सुरक्षाबलों के अनुसार, अहरबल क्षेत्र निवासी इम्तियाज अहमद माग्रे को शनिवार (03 मई 2025) को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उस पर आतंकियों से जुड़े होने का शक था। पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसने कुलगाम के तंगीमार्ग जंगल में छिपे आतंकियों को भोजन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई थी। साथ ही उसे लश्कर आतंकियो के ठिकानों की जानकारी भी थी।
रविवार (04 मई 2025) की सुबह जब अहमद पुलिस और सेना की संयुक्त टीम को तंगीमार्ग के जंगल में आतंकी ठिकाने की ओर ले जा रहा था। तभी अचानक सुरक्षा बलो के हाथों से वह भाग निकला और वैशव नदी में छलाँग लगा दी। नदी में डूबने से अहमद की मौत हो गई।
कुलगाम के तंगीमर्ग से इम्तियाज अहमद
— TheRitamApp | द ऋतम् एप (@TheRitamApp) May 5, 2025
आतंकवादियों की मदद करने की बात कबूल की
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों को पनाह देने का आरोपी
सशस्त्र बलों ने उसे आतंकवादियों के ठिकाने तक ले जाने के लिए कहा
रास्ते में वह विश्वा नदी में कूद गया और डूब गया pic.twitter.com/Pydq3YwgRE
इस पूरी घटना का वीडियो ड्रोन कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। 38 सेकेंड के इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है जंगल के पास एक व्यक्ति खड़ा है। फिर अचानक दौड़ते हुए नदी में कूद जाता है। नदी का बहाव तेज होने के चलते वह उसी के साथ बहता चला जाता है। आगे चलकर वह नदी में डूब जाता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है। वीडियो में उसके आसपास कोई भी सुरक्षाबल का जवान या अन्य व्यक्ति नहीं दिख रहा है।
मामले में न्यायिक जाँच की माँग
वीडियो सामने आने के बाद परिजनों ने सेना का विरोध किया। अहमद के परिवार ने दावा किया कि इम्तियाज को सेना ने शुक्रवार (02 मई 2025) को उनके घर से उठाया था। दो दिन बाद उसकी लाश नदी में मिली। परिवार ने इसे हिरासत में हत्या का मामला बताया।
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को साजिश करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, कुलगाम में एक और लाश नदी से बरामद हुई है, जिससे साजिश के गंभीर आरोप उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इम्तियाज माग्रे को सेना ने दो दिन पहले उठाया था और अब रहस्यमयी तरीके से उसका शव नदी में मिला है।”

उन्होंने आगे लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में शांति को पटरी से उतारने, पर्यटन को बाधित करने और पूरे देश में सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर करने की एक सोची-समझी कोशिश प्रतीत होती है।” अध्यक्ष ने हमले के बाद मनमाने ढँग से गिरफ्तारियों और कार्रवाईयों पर आपत्ति जताई है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद सैयद आगा रुहुल्लाह मेहदी ने भी माग्रे की मौत को मानवाधिकार का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा, “कश्मीरियों को पहलगाम हमले के बाद सामूहिक सजा के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। हिरासत में हत्या और मनमानी गिरफ्तारी लोकतांत्रिक सिद्धांतो का उल्लंघन है।”
मामला तूल पकड़ने के बाद सामाजिक कल्याण मंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता साकिना इट्टू ने इम्तियाज के परिवार से मुलाकात की। उन्होने घटना की न्यायिक जाँच की माँग की। उन्होंने कहा, “माग्रे एक गरीब परिवार से था और हाल ही में मजदूरी करके लौटा था। उसकी मौत ने स्थानीय लोगों में डर पैदा कर दिया है। सच सामने आना चाहिए।”
अफवाहों पर सेना का बयान
वहीं, घटना के बार में फैली अफवाहों पर सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना ने कहा कि अहमद की मौत के लिए सुरक्षा बलों को गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये गलत है। पुलिस ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी है और ड्रोन वीडियो को सबूतों के तौर पर पेश किया जा रहा है।