सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार रहे कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के बेटे फैसल अहमद पटेल ने पार्टी से दूरी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वे अपने दिवंगत अब्बू के पदचिह्नों पर चलने की कोशिश की, लेकिन उनके हर कदम को पार्टी द्वारा रोक दिया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की है कि अब उन्होंने कॉन्ग्रेस के लिए काम करना बंद करने का निर्णय लिया है।
फैसल पटेल पिछले साल के लोकसभा चुनावों में गुजरात की भरूच सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कॉन्ग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसको लेकर वे पार्टी से नाराज हैं। बता दें कि उनके पिता अहमद पटेल कॉन्ग्रेस में काफी प्रभावशाली थे। वे सांसद रहने के साथ-साथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और सोनिया गाँधी के राजनीतिक सचिव भी थे। नवंबर 2020 में उनका निधन हो गया था।
अहमद पटेल के बेटे फैसल अहमद पटेल ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर घोषणा की, “बहुत दुख और पीड़ा के साथ मैंने कॉन्ग्रेस के लिए काम करना बंद करने का फैसला किया है। यह कई सालों तक एक कठिन यात्रा रही है। मेरे दिवंगत पिता अहमद पटले ने अपना पूरा जीवन देश, पार्टी और गाँधी परिवार के लिए काम करते हुए दिया था।”
गुजरात कॉन्ग्रेस को झटका देते हुए उन्होंने आगे कहा, “मैंने उनके पदचिह्नों पर चलने की कोशिश की, लेकिन हर कदम पर मुझे रोका गया। मैं मानवता के लिए हरसंभव तरीके से काम करना जारी रखूँगा। कॉन्ग्रेस पार्टी हमेशा की तरह मेरा परिवार रहेगी। मैं कॉन्ग्रेस के सभी नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ, जिन्होंने मेरा समर्थन किया।”
With great pain & anguish, I have decided to stop working for @INCIndia . It’s been a tough journey for many, many https://t.co/Qn2HzURyXw late father @ahmedpatel gave his entire life working for the country, party & the #Gandhi family. I tried following his footsteps but was…
— Faisal Ahmed Patel (@mfaisalpatel) February 13, 2025
कयास लगाए जा रहे हैं कि फैसल पटेल भाजपा में जा सकते हैं। लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात भी की थी। अहमद पटेल के निधन के बाद फैसल पटेल और उनकी बहन मुमताज कॉन्ग्रेस में सक्रिय हैं। दिल्ली चुनावों में मुमताज प्रचार भी कीं, लेकिन फैसल ने दूरी बनाए रखी। राजनीतिक हलकों में मुमताज को अहमद पटेल के वारिस के तौर पर देखा जाता है।
बता दें कि फैसल पटेल और कॉन्ग्रेस के बीच अनबन साल 2024 में शुरू हुई थी। इसके पीछे की वजह उनके पिता की भरूच सीट थी। कॉन्ग्रेस उनके पिता अहमद पटेल की भरूच लोकसभा सीट अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को दे दी थी। दरअसल, सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत कॉन्ग्रेस ने INDI गठबंधन की सहयोगी AAP को भरूच और भावनगर सीट दी थी।
उस समय फैसल पटेल ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि वह किसी भी हालत में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें टिकट मिलता तो कॉन्ग्रेस यह सीट जीत सकती थी, क्योंकि पिता के देहांत के बाद उन्होंने यहाँ काफी मेहनत की है। उन्होंने यह भी कहा था कि भरूच से उनका पारिवारिक लगाव है। वे अपने पिता की सीट को ऐसे जाने नहीं दे सकते।