Sunday, July 13, 2025
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वक्फ पर पाकिस्तान ने किया प्रलाप तो भारत ने लताड़ा, अपना घर देखने की दी सलाह: कहा- यह हमारा आंतरिक मामला

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने वक्फ कानून को 'भेदभावपूर्ण' बताते हुए दावा किया था कि यह अधिनियम भारत में मुस्लिमों के मजहबी और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

हाल ही में भारत में पारित हुए वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर पाकिस्तान की आलोचनात्मक टिप्पणियों पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के बयानों को ‘प्रेरित’ और ‘निराधार’ बताते हुए उन्हें दृढ़ता से खारिज किया है। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार (15 अप्रैल, 2025) को कहा, “हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणियों को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं। पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने से पहले अपने ही देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर आत्ममंथन करना चाहिए।”

पाकिस्तान ने क्या कहा था?

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने वक्फ कानून को ‘भेदभावपूर्ण’ बताते हुए दावा किया था कि यह अधिनियम भारत में मुस्लिमों के मजहबी और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि यह कानून भारतीय मुस्लिमों को मस्जिदों, दरगाहों और अन्य धार्मिक स्थलों से वंचित कर सकता है। उन्होंने इसे भारत में बढ़ते ‘बहुसंख्यकवाद’ का प्रतीक बताया था।

वक्फ कानून, संसद से सुप्रीम कोर्ट तक

भारत का नया वक्फ संशोधन अधिनियम संसद के दोनों सदनों में व्यापक बहस के बाद पारित हुआ था। लोकसभा ने 3 अप्रैल को और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को इसे मंजूरी दी थी। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े। वहीं राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन किया जबकि 95 ने विरोध किया।

यह कानून 8 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद कानून बन गया था। इस कानून के विरोध में कई याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को सुनवाई की है।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक स्थलों पर नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश है, जिससे उनके अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। वहीं सरकार ने इसे पहले से वक्फ में होती आई अनियमितताओं को खत्म करने के लिए जरूरी बताया है।

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विवेकानंद मिश्र
विवेकानंद मिश्र
एक पत्रकार और कंटेंट क्रिएटर। राजनीति, संस्कृति, समाज से जुड़ी अनसुनी कहानियाँ सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध।

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