया, जिससे पार्टी वर्तमान में जूझ रही है और उन्होंने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

कॉन्ग्रेस के ट्रोल गैंग ने 14 मार्च 2021 को कथित पत्रकार निधि राजदान को निशाने पर ले लिया। वजह, निधि ने गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर एक आलोचनात्मक लेख लिख दिया। उन्होंने गल्फ न्यूज में एक ऑपेड लिखते हुए हालिया चुनावों में कॉन्ग्रेस के खराब प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा था कि पार्टी को नए सिरे से खुद को स्थापित करना होगा।

गल्फ न्यूज़ में कॉन्ग्रेस पर लेख को लेकर निधि के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

राजदान ने अपने लेख में आंदोलनजीवी योगेंद्र यादव का हवाला दिया, जिन्होंने 2019 में कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी को खत्म हो जाना चाहिए। उस समय योगेंद्र यादव को कॉन्ग्रेस समर्थकों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा था। राजदान ने कहा कि केरल में कॉन्ग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष है, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी छोड़ते हुए कहा था कि पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं है।

पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने महत्वपूर्ण जमीन खो दी है। राजदान ने बताया कि तमिलनाडु में, कॉन्ग्रेस की सहयोगी DMK ड्राइवर की सीट पर है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने भी अपनी जमीन खो दी है, लेकिन पूरी रिपोर्ट में कॉन्ग्रेस की आलोचना अधिक थी।

रिपोर्ट के साथ कॉन्ग्रेस समर्थकों को जो प्राथमिक मुद्दा मिला, वह यह था कि राजदान ने दावा किया कि हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी गुजरात में नंबर दो पार्टी बन गई, जो कि तथ्यात्मक रूप से गलत है। बीजेपी ने 6,239 सीटें जीतीं, कॉन्ग्रेस ने 1,805 सीटें हासिल कीं और AAP केवल 42 सीटें जीतने में सफल रही, जिसमें से 25 सीटें सूरत की थीं। AAP सूरत में दूसरे स्थान पर रही, लेकिन निधि ने दावा किया कि AAP पूरे गुजरात में दूसरे स्थान पर आई। इसने सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस की सेना को नाराज कर दिया।

कॉन्ग्रेस पार्टी का समर्थन करने वाले कई ट्रोल्स ने इस विशेष बिंदु को उठाया और उन पर हमला करना शुरू कर दिया। गौरव पाँधी जैसे बड़े नाम निधि को ट्रोल करने वालों में शामिल हैं।

राहुल गाँधी बोरिंग हैं- निधि राजदान

रिपोर्ट में राहुल गाँधी की कहानी का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि वह पार्टी का नेतृत्व करने वाले हैं या नहीं, यह एकतरफा और उबाऊ है। उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी के ‘नाराज नेताओं’ का उल्लेख किया, जिन्हें G-23 के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने पार्टी की वर्तमान स्थिति के बारे में सोनिया गाँधी को पत्र लिखा था। कॉन्ग्रेस पार्टी के पतन के खिलाफ आवाज उठाने के परिणामस्वरूप गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और अन्य को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया, जो पार्टी के लिए एक और झटका है।

ट्रोल किए जाने के बाद निधि ने कहा कि उनकी रिपोर्ट पढ़े बिना ही उन्हें निशाना बनाया जा रहा।

कुल मिलाकर, कॉन्ग्रेस समर्थकों को उन समस्याओं की ओर निधि का इंगित करना रास नहीं आया, जिससे पार्टी वर्तमान में जूझ रही है और उन्होंने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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