कर्नाटक सरकार ने हाल ही में अपने दो साल पूरे किए और ‘भू गारंटी’ योजना शुरू की। लेकिन ‘पीपुल्स पल्स’ के सर्वे में पता चला है कि महंगाई और सरकारी योजनाओं में देरी के कारण कॉन्ग्रेस सरकार से लोगों की नाराज़गी बढ़ रही है।
हैदराबाद की ‘पीपुल्स पल्स पॉलिटिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन’ और ‘कोडेमो टेक्नोलॉजीज’ ने मिलकर ‘पल्स ऑफ कर्नाटक’ सर्वे किया। 17 अप्रैल से 18 मई तक चले इस सर्वे में गाँव और शहर के 10,481 लोगों से बात की गई।
सर्वे में पता चला कि अगर आज चुनाव होते हैं, तो बीजेपी को 136-159 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कॉन्ग्रेस को सिर्फ 62-82 सीटें मिलेंगी। जेडी(एस) को 3-6 सीटें मिलने का अनुमान है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा की घटनाओं के बाद बीजेपी को और भी ज़्यादा समर्थन मिला है।
हालाँकि, 48.4 प्रतिशत लोगों ने कॉन्ग्रेस सरकार के काम को ‘अच्छा’ या ‘बहुत अच्छा’ बताया, जबकि 32 प्रतिशत ने ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ कहा। 20 प्रतिशत लोगों ने इसे ‘औसत’ बताया।
सर्वे में यह भी पता चला कि 55 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि अगली सरकार बीजेपी बनाए, जबकि 39.1 प्रतिशत कॉन्ग्रेस के साथ हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अभी भी लोगों की पहली पसंद हैं, लेकिन उनकी पार्टी में अंदरूनी झगड़े और भ्रष्टाचार के आरोपों से कॉन्ग्रेस की छवि खराब हुई है।
सर्वे में यह भी पता चला कि कॉन्ग्रेस की ‘गृह लक्ष्मी‘ योजना सबसे ज़्यादा पसंद की जा रही है, जबकि ‘युवा निधि’ को बहुत कम लोग पसंद कर रहे हैं। जाति जनगणना को लेकर भी लोगों की अलग-अलग राय है।
सर्वे के अनुसार, सरकारी योजनाओं में देरी, कर्ज माफी में दिक्कतें, महंगाई और भ्रष्टाचार के आरोपों से कॉन्ग्रेस सरकार की छवि खराब हुई है। सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं, जबकि राहुल गांधी उनसे पीछे हैं।
कुल मिलाकर, सर्वे में पता चला है कि कॉन्ग्रेस सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और बीजेपी को इसका फायदा मिल रहा है। हालाँकि, सिद्धारमैया की लोकप्रियता कॉन्ग्रेस के लिए एक उम्मीद की किरण है।