Wednesday, March 26, 2025
HomeराजनीतिRSS मानहानि मामला: 15000 रुपए के मुचलके पर राहुल गाँधी को बेल, बोले -...

RSS मानहानि मामला: 15000 रुपए के मुचलके पर राहुल गाँधी को बेल, बोले – मैं निर्दोष

शिवड़ी कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गाँधी ने कहा कि वह दोषी नहीं हैं। कोर्ट ने राहुल गाँधी को 15000 रुपए के मुचलके पर बेल दी। कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष की तरफ से पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ ने बेल बॉन्ड भरा।

आरएसएस मानहानि मामले में कॉन्ग्रेस पार्टी के सांसद और पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गाँधी को जमानत म‍िल गई है। गुरुवार (4 जुलाई, 2019) को मुंबई की शिवड़ी कोर्ट ने उन्हें जमानत दी।

शिवड़ी कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गाँधी ने कहा कि वह दोषी नहीं हैं। कोर्ट ने राहुल गाँधी को 15000 रुपए के मुचलके पर बेल दी। कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष की तरफ से पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ ने बेल बॉन्ड भरा।

आपको बता दें कि आरएसएस से जुड़ा मानहानि का यह मामला सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से संबंधित है। राहुल गाँधी ने 2017 में गौरी लंकेश की हत्या को RSS की विचारधारा से जुड़ा और प्रभावित बताया था। इसी मामले में उन पर यह केस दर्ज हुआ था।

राहुल गाँधी के मुंबई आगमन और कोर्ट पहुँचने के बीच कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उनके समर्थन में जुटी भीड़ चिल्ला रही थी – आपकी लड़ाई में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता साथ हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुझे हरामखोर कहा, कोर्ट खुलने से पहले मेरा घर तोड़ दिया: कुणाल कामरा के ‘हमदर्द’ हंसल मेहता को कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब,...

कंगना रनौत ने कहा है कि उद्धव सरकार के दौरान उनके दफ्तर पर अवैध रूप से कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब कामरा पर हो रही कार्रवाई कानूनन रूप से ठीक है।

JNU वाली बकलोली बंद करो कन्हैया कुमार! सड़कों से पानी की नहीं होती चोरी, आता है विकास: अपने मालिक (राहुल गाँधी) से पूछो उसके...

एक समय था कि मजदूरों को पूंजीपतियों और विकास के विरुद्ध भड़का कर कम्युनिस्ट नेतागिरी चमकाया करते थे। अब वह दौर नहीं रहा। कन्हैया की इस राजनीति को बिहार नहीं स्वीकार करने वाला है।
- विज्ञापन -