Saturday, November 2, 2024
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D मतलब डेंगू, M मतलब मलेरिया, K मतलब… बेटे उदयनिधि के बचाव में उतरे CM स्टालिन तो तमिलनाडु BJP अध्यक्ष ने समझा दिया DMK का मतलब

अन्नामलाई ने कहा कि उदयनिधि ने 2022 में ईसाई होने का दावा किया था। अन्नामलाई ने कहा, "अब वह कहते हैं कि उन्हें इस पर कोई विश्वास नहीं है। आपके विचारक, द्रविड़ कड़गम के अध्यक्ष के वीरमणि कहते हैं कि सनातन धर्म हिंदू धर्म है। क्या आप उनके खिलाफ बयान देकर कह सकते हैं कि सनातन धर्म हिंदू धर्म नहीं है?"

सनातन धर्म को लेकर आजतक देश में अनर्गल बयानबाजी का दौर जारी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि द्वारा दिए गए बयान के बाद उनके सांसद ने ए राजा ने भी सनातन धर्म को लेकर गलत बयानबाजी की है। इसको लेकर तमिलनाडु भाजपा ने सत्ताधारी डीएमके पर हमला बोला है।

उदयनिधि द्वारा सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया के मच्छर से करने के बाद ए राजा ने इसकी तुलना HIV और कुष्ठ रोग से कर दी। राजा ने कहा कि सनातन की वास्तविक तुलना सामाजिक कलंक वाले इन बीमारियों से की जानी चाहिए। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे के बयान का बचाव किया है।

अब तमिलनाडु भाजपा ने डीएमके पर निशाना साधा है। तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि अगर तमिलनाडु से किसी चीज को खत्म करने की जरूरत है तो वह डीएमके है। उन्होंने D का मतलबद डेंगू, M का मतलब मलेरिया और K का मतलब कोसु बताया।

अन्नामलाई ने X (पूर्व में ट्विटर) पर सीएम स्टालिन को संबोधित करते हुए एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के साथ-साथ उन्होंने लिखा है, “हमें यकीन है कि आगे चलकर ये लोग इन घातक बीमारियों को डीएमके के साथ जोड़ देंगे।”

अन्नामलाई ने कहा, “हम द्रमुक के नाटक को जानते हैं। अपनी सत्ता के पहले साल में आप सनातन धर्म का विरोध करते हैं, दूसरे साल में आप कहते हैं कि सनातन धर्म को खत्म कर दो। तीसरे साल में आप सनातन धर्म को जड़ से खत्म करना चाहते हैं। लेकिन चौथे साल में आप कहते हैं कि आप हिंदू हैं और आपके 90% सदस्य हिंदू हैं। पांचवें वर्ष आप कहते हैं कि आप भी हिंदू हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “तमिलनाडु ने कई दशकों से यह नाटक देखा है। जब चुनाव आता है तो आप अमर, अकबर, एंथोनी बन जाते हैं जो श्री राहुल गाँधी पिछले 17 वर्षों से असफल रूप से कर रहे हैं। वह एक राज्य में अमर बन जाते हैं, दूसरे राज्य में अकबर और दूसरे राज्य में एंथोनी बन जाते हैं। 2024 में DMK का सफाया हो जाएगा। यह मैं नहीं कह रहा हूँ। आपके बेटे ने कहा है, क्योंकि DMK का D का मतलब डेंगू, M का मतलब मलेरिया और K का मतलब कोसु है।”

उधर, तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन गुरुवार 7 सितंबर को एक ताजा बयान जारी कर कहा कि वह पार्टी नेतृत्व के मार्गदर्शन में अपने खिलाफ सभी कानूनी मामले लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू-मलेरिया से सनातन की तुलना करके वे अपना प्रचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके सिर की कीमत लगाकर संत अपना प्रचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “इन संतों को आज बहुत अधिक प्रचार की आवश्यकता है। ऐसा ही एक संत सामने आया है और उसने मेरे सिर पर ₹10 करोड़ की कीमत लगा दी है। मेरे सिर की कीमत से ज्यादा मुझे आश्चर्य इस बात का है कि ऐसे व्यक्ति के पास 10 करोड़ रुपए कैसे हो सकते हैं जो यह दावा करता है कि उसने सब कुछ त्याग दिया है।”

वहीं, अपने जवाबी वीडियो में अन्नामलाई ने कहा कि उदयनिधि ने 2022 में ईसाई होने का दावा किया था। अन्नामलाई ने कहा, “अब वह कहते हैं कि उन्हें इस पर कोई विश्वास नहीं है। आपके विचारक, द्रविड़ कड़गम के अध्यक्ष के वीरमणि कहते हैं कि सनातन धर्म हिंदू धर्म है। क्या आप उनके खिलाफ बयान देकर कह सकते हैं कि सनातन धर्म हिंदू धर्म नहीं है?”

दरअसल, सनातन धर्म मिटाने की बात कही थी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए जा रहे उनके भाषण की एक वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।”

उदयनिधि ने कहा था, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन ​​भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन ​​को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”

उन्होंने सवालिया लहज़े में पूछा था, “सनातन क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं है। सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शाश्वत है, जिसे बदला नहीं जा सकता, कोई सवाल नहीं कर सकता है। यही इसका मतलब है। सनातन ने लोगों को जातियों के आधार पर बाँटा है और इसे बदला नहीं जा सकता।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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