Friday, June 20, 2025
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बांग्लादेश ने उस जमाती आतंकी को छोड़ा जिसने की 1250+ हत्या, चलाता था रेप कैंप, फूँक दिए थे हिंदुओं के गाँव: ATM अजहरुल इस्लाम को मिली थी मौत की सजा

ATM अजहरुल इस्लाम को वर्ष 2012 में आवामी लीग सरकार ने गिरफ्तार किया था। उसे पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर 1,256 लोगों की हत्या, 17 लोगों का अपहरण और 13 महिलाओं के साथ रेप करने का दोषी पाया गया था।

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के आतंकी को रिहा कर दिया है। रिहा किए गए इस इस्लामी आतंकी का नाम ATM अजहरुल इस्लाम है। जेल से रिहा किए गए जाने के बाद उसका इस्लामी कट्टरपंथियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया है। यह मौलाना 1971 में किए गए रेप, हत्या और अपहरण जैसे युद्ध अपराधों के लिए सजा काट रहा था।

ATM अजहरुल इस्लाम को वर्ष 2012 में आवामी लीग सरकार ने गिरफ्तार किया था। उसे पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर 1,256 लोगों की हत्या, 17 लोगों का अपहरण और 13 महिलाओं के साथ रेप करने का दोषी पाया गया था।

जमात-ए-इस्लामी का यह आतंकी नरसंहार, हिरासत, यातना, लूटपाट और आगजनी में भी शामिल था। दिसंबर 2014 में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने उसे दोषी ठहराया था। ATM अजहरुल इस्लाम को मानवता के खिलाफ अपराध के 3 मामलों में मौत की सजा और 2 मामलों में कारावास की सजा सुनाई गई थी।

अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के इसी अपील डिवीजन ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था। हालाँकि, इस साल फरवरी में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने अजहरुल को दोषी फैसले को चुनौती देने के लिए नई अपील दायर करने की अनुमति दी।

इस अपील डिवीजन ने पहले उसकी दोषसिद्धि और मृत्युदंड को बरकरार रखा था। इसके बाद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (27 मई, 2025) को जमात-ए-इस्लामी आतंकी को बरी कर दिया। वह 28 मई को बाहर आया तो उसका स्वागत करने के लिए बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथी खड़े थे।

अगस्त, 2024 में शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद और मोहम्मद यूनुस के कुर्सी संभालने के बाद लगातार इस्लामी आतंकियों को रिहा किया जा रहा है।

ATM अजहरुल इस्लाम के 1971 के अपराध

ATM अजहरुल इस्लाम ने वैसे ही अपराध किए थे, जैसे ऑपरेशन सर्चलाईट के दौरान 26 मार्च 1971 और 25 मई 1971 के बीच पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए थे। उसके अपराध बांग्लादेश के रंगपुर डिवीजन में केंद्रित थे और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (26 मार्च 1971 से 16 दिसंबर 1971) के अंत तक चलते रहे।

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जाँच के अनुसार, ATM अजहरुल इस्लाम ने 16 अप्रैल 1971 को मोक्षेदपुर गाँव पर हमला किया था। वह निहत्थे नागरिकों की हत्या, घरों को लूटने और उन्हें आग लगाने में शामिल था। उसके साथ पाकिस्तानी सेना और जमात-ए-इस्लामी के अन्य आतंकवादी भी थे।

एक दिन बाद (17 अप्रैल 1971) को ATM अजहरुल इस्लाम ने हिंदू बहुल गाँवों में व्यवस्थित तरीके से हमले किए और झारूआरबील के पास 1200 से अधिक लोगों की हत्या कर दी। वह अपहरण, आगजनी, हत्या और बड़े पैमाने पर नरसंहार में शामिल था।

उसने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर रंगपुर कारमाइकल कॉलेज पर छापा मारा और यहाँ 4 हिंदू प्रोफेसरों और 1 महिला का अपहरण किया। सभी 5 पीड़ितों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना 30 अप्रैल 1971 को हुई थी।

ATM अजहरुल इस्लाम ने मार्च और दिसंबर 1971 के बीच रंगपुर में एक ‘रेप कैम्प’ चलाया, जहाँ उसने अपने पीड़ितों का अपहरण किया, उन्हें कैद किया, प्रताड़ित किया और बार-बार बलात्कार किया। वह नवंबर और दिसंबर 1971 के बीच ‘जॉय बांग्ला’ का नारा लगाने वाले एक युवक के भाई पर हमला करने में भी शामिल था

मानवता के खिलाफ अपराधों में उसकी मिलीभगत के भारी सबूतों के बावजूद, आतंकवादी ATM अजहरुल इस्लाम को रिहा कर दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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