Saturday, May 4, 2024
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TMC के रफीकुल ने अपनी ही पार्टी के नेता को मार डाला, 2 सहयोगियों की भी हत्या: खुलासे के बाद बोली तृणमूल कॉन्ग्रेस – वो हमारा आदमी नहीं

दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में पीर पार्क के पास गुरुवार (7 जुलाई, 2022) को टीएमसी (गोपालपुर) के ग्राम पंचायत सदस्य स्वप्न मांझी की 6 लोगों के एक समूह ने हत्या कर दी थी।

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में तीन टीएमसी नेताओं की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस घटना को लेकर पता चला है कि इस तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपित तृणमूल कॉन्ग्रेस का नेता रफीकुल है।

मारे गए लोगों की पहचान स्वप्न मांझी, झंटू हलदर और भूतनाथ प्रमाणिक के रूप में हुई है। इस मामले को लेकर बात करते हुए आरोपित की अम्मी आयशा सरदार ने कहा, “मेरे बेटे और पति दोनों टीएमसी कार्यकर्ता हैं। लेकिन वे स्वप्न मांझी से जुड़े नहीं थे। वे दूसरे गुट से ताल्लुक रखते थे।” खास बात ये है कि ये खुलासा उस वक्त हुआ है, जब टीएमसी लगातार भीषण हत्याओं के लिए लगातार विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है। रफीकुल की अम्मी का दावा है कि उसका बेटा टीएमसी से जुड़ा है। वहीं पार्टी इस खुलासे के बाद डिफेंसिव मोड में आ गई है।

इस मामले को लेकर टीएमसी के स्थानीय नेता सैकत मुल्ला ने दावा किया, “कैनिंग में रफीकुल नाम का कोई पार्टी कार्यकर्ता नहीं है। असामाजिक तत्व हमारी पार्टी के सदस्य नहीं हो सकते।” मुल्ला ने दावा किया कि अगर सच में रफीकुल टीएमसी का हिस्सा होता तो वो पार्टी के ही साथी नेता की हत्या क्यों करता?”

टीएमसी का नाम सामने आने के बाद मंत्री फिरहाद हकीम ने रफीकुल की अम्मी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया, “कोई भी इस तरह के बयान दे सकता है। यह पता लगाना पुलिस है और अदालत फैसला करेगी। बीजेपी गुजरात की तरह पश्चिम बंगाल में भी हत्या की राजनीति शुरू करने की कोशिश कर रही है। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।”

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में पीर पार्क के पास गुरुवार (7 जुलाई, 2022) को टीएमसी (गोपालपुर) के ग्राम पंचायत सदस्य स्वप्न मांझी की 6 लोगों के एक समूह ने हत्या कर दी थी। मांझी के अलावा दो और टीएमसी कार्यकर्ताओं, झंटू हलदर और भूतनाथ प्रमाणिक को भी मार दिया गया था। कथित तौर पर हमलावरों ने पहले तीनों पर एक देशी बम फेंका। स्वपन मांझी को दो बार जबकि भूतनाथ प्रमाणिक को एक बार गोली मारी गई थी। आरोपितों के भागने के बाद भीड़ ने झंटू हलदर की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी।

हत्यारों ने तीनों पीड़ितों का सिर कलम करने की भी कोशिश की। स्वपन मांझी के बड़े भाई मधु की शिकायत के बाद कैनिंग पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में रफीकुल सरदार, बशीर शेख, बापी मंडल, एबयादुल्लाह मंडल, अली हुसैन नस्कर और जलालुद्दीन अखंड नाम के छह लोगों को आरोपित बनाया गया था। सभी पुलिस से बचकर भाग रहे हैं।

वहीं अब बीजेपी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए तिहरे हत्याकांड को पार्टी के भीतर गुटबाजी का नतीजा बताया है। बीजेपी नेता भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “अब ये साफ हो गया है कि यह टीएमसी की गुटबाजी थी। गुट अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर पंचायत चुनाव से पहले क्षेत्र पर नियंत्रण करना चाहते थे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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