The father of a grooming gang victim.
— Basil the Great (@Basil_TGMD) January 2, 2025
He tried to rescue his daughter from the apartment she was being held in and the Police arrested HIM.
This happened multiple times. pic.twitter.com/PlNgDjVui2
Whoever ordered the arrest of fathers trying to protect their daughters from gang rape should be in prison for life https://t.co/jJj0pmoqSD
— Elon Musk (@elonmusk) January 2, 2025
अब इसी क्रम में एक पीड़िता की भी वीडियो सामने आई है। पीड़िता बता रही है कि जब उसने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में सामने आकर सीएसई टीम के जासूस को बताया, तो कार्रवाई की बजाय ये पूछा गया कि क्या तुमने सेक्स के लिए हाँ कहा था। पीड़िता ने बताया कि वो केवल पाँच साल की थीं जब उनके साथ ये सब हुआ था और तब बाकी के 96.5% केसों की तरह सीपीएस ने कोर्ट में उनका मामले में भी आरोपितों को कोर्ट तक ले जाने से मना कर दिया था।
When I came forward about my abuse, I remember being asked by a detective from the CSE team whether I had “consented” to sexual activity at any point.
— Samantha Smith (@SamanthaTaghoy) January 2, 2025
I was five when I was first abused.
And like 96.5% of sex abuse cases, CPS refused to take my abusers to court.
Then, I went… https://t.co/Ee1mHGQtFU pic.twitter.com/QD8tNxRlkL
पुलिस प्रशासन से निराश होने के बाद पीड़िता नेशनल टीवी पर गई और शहर में हो रहे बाल यौन शोषण के बारे में टीवी पर सब कुछ बताया। पीड़िता कहती हैं कि उनके इस कदम के बाद पुलिस दौड़ी-दौड़ी उनके दरवाजे आई और उन्हें अपने साथ बयान देने के लिए थाना चलने को कहा। पीड़िता के मुताबिक पुलिस उन्हें सिर्फ इसलिए ले जाना चाहती थी ताकि उन्हें चुप करवा सके।
ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ एक्शन
बता दें कि ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ की गई कार्रवाई में पिछले वर्ष तक 550 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। यह कार्रवाई एक विशेष पुलिस टास्कफोर्स द्वारा की गई, जिसे अप्रैल 2023 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा स्थापित किया गया था। इस टास्कफोर्स का उद्देश्य बाल यौन शोषण और ग्रूमिंग से संबंधित मामलों की जाँच को बेहतर बनाना और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना था।
यह टास्कफोर्स इंग्लैंड और वेल्स के सभी 43 पुलिस बलों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें विशेषज्ञ अधिकारी और डेटा विश्लेषक शामिल हैं, जो ग्रूमिंग गैंग के मामलों की जाँच पहले भी कर चुके हैं। इस टास्कफोर्स की वजह से 4,000 से अधिक पीड़ितों की पहचान हो चुकी है और उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की जा चुकी है।
ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग की समस्या आज की नहीं है। सालों से इस गैंग का शिकार हुई पीड़िताओं की कहानी लोगों को चौंकाती रही है। इस गैंग का कनेक्शन सीधा पाकिस्तान के इस्लामी कट्टरपंथियों से था जो चुन-चुन कर छोटी उम्र की गोरी और गैर मुस्लिम लड़कियों को अपना शिकार बनाते, फिर उनका शोषण करते, उनसे अप्राकृतिक रूप से बलात्कार करते, उनकी तस्करी करते और उन्हें हिंसक धमकियाँ देते थे। ग्रूमिंग गैंग चलाने वाले दरिंदों का साफ मानना था कि गोरी लड़कियाँ कचरा और वेश्या हैं इनका इस्तेमाल कैसे भी हो सकता है।
हैरानी की बात ये है कि लड़कियों को टारगेट करने वाले अपना धंधा एक दशक तक ब्रिटेन के अलग-अलग शहरों (लंदन, ब्रिस्टल, बर्मिंघम, रोशडेल, रोदरहैम आदि) में चलाते रहे लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई एक्शन तक नहीं लिया। नतीजतन 1997 से 2013 तक एशियाई देशों (मुख्यत: पाकिस्तान) के इस्लामी कट्टरपंथी 1400 लड़कियों को अपने निशाना बना चुके थे। मामले का खुलासा आखिर में तब हुआ कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर ध्यान दिया। इन्हीं लोगों की पहल से इस मामले में एक स्वतंत्र रिपोर्ट आई जिसने इस मुद्दे को उठाया और पीड़िताएँ सामने आईं।