Wednesday, October 9, 2024
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भिंडरांवाले को इंदिरा गाँधी ने पहले मजबूत किया, फिर मारने के ऑर्डर दिए: जिस जनरल ने किया ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’, उसने उजागर किया कॉन्ग्रेस का ‘चरित्र’

"भिंडरांवाले को इंदिरा गाँधी की पूरी शह मिली हुई थी। साल दर साल वह मजबूत होता जा रहा था। यह सब इंदिरा गाँधी के सामने ही हो रहा था। साल 1980 तक सब ठीक चल रहा था। लेकिन इसके बाद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी।"

कुलदीप बराड़ वही सैन्य जनरल हैं, जिन्होंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) का नेतृत्व किया था। अमृतसर के गोल्डन टेंपल में चले इसी ऑपरेशन में खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरांवाले (Jarnail Singh Bhindranwale) को मार गिराया गया था। इस ऑपरेशन के कारण जनरल बराड़ (General Kuldip Singh Brar) आज भी खालिस्तानियों के टारगेट पर हैं। 1971 युद्ध के नायकों में से एक बराड़ पर सितंबर 2012 में लंदन में हमला भी हुआ था।

एएनआई की स्मिता प्रकाश (ANI Podcast with Smita Prakash) को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस ऑपरेशन और पंजाब के उस समय के माहौल पर विस्तार से बातचीत की है। बताया है कि कैसे भिंडरांवाले के मजबूत होने में उस समय प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi) की भूमिका थी और फिर उन्होंने कैसे उसे मार गिराने के ऑर्डर दिए।

एएनआई के पॉडकास्ट में बात करते हुए जनरल कुलदीप बराड़ ने कहा है कि भिंडरांवाले को इंदिरा गाँधी की पूरी शह मिली हुई थी। साल दर साल वह मजबूत होता जा रहा था। यह सब इंदिरा गाँधी के सामने ही हो रहा था। साल 1980 तक सब ठीक चल रहा था। लेकिन इसके बाद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी।

जनरल बराड़ ने कहा है जब भिंडरांवाले का कद बढ़ रहा था, तब किसी भी कॉन्ग्रेसी-अकाली ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। इनके अपने राजनीतिक मकसद थे, वे उसी में उलझे रहे। दूसरी ओर, भिंडरांवाले अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा था।

उन्होंने यह भी कहा है कि भिंडरांवाले रोडे नामक एक गाँव में रहता और उपदेश देता था। सरकार की शह पाकर वह शक्तिशाली बनता जा रहा था। हर जगह लूट-मार, डकैतियाँ और कत्ल हो रहे थे। वह इतना ताकतवर हो गया था कि पंजाब पुलिस और प्रशासन उससे डरने लगा था। उसके आदेश अंतिम होते थे। डीआईजी को मारकर स्वर्ण मंदिर के बाहर फेंकने के बाद से तो पुलिस के अंदर भय भर गया था।

जनरल कुलदीप बराड़ ने कहा कि साल 1984 की शुरुआत में हालात ऐसे हो गए थे कि भिंडरांवाले खालिस्तान को अलग देश घोषित करने जा रहा था। बेरोजगारी के कारण लोग उससे जुड़ते जा रहे थे। पंजाब में बेरोजगारी थी। युवाओं के पास नौकरी नहीं थी। युवा अपनी मोटरसाइकिल में पिस्तौल लेकर घूमते थे। लोग मिनी गैंगस्टर बनते जा रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब भिंडरांवाले पूरी तरह स्थापित हो गया तब इंदिरा गाँधी ने उसे मारने का आदेश दे दिया। इस ऑपरेशन के लिए खुद के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जिसे चुना गया वह जनरल कुलदीप एक सैनिक हैं। यह नहीं देखा गया कि वह एक सिख हैं, हिंदू हैं या पारसी है। जनरल बराड़ ने यह भी बताया कि उस ऑपरेशन में सिर्फ आर्मी थी। पुलिस को नहीं जोड़ा गया था। आशंका थी कि पुलिस खालिस्तान का समर्थन कर सकती है।

उन्होंने यह भी कहा है कि खालिस्तानी फिर से सिर उठा रहे हैं। वह ब्रिटेन या अन्य जगह जहाँ भी जाते हैं भिंडरांवाले की तस्वीर दिखाई देती है। ब्रिटेन, पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा में खालिस्तानियों को सपोर्ट मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में हाल में खालिस्तानियों द्वारा कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की घटना सामने आई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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