Thursday, November 14, 2024
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भारत-इजरायल से घृणा जिसकी USP, जो कश्मीर पर चलाती है पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा; वह शबाना महमूद बनी ब्रिटेन की नई ‘न्याय मंत्री’

शबाना और उसके साथियों ने इस संबंध में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन को एक पत्र लिख कर भारत पर दबाव बनाने की माँग की थी। इस पत्र में शबाना महमूद ने भारत और जम्मू कश्मीर पर कई सारे झूठ बोले थे।

यूनाइटेड किंगडम (UK) में नई लेबर पार्टी सरकार ने भारत और इजरायल पर दुष्प्रचार करने वाली शबाना महमूद को न्याय मंत्री बनाया है। शबाना महमूद को लॉर्ड चांसलर का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। शबाना महमूद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की मूलनिवासी हैं। वह 2010 से बर्मिंघम लेडीवुड से सांसद हैं। वह पाकिस्तान से होने के कारण लगातार एक दशक से अधिक समय से प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में झूठी अफवाहें फैला रही हैं।

सितंबर 2014 से वह लगातार इंग्लैंड में सांसद हैं। नवम्बर 2015 में शबाना महमूद और उनके कुछ साथियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंग्लैंड की यात्रा से पहले एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर से सेना हटाने, AFSPA को हटाने, आतंकवाद के आरोप में बंद लोगों को रिहा करने और कथित तौर पर सामूहिक कब्रों की जाँच करने की माँग की थी।

शबाना महमूद की इन मांगों को भारत में इंग्लैंड के हस्तक्षेप के तौर देखा गया था। इसी पत्र में शबाना महमूद ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की माँग की थी और इसके लिए अपने इरादे भी बताए थे।

गौरतलब है कि शबाना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का इस्तेमाल पाकिस्तान और उसकी सेना भारत पर दबाव डालने के लिए करती आई है, जबकि वह स्वयं इसका कभी पालन नहीं करती। शबाना महमूद और उनके साथी सांसदों ने भी पाकिस्तान के इसी एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम किया था।

जनवरी, 2017 में ब्रिटेन के निचले सदन हाउस ऑफ़ कॉमन्स में बोलते हुए महमूद ने भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की की माँग की थी। इसमें उन्होंने कई झूठे तथ्यों के आधार पर भारत की खराब छवि पेश करने का प्रयास किया था।

इस भाषण में उन्होंने कहा था, “यह दुनिया के सबसे ज़्यादा सेना की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में से एक है जहाँ दो परमाणु-सशस्त्र शक्तियों के बीच पुराना विवाद है। दुनिया भर में इस क्षेत्र के बाहर कहीं भी इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है और स्पष्ट रूप से हमारे देश में भी नहीं दिया जाता है। जबकि हमारे ब्रिटिश कश्मीरी लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा है। इस पर वही लोग ध्यान दे रहे हैं, लेकिन इसके बाहर के लोग कोई भी रुचि नहीं ले रहे।”

अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी किया था प्रलाप

मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद शबाना महमूद ने प्रोपेगैंडा की रफ़्तार डबल कर दी थी। उन्होंने इसको लेकर ट्विटर पर लिखा था, “भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के निर्णय से मैं बहुत चिंतित हूँ, इससे जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता खत्म हो गई है। हाल के दिनों में हमने भारत सरकार द्वारा जो कार्रवाई में बढ़त देखी है, इसे रोका जाना चाहिए। मानवाधिकारों को बरकरार रखा जाना चाहिए।”

शबाना और उसके साथियों ने इस संबंध में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन को एक पत्र लिख कर भारत पर दबाव बनाने की माँग की थी। इस पत्र में शबाना महमूद ने भारत और जम्मू कश्मीर पर कई सारे झूठ बोले थे।

शबाना महमूद के पत्र में लिखा,”हम आपसे अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भारत सरकार के कदम की कड़ी निंदा करने और हिंदू राष्ट्रवाद चलाने वाले नेता प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम पर विचार करने का आह्वान करते हैं। हिन्दू राष्ट्रवाद के कारण भारत बदतर बना रहा है और इससे 19.5 करोड़ मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बन रहे हैं। BBC की रिपोर्ट में भी यही बात साबित हुई है कि ‘गौ रक्षा’ के नाम पर हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा कितने लोगों की हत्या की गई है।”

शबाना महमूद और उनकी लेबर पार्टी के साथी यह पत्र लिखते समय भूल गए थे कि भारत अब इंग्लैंड का गुलाम नहीं है। ऐसे में उनके किसी भी प्रलाप का भारत पर कोई असर नहीं होने वाला। 7 अगस्त, 2019 को स्काई न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया, “मुझे लगता है कि भारत सरकार द्वारा कश्मीर की स्वायत्तता, स्वतंत्रता और विशेष दर्जे को छीनने का यह कदम बेहद भड़काऊ है। यह एक आक्रामक कार्रवाई है। मुझे लगता है कि यह काफी खतरनाक भी है।

उन्होंने भारत के इस फैसले को कश्मीर के साथ विश्वासघात बताया था। अगस्त, 2019 में शबाना महमूद को बर्मिंघम (यहाँ 29.9% मुस्लिम आबादी है) में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर अपने पाकिस्तानी साथियों के साथ प्रदर्शन करते देखा गया था। भारत और ब्रिटेन आपस में सहयोगी हैं और सहयोगी देश के सांसद का प्रदर्शन करना विचित्र बात थी।

मई 2020 में शबाना महमूद ने लेबर पार्टी के नेता और अब प्रधानमंत्री किएर स्टार्मरको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कश्मीर की कथित स्थिति के बारे में जानकारी देने के बारे में ट्वीट किया था। जम्मू कश्मीर को लेकर शबाना महमूद का आखिरी सोशल मीडिया मेल्टडाउन 5 अगस्त, 2020 को हुआ था। इसके बाद से उन्होंने जम्मू कश्मीर पर कुछ नहीं लिखा।

इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था “भारत सरकार द्वारा कश्मीर की स्वायत्तता और विशेष दर्जा रद्द करने के बाद लॉकडाउन लगाए हुए एक साल हो गया है। यह एक अन्याय से भरी और एकतरफा कार्रवाई थी और कोविड से दोहरे लॉकडाउन के साथ, काफी सारे लोग दोस्तों और परिवार के लिए चिंतित हैं।”

वह इससे पहले भी फिलिस्तीन के मुद्दे से जुड़ी रही हैं। एक तस्वीर में शबाना महमूद एक पोस्टर पकड़े हुए दिखाई दी थीं। इस पर लिखा था, ”फिलिस्तीन को आजाद करो, इजरायली कब्जे को खत्म करो।”

2014 की डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, शबाना महमूद बर्मिंघम में एक सुपरमार्केट को जबरन बंद करने में शामिल थीं, क्योंकि वहाँ कथित तौर पर ‘अवैध बस्तियों’ से सामान स्टॉक किया गया था। यहूदी लोगों ने उन पर ‘तनाव बढ़ाने’ का बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। एक लेख में, द जेरूसलम पोस्ट ने बताया था कि वह किस तरह इजरायल विरोधी बयानबाजी लगातार कर रही थीं।

अब यह देखना बाकी है कि लेबर पार्टी के भीतर भारत-विरोधी और इजरायल-विरोधी प्रचार करने वाली शबाना महमूद , अब न्याय मंत्री के रूप में कैसे अपना कर्तव्य निभाती हैं।

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Dibakar Dutta
Dibakar Duttahttps://dibakardutta.in/
Centre-Right. Political analyst. Assistant Editor @Opindia. Reach me at [email protected]

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