Tuesday, October 8, 2024
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‘किसी का योगदान आप कैसे भुला देंगे?’: अखिलेश-राजभर के बाद अब यूपी के नेता प्रतिपक्ष ने सरदार पटेल से की जिन्ना की तुलना

यूपी के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब भारत स्वतंत्रता की लड़ाई जीत गया, उसके बाद बँटवारे की बात आई, तो फिर किसी का योगदान आप कैसे भुला देंगे?

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जिस ‘जिन्ना के जिन्न’ को बोतल से निकाला है, वो फ़िलहाल वापस जाता नहीं दिख रहा है। अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने मोहम्मद अली जिन्ना को राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम में प्रथम पंक्ति का नेता बताया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना देश की आज़ादी की लड़ाई में भागी थे और उन नेताओं में वो प्रथम पंक्ति में थे। इससे पहले अखिलेश यादव राजभर ने जिन्ना की तारीफ़ की थी।

बलिया के बाँसडीह से विधायक रामगोविंद चौधरी ने कहा कि महात्मा गाँधी के बाद जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और मौलाना अबुल कलम आजाद जैसे लोग आज़ादी की लड़ाई में शामिल रहे। उन्होंने कहा कि जब भारत स्वतंत्रता की लड़ाई जीत गया, उसके बाद बँटवारे की बात आई। रामगोविंद चौधरी ने TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए ये बातें कही। उन्होंने पूछा कि जब आज़ादी की लड़ाई के बाद बँटवारे की बात आई तो फिर किसी का योगदान आप कैसे भुला देंगे?

रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस बात से सहमति जताई कि 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो इसमें जितना योगदान नेहरू-पटेल का था, उतना ही जिन्ना का भी था। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है। हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिन्ना बँटवारे के दोषी हैं। बता दें कि रामगोविंद चौधरी ने बाँसडीह से 2002, 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव जीता है। इससे पहले वो दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पार्टी ‘समाजवादी पार्टी (राष्ट्रीय)’ का हिस्सा हुआ करते थे।

रामगोविंद चौधरी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव बलिया के चिलकहर से जीता था। कुल मिला कर वो अब तक 8 बार विधायक रहे हैं। 1990 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। 2003 में बनी मुलायम सिंह यादव की सरकार और 2007 में अखिलेश यादव की सरकार में भी वो कैबिनेट मंत्री रहे हैं। यादव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रामगोविंद चौधरी ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से 1974 में BA और 1982 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से वकालत की LLB की डिग्री ली थी।

बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष (SBSP) ओमप्रकाश राजभर ने अपने नए ‘पार्टनर’ के नक्शे कदम पर चलते हुए जिन्ना की तारीफ में कसीदे पढ़े थे। उन्होंने कहा था, ”अगर मोहम्मद अली जिन्ना को भारत का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बँटवारा नहीं होता।” बता दें कि पिछले दिनों यूपी के हरदोई में एक जनसभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के साथ की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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