Wednesday, May 8, 2024
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‘भ्रष्टाचारियों को बचा रहे कुछ लोग, वैक्सीनेशन पर फैलाई अफवाह’: 4 राज्यों में बड़ी जीत पर बोले ‘यूपी वाला’ PM मोदी – परिवारवाद का सूर्यास्त जल्द

उन्होंने कहा कि जाँच एजेंसियों पर दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें रोकने के लिए नए-नए तरीके खोजते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लोगों को देश की न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के बाद जाँच न होने देना चाहते हैं।

पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में हमने ‘गवर्नेंस डिलीवरी सिस्टम’ को दुरुस्त किया और इसमें पारदर्शिता भी लाई। उन्होंने कहा कि मैं गरीबों के घर तक उसका हक़ पहुँचाए बिना चैन से बैठने वाला इंसान नहीं हूँ। पीएम मोदी ने कहा कि दो दशक से भी ज्यादा समय तक उन्हें सरकार के मुखिया के रूप में सेवा करने का अवसर मिला है और उन्हें इसमें आने वाली दिक्कतों का पता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इन सबके बावजूद उन्होंने ऐसी हिम्मत की है, जो शायद ही कोई कर पाता। उन्होंने याद दिलाया कि लाल किले से उन्होंने कहा था कि जहाँ-जहाँ उन्हें सेवा करने का मौका मिलेगा, वहाँ हर गरीब तक सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुँचाने की बात की। उन्होंने कहा कि जब ईमानदारी होती है, नीयत साफ़ होती है, गरीबों के प्रति करुणा होती है और देश के कल्याण की भावना होती है – तभी ये हिम्मत कोई करता है।

पीएम मोदी ने देश की महिलाओं/बहन-बेटियों को विशेष रूप नमन करते हुए कहा कि चुनाव के नतीजों में माताओं-बहनों-बेटियों का बहुत बड़ा योगदान है और ये हमारा सौभाग्य है कि भाजपा को उन्होंने इतना स्नेह और आशीर्वाद दिया है कि जहाँ-जहाँ महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट किया है, वहाँ-वहाँ भाजपा को बड़ी जीत मिली है। उन्होंने कहा कि हमारी स्त्री-शक्ति भाजपा की जीत की सारथि बनी हैं।

उन्होंने अपना अनुभव सुनाया कि जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जब कुछ घटनाएँ होने पर लोगों की उनकी सुरक्षा की चिंता हो जाती थी। तब वो कहते थे कि कोटि-कोटि माताओं का उन्हें ‘स्त्री सुरक्षा कवच’ मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाएँ लगातार भाजपा पर विश्वास कर रही हैं, क्योंकि उन्हें पहली बार विश्वास मिला है कि भाजपा सरकार उनकी छोटी से छोटी ज़रूरतों को भी ध्यान में रखती है। उन्होंने कहा कि देश की भलाई के लिए सभी ‘ज्ञानी’ लोग पुराने घिसे-पिटे रिकॉर्ड छोड़ कर नए सिरे से सोचना शुरू करें।

उन्होंने कहा, “जब ये ज्ञानी लोग यूपी की जनता को सिर्फ और सिर्फ जातिवाद की तराजू में तौलते हैं, तब मुझे बहुत दुःख होता है। यूपी की जनता को जातिवाद की बाड़ाबंदी में बाँध कर के राज्य का अपमान किया जाता था। कुछ लोग ये कह कर यूपी को बदनाम करते हैं कि यहाँ के चुनाव में जाति ही चलती है, लेकिन 2014, 2017 और 2019 में जनता ने दिखा दिया है कि हर बार उत्तर प्रदेश के लोगों ने सिर्फ विकासवाद की राजनीति को ही चुना है। यूपी के लोगों ने सबक दिया है, गरीब से गरीब व्यक्ति ने सिखाया है कि जाति का मान देश को जोड़ने के लिए होना चाहिए, तोड़ने के लिए नहीं।”

पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं ये भी कहूँगा कि 2019 के चुनाव नतीजों के बाद ‘ज्ञानियों’ ने कहा था कि 2019 की जीत में क्या है, ये तो 2017 में ही तय हो गया था। उन्होंने कहा कि इस बार भी ये ‘ज्ञानी’ ये जरूर कहने की हिम्मत करेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए हैं। उन्होंने पंजाब के भाजपा कार्यकर्ताओं की भी विशेष प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी पार्टी का झंडा बुलंद किया है, उससे पंजाब और देश का विकास होगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब में भाजपा एक शक्ति के रूप में उभर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और उसे अलगाववादियों से सुरक्षित रखने का काम भाजपा का हर कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी लगा कर भी करते रहेगा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव ऐसे समय में हुए हैं, जब दुनिया 100 वर्ष की सबसे बड़ी आपदा, कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही है और पूरी मानव जाति, पूरे विश्व ने पिछले एक सदी में ऐसा कुछ नहीं देखा।

उन्होंने कहा कि अब युद्ध ने भी विश्व की चिंताएँ बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन पर जो प्रभाव पड़ा था, युद्ध ने उसे और गड़बड़ किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गरीब-कल्याण के जो फैसले लिए और कदम उठाए, उससे भारत को सँभल कर आगे बढ़ने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि हमारी नीतियाँ जमीन से जुड़ी रहीं। उन्होंने कहा कि जहाँ-जहाँ ‘डबल इंजन’ की सरकार रही, वहाँ-वहाँ विकास के कार्यों को दोगुनी गति मिली।

उन्होंने कहा, “भारत शांति के पक्ष में है और बातचीत से हर समस्या को सुलझाने की वकालत करता है, लेकिन इस युद्ध का दुष्प्रभाव दुनिया के हर देश पर पड़ रहा है। जो देश लड़ रहे हैं, उनसे सुरक्षा और आर्थिक दृष्टि से भारत का नाता है। भारत जो बाहर से बच्चा तेल मँगाता है, उसकी कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। कोयला, गैस और फर्टिलाइजर की कीमतों में उछाल आ रहा है। महँगाई युद्ध के कारण दुनिया भर में बढ़ रही है। विकासशील देशों को ज्यादा परेशानी हो रही है।”

उन्होंने 2022 के वार्षिक बजट और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात करते हुए कहा कि दुनिया भर में बने इस विपरीत वातावरण और उथल-पुथल व अनिश्चितता से भरे माहौल में भारत की जनता, विशेष कर के उत्तर प्रदेश जैसे राज्य ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र भारतीयों की रगों में है। पीएम मोदी ने इस दौरान देश के सामने अपनी कुछ चिंताएँ रखते हुए कहा कि यहाँ का नागरिक तो जिम्मेदारी के साथ अपना काम कर रहा है और राष्ट्र निर्माण में जुटा है।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कुछ लोग राजनीति का स्तर गिराते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में इन लोगों ने देशवासियों को गुमराह करने की लगातार कोशिश की और टीकाकरण के हमारे प्रयासों की दुनिया प्रशंसा कर रही है, लेकिन मानवता के इस पवित्र सेवा कार्य पर भी सवाल उठाए गए। उन्होंने इसे दुर्भाग्य की बात बताते हुए कहा कि जब यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फँसे हुए थे, तब भी देश का मनोबल तोड़ने की बातें हो रही थीं और उनके परिवारों की चिंता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है, बच्चों में असुरक्षा की भावना बढ़ा रहे थे।

पीएम मोदी ने आगे याद दिलाया कि इन लोगों ने ‘ऑपरेशन गंगा’ को भी प्रदेशवाद की बेड़ियों में बाँधने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हर योजना और कार्य को क्षेत्रवाद और जातिवाद का रंग देने का प्रयास भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। पीएम ने याद दिलाया कि इन चुनावों में उन्होंने लगातार विकास की बात की और भाजपा का विजन लोगों के सामने रखा और घोर परिवारवाद पर चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि वो न किसी परिवार के खिलाफ हैं और न ही किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी है, लेकिन वो ”ज्ञानियों’ को इसे लोकतंत्र के तराजू पर तौलने को कहा। उन्होंने कहा कि परिवारवाद देश को पीछे ले जाता है, ऐसे में जनता ने इसे समझा है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में देश को ऊँचाई पर ले जाने के लिए वो निरपेक्ष भाव से मुद्दों को उठा रहे हैं और बहस जरूरी है, लेकिन देश में एक दिन ऐसा आएगा जब भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त हर नागरिक कर के रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में देश के मतदाताओं ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिखाते हुए इसका इशारा कर दिया है कि आगे क्या होने वाला है। उन्होंने एक और विषय उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की साजिश चल रही है। उन्होंने पूछा कि भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं? उन्होंने भ्रष्टाचार को दीमक बताते हुए कहा लोगों में एक भयंकर नफरत का भाव है भ्रष्टाचारियों के खिलाफ। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति बन गई है कि जनता को लूट कर अपनी तिजोरी भरें।

उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा ने एक ईमानदार सरकार दी और जनता ने दोबारा इस पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी की सरकार भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई कर सकती है, ऐसे में सरकार को भी जनता की इस आकांक्षा के लिए जिम्मेदार व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने ध्यान दिलाया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई पर ये लोग और उनका पूरा इकोसिस्टम भ्रष्टाचारियों की सुरक्षा करने के लिए और सरकारी एजेंसियों को बदनाम करने आगे आते हैं।

उन्होंने कहा कि जाँच एजेंसियों पर दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें रोकने के लिए नए-नए तरीके खोजते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लोगों को देश की न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के बाद जाँच न होने देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई होते ही उसे प्रदेश और जाति का रंग दे दिया जाता है, जैसे किसी माफिया के खिलाफ कोई फैसला आए तो इसे भी धर्म-जाति से जोड़ दिया जाता है।

उन्होंने जनता से आग्रह किया कि ऐसे भ्रष्टाचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएँ। उत्तर प्रदेश में जीत का एक कारण उन्होंने ये भी बताया कि वहाँ के लोगों ने ऐसी राजनीति का नुकसान सहा है। उन्होंने कहा कि वो वाराणसी का सांसद होने के नाते ये कह रहे हैं कि उन्हें भी वहाँ की जनता के प्यार ने ‘यूपी वाला’ बना दिया है। उन्होंने कहा कि इन चुनाव परिणामों का बहुत महत्व है और ‘आज़ादी के अमृत वर्ष’ में ये चुनाव परिणाम देश के मिजाज को दिखाते हैं।

उन्होंने कहा कि यहाँ से हम दो पटरियों पर हम एक साथ काम करने वाले है एक तरफ गाँव-गतिब, छोटे किसान और लघु उद्यमियों पर हमारा जोर होगा, वहीं देश की युवा शक्ति को बढ़ावा देकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार करेंगे। उन्होंने युवाओं की तारीफ करते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान आज के भारत के सामर्थ्य का उदाहरण है। उन्होंने डिजिटल पेमेंट सिस्टम में भारत की आत्मनिर्भरता की बात करते हुए कहा कि तकनीक के क्षेत्र में भारत युवा शक्ति के कारण आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा का स्तर देश-दुनिया की समस्याओं का समाधान करने वाली उच्च-कोटि की हो, जिसके लिए तैयारी की जा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चलते हुए हम आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने गुजरात में अपने अनुभवों की बात करते हुए कहा कि उस समय की केंद्र सरकार रोड़े अटकाती थी, लेकिन तब भी विकास हुआ। उन्होंने कहा कि चुनौतियाँ कितनी भी कठिन हों, जीतने का संकल्प उससे भी बड़ा होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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