Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति'उस समय माहौल बहुत खौफनाक था...': वे घाव जो आज भी कैराना के हिंदुओं...

‘उस समय माहौल बहुत खौफनाक था…’: वे घाव जो आज भी कैराना के हिंदुओं को देते हैं दर्द, जानिए कैसे योगी सरकार बनी सुरक्षा कवच

कैराना के हिंदुओं को यकीन है कि उन्हें फिर से वे घाव नहीं मिलेंगे जो उन्हें मुकीम काला और फुरकान जैसे गुंडों और उनके राजनीतिक संरक्षकों ने दिए।

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का एक गाँव है- सुराना (Surana)। करीब 2200 की आबादी वाले इस गाँव में 60 फीसदी मुस्लिम हैं। अल्पसंख्यक हिंदुओं को यहाँ इस कदर प्रताड़ित किया गया कि वे अपनी घर-जमीन सबकुछ छोड़कर जाने को मजबूर हो गए। लेकिन, जैसे ही मामला संज्ञान में आया प्रशासन हरकत में आ गया। गाँव तक कलेक्टर-एसपी पहुँचे। अस्थायी पुलिस चौकी बनाने के निर्देश दिए गए। हिंदुओं को भरोसा दिलाया कि उन्हें अपना ही घर छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। 2016 में उत्तर प्रदेश के कैराना (Kairana) में हिंदुओं को ये भरोसा तब का प्रशासन नहीं दिला पाया था, जबकि कैराना में करीब 33 फीसदी ही मुस्लिम हैं।

ऐसे में सहज सवाल उठता है कि कैराना और सुराना में अंतर क्या है? अंतर केवल इतना है कि सुराना के हिंदुओं के सामने जब पलायन की नौबत आई तो मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार चल रही है, जबकि कैराना में जब हिंदू पलायन (Kairana Hindu exodus) को मजबूर किए गए तब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (SP) की सरकार चल रही थी। कैराना के हिंदुओं की इस हालत के बारे में लोगों को पता भी नहीं चलता यदि वहाँ के तत्कालीन बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने देश के संज्ञान में यह मामला नहीं लाया होता।

कैराना में उस समय चल क्या रहा था, यह आप वरुण सिंघल के बयान से समझ सकते हैं। वरुण उस व्यापारी विनोद सिंघल के भाई हैं, जिन्हें 16 अगस्त 2014 को कैराना में फुरकान नाम के बदमाश ने दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया था। विनोद ने द न्यू इंडियन की प्रियंका शर्मा को बताया, “उस समय माहौल बहुत खौफनाक था। कोई भी व्यापारी अपने आप को सुरक्षित नहीं मानता था। दुकानें शाम 7 बजे बंद हो जाती थी। इतनी दहशत थी व्यापारियों में, लोगों में। उनसे रंगदारी माँगी जाने लगी तो लोग डर से छोड़-छोड़कर जाने लगे। जब यहाँ बीजेपी की सरकार 2017 में आई तो माहौल बहुत अच्छा हुआ और व्यापारी अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस करता है।”

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के दौरान कैराना में यह बदलाव तब आया जब यहाँ से निवर्तमान विधायक सपा के वह नाहिद हसन हैं जो हिन्दुओं के पलायन के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं। आज जब उत्तर प्रदेश में फिर से विधानसभा चुनाव हो रहा है सपा ने एक बार फिर नाहिद को मैदान में उतारा है। कई आपराधिक मामलों में आरोपित नाहिद हसन को 15 जनवरी 2022 को गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद ऐसी चर्चा है कि सपा उनकी बहन इकरा को मैदान में उतार सकती है। भाई के पक्ष में डोर टू डोर कैंपेन कर रही इकरा इससे इनकार करती हैं। लेकिन आपके लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाली इकरा ने ब्रिटेन से उस नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध किया था, जिसका भारतीयों से कोई सरोकार नहीं है। लंदन से इंटरनेशनल लॉ की पढ़ाई करने वाली इकरा हाल ही में देश लौटी हैं।

कैराना में पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है। बीजेपी ने यहाँ से दिवंगत हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को मैदान में उतारा है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 318294 हैं। इनमें से करीब 1.37 लाख मुस्लिम हैं। द न्यू इंडियन की रिपोर्ट बताती है कि बीजेपी सरकार में कैराना के व्यापारी और हिंदू खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और वे नहीं चाहते कि दोबारा गुंडई का वही दौर लौटे। वे बताते हैं कि 2017 से पहले फिरौती की माँग और हत्या आम थी। गुंडों को तत्कालीन सत्ताधारी दल सपा का संरक्षण हासिल था और प्रशासन मूकदर्शन बनी रहती थी। कई हिंदू इसका विरोध करने पर मार डाले गए। कारोबारी विजय मित्तल कहते हैं, “योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाई।”

यही वजह है कि बीते 5 साल में कैराना में वे हिंदू परिवार फिर से लौटे हैं जिन्हें पलायन को मजबूर किया गया था। ऐसे ही लोगों से 8 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना में मुलाकात की और उनका हाल जाना था। इस दौरान सीएम योगी ने बगल में बैठी एक बच्ची से पूछा था, “अब तो कोई डर नहीं है ना?” बच्ची ने सिर हिलाते हुए ‘ना’ में इसका जवाब दिया था। उस समय सीएम योगी ने मीडिया को बताया था कि जो परिवार यहाँ से गए थे, उनमें से ज्यादातर वापस आ चुके हैं। उनको भरोसा दिया गया था कि अपराध, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।

योगी सरकार की क्राइम को लेकर जीरो टॉलरेस की नीति ही वह सुरक्षा कवच है जो कैराना के हिंदुओं को भरोसा दिलाती है कि 2017 से पहले का वह दौर नहीं लौटेगा, जिसकी बात करते हुए वे आज भी सहम जाते हैं। जिनके पन्ने खोलते ही उनके घाव हरे हो जाते हैं। जो घाव मुकीम काला और फुरकान जैसे गुंडों और उनके राजनीतिक संरक्षकों ने यहॉं के हिंदुओं को दिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत झा
अजीत झा
देसिल बयना सब जन मिट्ठा

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -