कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपने बयानों व गठबंधन सरकार का मुखिया रहते हुए अपनी मजबूरियाँ गिनाने के लिए जाने जाते हैं। अब कुमारस्वामी एक अन्य वजह से विवादों में हैं। दरअसल, एक गाँव में एक रात बिताने के दौरान मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ रुपए ख़र्च कर डाले। सीएम कुमारस्वामी अपने ‘विलेज स्टे’ कार्यक्रम के तहत कलबुर्गी के चंदरकी गाँव में ठहरे थे। वहाँ वे सरकारी विद्यालय में रुके, गद्दे को ठुकरा कर चटाई पर रात व्यतीत की और किसी महँगे रेस्टोरेंट से खाना भी नहीं मँगाया- फिर भी उनके इस कार्यक्रम का बजट 1 करोड़ रुपए के पार हो गया। इस ख़बर को सुन कर लोग हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है!
सबसे बड़ी बात कि गाँव पहुँचने के लिए उन्होंने स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस का प्रयोग किया। कहा जा रहा है कि इन रुपयों में से ज्यादातर उनसे मिलने आने वाले महत्वपूर्ण लोगों व उनके साथ गए लोगों पर ख़र्च किया गया। ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के सूत्रों के अनुसार, 25 लाख रुपए सिर्फ़ उन लोगों के भोजन पर ख़र्च किए गए, जो यादगीर ज़िले के विभिन्न इलाक़ों से चंदरकी पहुँचे थे। इसके अलावा इतनी ही रक़म अधिकारियों द्वारा काउंटर बनाने व अन्य व्यवस्थाएँ करने पर ख़र्च की गई। ये काउंटर लोगों द्वारा याचिकाएँ लेने के लिए बनाए गए थे।
कुल 25,000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी, जिनमें से 10,000 लोग पहुँचे ही नहीं। क़रीब 500 विद्यार्थियों, शिक्षकों, नेताओं व अधिकारियों को खाना खिलाया गया। इसके अलावा उन्हें अगली सुबह के लिए टिफिन में भोजन दिया गया। अब सबसे प्रमुख ख़र्चे पर आते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 50 लाख रुपए सिर्फ़ स्टेज बनाने और मंच सम्बंधित अन्य व्यवस्थाएँ करने में ख़र्च की गईं। अपने ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कुल 4000 लोगों से मुलाक़ात की जबकि 1800 लोगों ने अपनी याचिकाएँ भेजने के लिए ऑनलाइन माध्यम का सहारा लिया।
The amount of money spent on @hd_kumaraswamy village trip that includes his luxury food, stay, travel, cultural programs & advertisements could have been spent for the development of that village.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) June 21, 2019
Huge amount of Tax payers money is spent on image make over of Kumaraswamy.
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उनके इस कार्यक्रम को एकदम सिम्पल रखा जाए और कोई तामझाम न किए जाएँ। लेकिन, कुमारस्वामी के साथ कई मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों का हुजूम भी चलता है, जिनके लिए व्यवस्थाएँ करनी होती है। तमाम सिम्पल व्यवस्था के दावों के बावजूद ज़मीनी स्तर पर कुछ और ही हुआ। कुमारस्वामी ने कहा कि ‘ग्राम वास्तव्य’ कार्यक्रम के दौरान मिल रही शिकायत याचिकाओं के निवारण के लिए एक अलग सेल का गठन किया गया है। इससे पहले 2006 में मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान भी कुमारस्वामी इस तरह के कार्यक्रम कर चुके हैं।
कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी ने 24 घंटे में कुल 1.22 करोड़ रुपए ख़र्च कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने रायचूर के एक गाँव में रुकने के दौरान भी 1 करोड़ रुपए ख़र्च किए थे। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी से पूछा कि किसानों का लोन माफ़ करने वाले दावों की वास्तविकता क्या है? उन्होंने पूछा कि 1500 किसानों की आत्महत्या के बारे में सीएम का क्या कहना है? पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को अपने लाइफस्टाइल के लिए गाँवों में रुकने के बहाने इतने रुपए ख़र्च करने पर शर्म आनी चाहिए। वहीं अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया है।