असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार (18 मई 2025) को कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि गोगोई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निमंत्रण पर वहाँ गए थे। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में सरमा ने कहा कि गोगोई का पाकिस्तान दौरा पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि ट्रेनिंग के उद्देश्य से था। उन्होंने कहा कि गोगोई को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय से निमंत्रण मिला था, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “कॉन्ग्रेस के सांसद गौरव गोगोई पाकिस्तान में ISI के निमंत्रण पर गए थे। हमारे पास निमंत्रण पत्र से संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध हैं।” उन्होंने कहा, “अभी तक मैंने इतना खुलकर कभी नहीं कहा, लेकिन आज पहली बार मैं साफ कह रहा हूँ कि गौरव गोगोई पाकिस्तान आईएसआई के निमंत्रण पर गए थे। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि उन्हें वहाँ पर ट्रेनिंग मिली। गौरव गोगोई को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय से पत्र मिला, इसके बाद ही वो पाकिस्तान गए।”
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “एक विदेशी यूनिवर्सिटी से निमंत्रण मिलना अलग है, लेकिन इसमें विदेशी सरकार के विभाग से उन्हें बुलावा आया था। वो भी विदेश मंत्रालय या कल्चरल मामलों के मंत्रालय से नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सरकार के सबसे महत्वपूर्ण होम मिनिस्ट्री से उन्हें बुलावा आया, जो ये बताता है कि गौरव गोगोई का ये कदम देश की सुरक्षा के लिए कितना खतरनाक है। ये बेहद गंभीर मामला है और इस पर एक्शन होगा। ये कोई मजाक का मामला नहीं है।” उन्होंने कहा कि वो इस बारे में सबकुछ 10 सितंबर को कहेंगे। इस बयान को उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है।
आज मैं एक और तथ्य आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ-
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 18, 2025
कांग्रेस के सांसद पाकिस्तान में ISI के निमंत्रण पर गए थे। हमारे पास निमंत्रण पत्र से संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध हैं। pic.twitter.com/aSzEMfOL7g
सरमा ने दावा किया कि उनके पास इस बात के दस्तावेजी सबूत हैं, जिन्हें 10 सितंबर तक जनता के सामने पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इस पर कार्रवाई होगी। सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि गोगोई ने पाकिस्तान की सत्ता के साथ मिलकर काम किया और वापस लौटकर राफेल सौदे का विरोध किया। उन्होंने चुनौती दी कि अगर उनका एक भी शब्द गलत साबित हुआ, तो वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
श्री गौरव गोगोई ISI के निमंत्रण पर पाकिस्तान गए थे, और लौटकर Rafale की ख़रीद का भी विरोध किया था।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 18, 2025
अगर मेरा एक भी शब्द ग़लत साबित हो जाए, तो मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। pic.twitter.com/fPyHeOjcaD
इससे पहले, सरमा ने कॉन्ग्रेस नेतृत्व से गौरव गोगोई को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से हटाने की माँग की थी। यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने के लिए बनाया गया है। कॉन्ग्रेस ने गौरव समेत 4 नाम भेजे थे। सरमा ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गोगोई का नाम इस लिस्ट में शामिल करना ठीक नहीं है।
गौरव पर हिमंता के आरोप गंभीर, पत्नी का पाकिस्तान से जुड़ाव
बता दें कि हिमंता बिस्वा सरमा खुलकर गौरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई के आईएसआई से लिंक्स को लेकर आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मामले की जाँच चल रही है और मामले की जाँच पूरी होने के बाद दोनों की असलियत पूरे देश के सामने लाई जाएगी।
असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने 15 फरवरी 2025 को कहा, “हमारे पास पक्की जानकारी है कि एलिजाबेथ गोगोई अपनी शादी के बाद भी पाकिस्तान गई हैं। वह सांसद के साथ गई थीं या अकेली, इन बातों की पुष्टि हो जाएगी। कई नई जानकारियाँ भी सामने आ रही हैं।”
CM सरमा ने स्पष्ट किया है कि यह जाँच मात्र एलिजाबेथ कोलबर्न तक ही नहीं बल्कि उसने जुड़े लोगों और बाकी इकोसिस्टम को भी दायरे में लेकर की जाएगी। उन्होंने कहा है कि जाँच के लिए एक केस दर्ज किया जाएगा, इसके बाद उनके पासपोर्ट और वीजा की जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि क्या गौरव गोगोई के पिता तरुण गोगोई के मुख्यमंत्री रहते हुए ISI का मुख्यमंत्री दफ्तर तक दखल था। उन्होंने इसकी जाँच भी करवाने की बात कही है।
सीएम हिमंता बिस्वा ने गौरव गोगोई की पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित से मुलाक़ात को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न का एक पुराना ट्वीट दिखाया है, जिसमें वह इस्लामाबाद में होने सम्बन्धित बात लिखी थी।
एलिजाबेथ कोलबर्न की नागरिकता को लेकर भी CM बिस्वा सरमा ने सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि विवाह के 12 साल के बाद भी कोलबर्न के पास भारतीय नागरिकता क्यों नहीं और वह अपनी ब्रिटिश नागरिकता क्यों बनाए हुए हैं। विवाह के पहले और बाद भी जिन संगठनों के साथ कोलबर्न ने काम किया, उनको लेकर सवाल उठे हैं।
कोलबर्न 2011-15 के बीच क्लाइमेट एंड डेवलपमेंट नॉलेज नेटवर्क (CDKN) के लिए काम किया था। दावा है कि वह इस दौरान अधिकतर समय पाकिस्तान में रहीं। CDKN से ही जुड़े एक संगठन LEAD के लिए वह पाकिस्तान में काम करती थीं। उनके पाकिस्तान सरकार की एक टास्क फ़ोर्स में भी शामिल रहने का दावा किया गया है।
यह टास्क फ़ोर्स कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए पैसा जुटाती थी। इसके ISI का एक मुखौटा होने का दावा है। इसी को लेकर उन पर ISI लिंक के आरोप लगाए गए हैं। पाकिस्तान और भारत में काम करने के दौरान कोलबर्न का सुपरवाइजर एक पाकिस्तानी अली तौकीर शेख था। उसका भारत विरोधी प्रोपेगेंडा भी अब सामने आया है।