Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिझारखंड बन रहा 'इस्लामिक स्टेट', 1800 स्कूलों में जुमे को छुट्टी, वोट के लिए...

झारखंड बन रहा ‘इस्लामिक स्टेट’, 1800 स्कूलों में जुमे को छुट्टी, वोट के लिए कॉन्ग्रेस-JMM की मिलीभगत: BJP सांसद ने की NIA जाँच की माँग

"राज्य के सत्ताधारी सफेद टोपी वाले नेता इस राज्य को इस्लामिक राज्य में बदलना चाहते हैं। इस तरह की राजनीति का जवाब हम देंगे, राज्य अपनी नीति में बदलाव लाए नहीं तो जनता बदलाव ला देगी।" 

झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने राज्य में रविवार की जगह शुक्रवार को होने वाली छुट्टियों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि झारखंड को इस्लामिक स्टेट (मुस्लिम राज्य) में बदला जा रहा है।

बीजेपी सांसद ने दावा किया कि यह एक साजिश है। उन्होंने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से इसकी जाँच कराने की माँग की है। उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने की साजिश हो रही है और इसमें कॉन्ग्रेस और झामुमो दोनों ही शामिल हैं। ये इनकी वोट बैंक की राजनीति है। जीत के लिए वे बांग्लादेश हो, पाकिस्तान हो या चीन के लोग, किसी की भी मदद ले सकते हैं।

इससे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट करके भी कॉन्ग्रेस और झामुमो पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था, “राज्य के सत्ताधारी सफेद टोपी वाले नेता इस राज्य को इस्लामिक राज्य में बदलना चाहते हैं। इस तरह की राजनीति का जवाब हम देंगे, राज्य अपनी नीति में बदलाव लाए नहीं तो जनता बदलाव ला देगी।” 

वहीं निशिकांत दुबे ने शुक्रवार (5 अगस्त 2022) को लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि देश इस्लामीकरण की तरफ बढ़ रहा है। झारखंड के 1800 स्कूलों में रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी हो रही है। इस मामले की जाँच एनआईए से कराई जाए और उनकी फंडिंग रोकी जाए।

निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा था, “राज्य के कुछ जिलों में जनसंख्या का संतुलन बदल गया है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि बांग्लादेश पास में ही है। अचानक देखने में आया कि झारखंड में 1800 ऐसे स्कूल हैं, जिन्होंने अपने नाम में उर्दू शब्द लगा लिया। इन स्कूलों में रविवार को छुट्टी नहीं होती है, बल्कि शुक्रवार को हो रही है। देश इस्लामीकरण की तरफ बढ़ रहा है। झारखंड उसे रास्ता दे रहा है। इसकी एनआईए से जाँच कराई जाए। यह कड़ा संदेश जाना चाहिए कि देश एक कानून, एक विधान से चलता है।”

गौरतलब है कि हाल के दिनों में झारखंड में इस्लामीकरण एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। हाल ही में शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद पलामू जिले में शुक्रवार को मुस्लिमों ने जबरदस्ती 5 सरकारी स्कूलों को बंद करवा दिया। समझाने के बाद भी वे नहीं माने और स्कूल में ताला जड़ दिया। 

पिछले दिनों खबर आई थी कि प्रदेश में जहाँ मुस्लिम बहुल इलाके हैं वहाँ जनसंख्या के आधार पर स्कूलों के नियम तय हो रहे हैं। अगर किसी स्कूल के बाहर उर्दू लिख दिया गया तो मतलब उसे उर्दू स्कूल मान लिया गया और वहाँ मुस्लिमों के हिसाब से छुट्टी का दिन और प्रार्थना का ढंग बदल दिया गया। पिछली रिपोर्ट्स में कई ऐसे स्कूलों और जगहों के नाम और वहाँ किए गए मनमाने बदलाव का खुलासा हुआ था। 

इस समस्या को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई। इस याचिका में स्कूलों के ‘इस्लामीकरण’ पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की माँग की गई। याचिकाकर्ता पंकज यादव ने अपनी जनहित याचिका में उल्लेख किया कि झारखंड के मुस्लिम बहुल इलाकों जामताड़़ा, पाकुड और गढ़वा सहित कम-से-कम छह जिलों में स्कूलों का ‘इस्लामीकरण’ हो चुका है। यहाँ स्कूलों में जबरदस्ती उर्दू को जोड़ा जा रहा है। यहीं नहीं, स्कूल बोर्ड और रविवार के बजाय शुक्रवार (जुम्मा) को छुट्टी दे रहा है।

पंकज यादव ने अपनी याचिका में कहा था, “इस्लामी कट्टरपंथी नाबालिग स्कूली बच्चों पर शरीयत और इस्लामी प्रथाओं को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। स्कूली प्रार्थना को जबरदस्ती बदल दिया गया है और बच्चों को प्रार्थना के दौरान हाथ नहीं जोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।” 

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe